अयोध्या में हो रहे श्रीराम मंदिर निर्माण से राजस्थान की गहलोत सरकार को विशेष लाभ होने वाला है। अयोध्या राम मंदिर निर्माण में प्रयोग किए जा रहे गुलाबी बलुआ पत्थर की आपूर्ति राजस्थान से होती है और इस आपूर्ति के लिए किए जाने वाले खनन से राजस्थान की गहलोत सरकार मालामाल होने वाली है। राज्य सरकार को इस नीलामी से 245.54 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होगा।
ज्ञात हो कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण जोरों पर चल रहा है। सरकार की तैयारी है कि 2023 के आखिर तक मंदिर को जनता के लिए खोल दिया जाएँ, हालाँकि पूरा परिसर 2025 तक ही तैयार हो पाएगा।
राम मंदिर निर्माण में प्रयोग किए जा रहे गुलाबी पत्थरों की आपूर्ति में कोई कमी न आए इसके लिए भारत सरकार ने राजस्थान की गहलोत सरकार के सहयोग से लाल पत्थरों के खनन के लिए संवेदनशील क्षेत्र बंशी पहाड़पुर के खदानों की नीलामी कर दी है।
अब अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के लिए लाल पत्थर वैध तरीके से खनन कर लाए जा सकेंगे। राम मंदिर निर्माण के लिए राजस्थान से सप्लाई किए जाने वाले लाल बलुआ पत्थरों के खनन ब्लॉक की नीलामी से अशोक गहलोत सरकार मालामाल होने जा रही है।
दरअसल इस इस क्षेत्र में खनन ब्लॉक की नीलामी आरक्षित मूल्य से 17 गुना ज्यादा दाम में हुई है। 38 खदानों की नीलामी से राज्य को 245 करोड़ रुपए से अधिक मिले हैं। खान एवं पेट्रोलियम के अपर मुख्य सचिव डॉ सुबोध अग्रवाल ने बताया कि दो खदानों में आरक्षित मूल्य से 42% अधिक पैसा राज्य को मिला है।
सुनोध अग्रवाल ने बताया, “अब राम मंदिर के लिए कानूनी खनन हो पाएगा और मंदिर के लिए पत्थर उपलब्ध होंगे।बंशी पहाड़पुर क्षेत्र में लगभग 230 हेक्टेयर क्षेत्र में 39 खदानें बनाई गए हैं। 10 नवंबर से 3 दिसंबर तक दो चरणों में भारत सरकार के ई-प्लेटफॉर्म पर नीलामी की प्रक्रिया पूरी की गई।”
उन्होंने बताया कि इन भूखंडों का आरक्षित मूल्य 7.93 करोड़ रुपये था, जबकि राज्य सरकार को इनकी नीलामी से 245.54 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा। इन पत्थरों की आपूर्ति भरतपुर जिले के बंशी पहाड़पुर क्षेत्र से की जाएगी।
खनन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बंशी पहाड़पुर क्षेत्र के 120 हेक्टेयर खनन क्षेत्र को राज्य सरकार के उपक्रम राजस्थान स्टेट माइन्स एंड मिनरल्स लिमिटेड के लिए रिजर्व किया गया है। वहीं 230.64 हेक्टेयर क्षेत्र में 39 खदानें डेवलप कर उनकी ई-नीलामी की जा रही है।
इन खदानों की नीलामी से गहलोत सरकार को जहाँ 17 गुना अधिक राजस्व की प्राप्ति हुई है,वहीं इस क्षेत्र में दस हजार से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से रोजगार भी उपलब्ध हो सकेगा। एक अधिकारी ने बताया कि इस क्षेत्र में कानूनी तौर पर खनन शुरू होने से एक अनुमान के मुताबिक 10,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।
खनन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बंशी पहाड़पुर क्षेत्र के 120 हेक्टेयर खनन क्षेत्र को राज्य सरकार के उपक्रम राजस्थान स्टेट माइन्स एंड मिनरल्स लिमिटेड के लिए आरक्षित किया गया है, वहीं, 230.64 हेक्टेयर क्षेत्र में 39 खनन भूखंड विकसित कर ई-नीलामी की जा रही है।
इस क्षेत्र में कानूनी तरीके से खनन शुरू होने से एक मोटे अनुमान के मुताबिक 10,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। बता दें कि अभी तक इस क्षेत्र के अवैध खनन जोरों पर था।
हालांकि कागजों पर 2016 के बाद से इस क्षेत्र में कोई खनन नहीं हुआ है, लेकिन इलाके में अवैध खनन से निकाला गया पत्थर मार्केट में उपलब्ध है। बंसी पहाड़पुर का गुलाबी बलुआ पत्थर ग्रे मार्केट में उपलब्ध है। आपको बता दें कि इससे पहले बंसी पहाड़पुर भरतपुर में बंद बरेठा वन्यजीव अभयारण्य का हिस्सा था, जहां खनन प्रतिबंधित था।