कर्नाटक राज्य में स्कूल में हिजाब पहनने को लेकर पिछले कुछ हफ्तों से चल रहे विवाद ने हाल ही में रौद्र रूप ले लिया। मामले में हिजाब के विरोध में व्हाट्सएप पर स्टेटस लगाने को लेकर कर्नाटक के दावणगेरे ज़िले में कुछ मुस्लिम लोगों की भीड़ ने एक व्यक्ति को चाकू मारकर घायल कर दिया। आरोपितों ने पीड़ित की बूढ़ी माँ पर भी हमला किया।
यह पूरा विवाद कर्नाटक के उडुपी शहर के सरकारी कॉलेज में 31 दिसंबर, 2021 को उस समय प्रारम्भ हुआ जब कुछ मुस्लिम समुदाय की छात्राएँ हिजाब पहनकर कॉलेज पढ़ने आईं। इसके बाद कॉलेज प्रशासन ने इस विषय में उन्हें बताया कि कॉलेज में एक ड्रेस कोड यानी वर्दी पहन कर आना आवश्यक है और सभी छात्र इसका पालन करें। कॉलेज के इस ड्रेस कोड में हिजाब शामिल नहीं है।
इस मामले में जब कॉलेज प्रशासन और छात्राओं के बीच विवाद बढ़ गया तो कुछ मुस्लिम समुदाय की छात्राओं ने 13 जनवरी, 2022 को यह कहा कि वे कक्षा में तभी बैठेंगी जब उन्हें हिजाब पहनकर आने की अनुमति दी जाएगी। मामला लंबा खिंचने पर मुस्लिम समुदाय का एक संगठन केंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI) इस विवाद में कूद पड़ा और वे मुस्लिम महिलाओं के कॉलेज में हिजाब पहनकर आने का समर्थन करने लगे।
इसके बाद कॉलेज में पढ़ने वाली हिंदू छात्राओं और अन्य छात्रों की ओर से भी प्रतिकार हुआ और उन्होंने भी स्कूल कॉलेजों में भगवा गमछा पहन कराने की माँग सामने रखी और हिजाब के विरोध में भगवा गमछे पहन कर प्रदर्शन किया।
पूरा मामला राज्य प्रशासन से लेकर उच्च न्यायालय तक पहुँच गया है और कोई अंतिम निर्णय आने तक न्यायालय ने स्कूल कॉलेज में किसी भी प्रकार के हिजाब या भगवा गमछे को बैन कर देने का निर्णय सुनाया है।
इस विषय ने शुक्रवार (11 फरवरी, 2022) को उस समय एक गंभीर मोड़ ले लिया जब राज्य के दावणगेरे ज़िले के रहने वाले एक 25 वर्षीय नवीन नामक व्यक्ति ने सोशल मीडिया ऐप व्हाट्सएप पर हिजाब पहनने के विरोध में स्टेटस साझा किया। ऐसा करने पर इस व्यक्ति के घर पर मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों की भीड़ हमला कर दिया और उसे घर से बाहर खींच कर पीटना प्रारंभ कर दिया।
भीड़ ने नवीन के साथ-साथ उसकी बूढ़ी माँ पर भी हमला किया, इस पूरे हमले में माँ और बेटे को गंभीर चोटें आईं हैं और उनका इलाज कराया जा रहा है।
ऐसे ही एक अन्य मामले में दिलीप मालागिमाने नामक व्यक्ति पर भी हमला किया गया। दिलीप मालेबेन्नूर शहर के गिगाली सर्कल के पास एक स्टोर चलाते हैं। बुधवार (9 फरवरी, 2022) मुस्लिम समुदाय के लोगों की एक भीड़ उनके दुकान पर आई और उसने उन्हें हिजाब बैन का समर्थन करने को लेकर स्टोर से बाहर खींचकर पीटना प्रारम्भ कर दिया।
भीड़ ने उनपर चाकुओं से भी हमला किया। जब पुलिस ने पीड़ित को बचाने का प्रयत्न किया तो भीड़ ने पुलिस अधिकारियों के साथ भी मारपीट की। मामले को लेकर पुलिस ने केस दर्ज कर कुछ दंगाइयों को हिरासत में लिया है।
बता दें कि यह कोई पहला अवसर नहीं है जब सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा करने को लेकर किसी व्यक्ति पर हमला हुआ है। हाल ही में 25 जनवरी, 2022 को गुजरात के धांदुका वे 30 वर्ष के किशन भरवाड़ को भी शब्बीर और इम्तियाज़ नामक दो लोगों ने गोली मार दी थी।
किशन ने 6 जनवरी को सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया था, जिसमें उन्होंने पैगंबर मोहम्मद और जीसस को ईश्वर का पैगंबर और बेटा बताया था, वहीं श्रीकृष्ण को ईश्वर बताया था। इसी को लेकर मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग भड़क गए और उन्होंने पहले थाने में इस मामले को लेकर एफआईआर दर्ज कराई और किशन को गिरफ्तार भी किया गया।
किशन ने सज़ा काटने के बाद मामले को लेकर माफ़ी भी माँग ली परन्तु फिर भी बाद में 25 जनवरी की शाम 5:30 बजे किशन की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
इसके साथ ही झारखंड राज्य में भी हाल ही में 17 वर्षीय रूपेश पांडे नामक किशोर की सरस्वती विसर्जन के दौरान कट्टरपंथी इस्लामी यों की एक भीड़ ने हत्या कर दी। हज़ारीबाग के नई ताँडगाँव में सरस्वती विसर्जन की पूजा के दौरान करीब 27 लोगों की भीड़ ने रूपेश पर हमला किया और पीट-पीटकर उसकी जान ले ली।
इस नृशंस हत्या से नाराज़ लोग झारखंड में सड़कों पर भी उतर कर आए और उन्होंने धनवर बाज़ार समेत कई क्षेत्रों में विरोध मार्च और कैंडल मार्च भी निकाले।