MP: हबीबगंज होगा रानी कमलापति रेलवे स्टेशन, प्रशासन की 'क्लीन चिट' के बाद केंद्र को भेजा प्रस्ताव

13 नवम्बर, 2021
भोपाल के हबीबगंज स्टेशन का नाम रानी कमलापति रेलवे स्टेशन करने की उठी माँग

उत्तर प्रदेश में कई जगहों के नाम बदलकर उन के प्राचीन नामों पर रखे जाने के बाद अब मध्य प्रदेश से भी इसी प्रकार के कई अनुरोध सामने आ रहे हैं। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन (Habibganj Railway Station) के पुनर्विकास के बाद अब उसका नाम बदलकर नवीन प्रस्तावित नाम रानी कमलापति रेलवे स्टेशन (Rani Kamalapati Railway Station) रखने माँग उठ रही है।

खबरों की मानें तो मध्य प्रदेश प्रशासन ने हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम रानी कमलापति के नाम पर रखने को ले कर अपनी ‘क्लीन चिट’ दे दी है और अब इस सम्बन्ध में आगे आवश्यक कागजी करवाई का इन्तजार है।


भारत के विभिन्न राज्यों में कई क्रूर मुगल शासकों तो कई अन्य विदेशी आक्रांताओं के नाम पर सड़क, रेलवे स्टेशन और अन्य कई सार्वजनिक स्थान होना आम सी ही बात है। फिर चाहे वह राजधानी दिल्ली की ‘औरंगज़ेब लेन’ हो या बिहार का ‘बख्तियारपुर जंक्शन’।

उत्तर प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा राज्य में इन ऐतिहासिक भूलों को सुधारने का प्रयास जारी है। जहाँ एक ओर उत्तर प्रदेश में ‘फैज़ाबाद जंक्शन’ को ‘अयोध्या कैंट’ के नाम में बदला गया, वहीं कुछ समय पूर्व उत्तर प्रदेश के ‘अलीगढ़’ का नाम भी ‘हरिगढ़’ किया गया था। 

इसी विषय में चर्चित लेखक विजय मनोहर तिवारी ने शुक्रवार (12 नवंबर, 2021) को ट्विटर पर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से संबंधित ऐसा ही कुछ अनुरोध साझा किया। उन्होंने लिखा कि जहाँ फूहड़ नाम ज़बरदस्ती थोपे गए हैं, उन्हें बदला जाना चाहिए।

इसके साथ ही उन्होंने मध्य प्रदेश के राज्यपाल के नाम एक अनुरोध भी साझा किया। इसमें राजधानी भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम रानी कमलापति रेलवे स्टेशन करने को लेकर आग्रह किया गया।

दरअसल हबीबगंज रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के बाद कुछ दिनों पहले रेल मंत्रालय द्वारा स्टेशन के नवीन चित्र ट्विटर पर साझा किए गए थे। 


रानी कमलापति के नाम पर हो स्टेशन 

केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के सचिव को लिखे गए इस इस पत्र में यह बताया गया कि सरकार द्वारा 100 करोड़ रुपए लगाकर हबीबगंज रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास किया गया है और इसका लोकार्पण 15 नवंबर, 2021 को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किया जाना भी प्रस्तावित है।


इस पत्र में राज्य सरकार द्वारा आगे यह आग्रह किया गया कि क्योंकि 16वीं सदी में भोपाल क्षेत्र गोंडा शासकों के अधीन था और तत्कालीन राजा सूरज सिंह शाह के पुत्र निजामशाह से रानी कमलापति का विवाह हुआ था।

रानी कमलापति आदिवासी समुदाय की रानी थीं। उन्होंने अपना पूरा जीवन बहादुरी और वीरता से आक्रमणकारियों का सामना करने में बताया था इसी कारण हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम रानी कमलापति रेलवे स्टेशन किया जाना चाहिए।


बता दें कि लेखक विजय तिवारी ने पहले भी इस विषय में ट्वीट करते हुए अपने विचार साझा किए हैं। कुछ दिनों पहले किए गए अपने एक ट्वीट में उन्होंने कहा था कि जब फैज़ाबाद स्टेशन अयोध्या हो गया है तो मध्य प्रदेश के हबीबगंज स्टेशन का नाम क्यों नहीं बदला जाता? जब परिवर्तन का समय चल ही रहा है तो नए रूप में पुरानी पहचान लौटनी चाहिए।

बता दें कि भोपाल के स्थानीय लोगों की लंबे समय से इस स्टेशन का नाम बदलने की माँग सामने आती रही है।



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