महाराष्ट्र: भड़काऊ भाषण से अमरावती हिंसा भड़काने वाले शिवसेना नेता समेत 4 गिरफ्तार

25 नवम्बर, 2021
अमरावती हिंसा के मामले में भाजपा नेताओं के बाद अब शिवसेना नेताओं की गिरफ्तारियाँ भी शुरू हो गई हैं

महाराष्ट्र के अमरावती शहर में 12 और 13 नवम्बर को हुई अमरावती हिंसा के मामले में भाजपा नेताओं के बाद अब शिवसेना नेताओं की गिरफ्तारियाँ भी शुरू हो गई हैं। सत्तारूढ़ शिवसेना के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार की पुलिस ने शिवसेना के जिलाध्यक्ष को गिरफ्तार कर लिया है।

हिन्दू संगठनो द्वारा बुलाए गए बंद में भाजपा के साथ ही शिवसेना के जिला प्रमुख राजेश वानखेड़े, महानगर प्रमुख पराग गुधे और कुछ शिवसैनिक शामिल हुए थे। इसी मामले में राजेश वानखेड़े और पराग दुधे सहित चार शिवसैनिकों को महाराष्ट्र पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

बता दें कि गत 12 और 13 तारीख को अमरावती में बंद मार्च में बीजेपी और हिंदू समर्थक संगठन हिस्सा ले रहे थे, जिसमें शिवसेना जिलाध्यक्ष राजेश वानखेड़े, महानगर प्रमुख पराग गुधे और कुछ शिवसैनिक भी शामिल हुए थे।

इसी मामले में शहर कोतवाली पुलिस ने शिवसेना के जिलाध्यक्ष राजेश वानखड़े और महानगर प्रमुख पराग गुधे समेत चार शिवसैनिकों को गिरफ्तार किया है। पुलिस का आरोप है कि इन्होंने नारेबाजी और भड़काऊ भाषण दिए थे।

बता दें कि पिछले महीने त्रिपुरा में हुई हिंसा के खिलाफ महाराष्ट्र के अमरावती जिले में कुछ मुस्लिम संगठनों के विरोध प्रदर्शन के दौरान अज्ञात व्यक्तियों ने दुकानों पर पथराव कर दिया था, जिसके बाद इलाके के कई हिस्सों में तनाव फैल गया था।

हिन्दू संगठनों ने इसी हिंसा के खिलाफ़ अमरावती में बंद का आह्वान किया था। बंद के दौरान अचानक हिंसा भड़क उठी, जिसमें कुछ शरारती तत्वों ने जमकर पत्थरबाजी की।

इसी मामले में कुछ दिन पहले पुलिस ने भाजपा नेता और राज्य के पूर्व कृषि मंत्री अनिल बोंडे समेत 14 लोगों को गिरफ्तार किया था। 14 को अदालत में पेश होने के बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया। बाद में भाजपा नेता और पूर्व संरक्षक मंत्री प्रवीण पोटे समेत दस लोगों को गिरफ्तार किया गया।

भाजपा लगातार पुलिस पर आरोप लगाती रही है कि दंगों में शिवसेना की संलिप्तता के बावजूद पुलिस उन्हें बचाने की कोशिश कर रही है। आखिरकार अब उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।

इस बीच, पूर्व मंत्री अनिल बोंडे ने दंगों की न्यायिक जाँच की माँग करते हुए सवाल किया कि क्या राज्य सरकार की विफलता को छिपाने के लिए 12 नवंबर के दंगों का मंचन किया गया था।

भाजपा ने नाँदेड़, अमरावती और मालेगाँव में हिंसा के विरोध में नाँदेड़ में प्रदर्शन भी किया। इस आंदोलन में अनिल बोंडे भी शामिल थे।



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