भारत-बांग्लादेश सीमा पर बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) के जवानों ने 2 बांग्लादेशी बदमाशों को मार गिराया है। पूरे घटनाक्रम में एक बीएसएफ का एक जवान भी घायल हो गया। ये बदमाश भारतीय सीमा में घुसने का प्रयास और मवेशियों की तस्करी कर रहे थे, जिस समय इनकी बीएसएफ की टुकड़ी के साथ मुठभेड़ हुई।
बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल के रास्ते भारत में घुसपैठ अब आम सी बात बन गई है। पिछले कुछ समय में ऐसे कई मामले आए हैं जिनमें बांग्लादेशी बॉर्डर पार करके पहले पश्चिम बंगाल में घुसा जाते हैं और इसके उपरांत ये लोग कश्मीर से लेकर दक्षिण भारत तक के कई राज्यों में देखे जाते हैं।
ऐसे कई गिरोह और लोग भी पकड़े गए हैं जो इन बांग्लादेशी लोगों अवैध रूप से भारत में घुसाते और पनाह देते हैं। बाद में इन लोगों के जाली भारतीय आधार कार्ड और वोटर आईडी तक बनवा दिए जाते हैं।
शुक्रवार (12 नवंबर, 2021) की रात के लगभग 3 बजे पश्चिम बंगाल के कूचबिहार ज़िले से ऐसा ही एक मामला सामने आया। रात के समय यहाँ बॉर्डर पर तैनात बीएसएफ के जवानों को दो लोग बांग्लादेशी-भारतीय सीमा पर मवेशियों की तस्करी करते दिखे।
पहले तो सुरक्षा अधिकारियों ने उन्हें वहाँ पर जाने की चेतावनी दी, परंतु इन घुसपैठियों ने बीएसएफ की चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया। इसके उपरांत BSF के जवानों ने इन्हें रोकने के लिए गैर-घातक गोला बारूद का इस्तेमाल किया।
इन घुसपैठियों ने बीएसएफ़ जवानों पर लोहे के डंडों से हमला प्रारंभ कर दिया। विवाद के अधिक बढ़ जाने पर बीएसएफ़ द्वारा पहले हवा में और उसके बाद इन घुसपैठियों पर गोलियाँ चलाई गईं। पूरी मुठभेड़ में दो घुसपैठिए मारे गए।
इस विवाद में एक बीएसएफ़ अधिकारी को भी गंभीर चोटें आईं हैं। पूरे मामले की जानकारी बीएसएफ़ ने मीडिया के साथ साझा की।
उन्होंने आगे यह भी कहा:
“बांग्लादेश की ओर से आए इन बदमाशों ने भारतीय सीमा में कदम रखा। इन लोगों ने बाँस के ब्रैकेट का इस्तेमाल कर मवेशियों की तस्करी की भी कोशिश की। बीएसएफ ने उन्हें वापस जाने की चेतावनी दी थी और हमारे सैनिकों ने इन्हें रोकने के लिए गैर-घातक हथियारों का भी प्रयोग किया, परंतु इन लोगों ने उल्टे बीएसएफ के जवानों पर ही लोहे की छड़ों और लाठियों से हमला किया।”
घटनास्थल की कुछ तस्वीरें भी सामने आई हैं, जिनमें सीमा पर बाँस और रस्सियों का प्रयोग कर मवेशियों की तस्करी के लिए हाथों से बनाए गए हथियार साफ देखे जा सकते हैं।
बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब इस तरह के घुसपैठिए सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए हों या गिरफ्तार हुए हों। पश्चिम बंगाल में इस प्रकार की घुसपैठ आम है और समय-समय पर बांग्लादेशियों के साथ-साथ रोहिंग्या घुसपैठियों को भी सुरक्षा बलों और पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जाता है।