उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। जमीनी जायजा लेने के लिए डू-पॉलिटिक्स टीम लोगों के बीच है। लोगों से बातचीत का ये सिलसिला गौतम बुद्ध नगर जिले के नोएडा से शुरू हुआ है।
गाँव में हमने स्थानीय लोगों से बातचीत की जहाँ उन्होंने हमें कुछ स्थानीय मुद्दे और राज्य स्तर के मुद्दों के बारे में भी जानकारी दी। लोगों ने हम से बातचीत करते हुए प्रशासन को लेकर अपनी समस्याएँ साझा कीं एवं सरकार की कुछ मुद्दे को लेकर प्रशंसा भी की।
चुनावी यात्रा कवरेज का पहला पड़ाव खोड़ा गाँव था, जहाँ लोगों ने पानी की समस्या को सबसे ऊपर रखा और कहा कि यह समस्या कई वर्षों से इसी तरह बनी हुई है। खोड़ा के बाद हमारा गाला चरण था सर्फाबाद का इलाका। यहाँ टूटी, जर्जर सड़कें और गंदी नालियाँ हर तरफ मौजूद थे।
शहर के बीचों-बीच होने के बावजूद यह नजारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मिशन ‘स्वच्छ भारत अभियान’ पर प्रशासन और लोगों की जागरूकता पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।
सर्फाबाद की ही रहने वाली और कपड़े सिलने का कार्य करने वाली बबीता यादव ने हमसे बातचीत में बताया कि गाँव में खुली नालियाँ और टूटी सड़कें एक बड़ी समस्या हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में हल्की-फुल्की बारिश होते ही भारी जलभराव हो जाता है। वोट माँगने के समय तो नेता पूरे जोर-शोर से आते हैं, परंतु उसके बाद क्षेत्र में कोई दिखाई तक नहीं देता।
उन्होंने आगे कहा कि हल्की सी बारिश होते ही गॉंव की मुख्य सड़क पर इतना जलभराव हो जाता है कि कोई गाड़ी तक नहीं निकल सकती। खुली नालियों में अक्सर बच्चे तक गिर जाते हैं। बबीता ने आगे बताया:
“अगली बार जब नेता वोट माँगने आएँगे तो उन्हें यही फटकार लगाऊँगी कि सब लोग वोट लेकर चले जाते हैं, कभी बारिश के मौसम में गाँव में आकर देखें कि लोग किस हालत में रहते हैं।”
पहली बार मतदान करने वाले 18 वर्षीय राज ने भी गाँव में खुली नालियों और फैले कचरे के विषय में बातें कीं। उन्होंने बताया कि गाँव वाले ही सड़कों पर कचरा फैला देते हैं, जिसकी लंबे समय तक सफाई नहीं होती। इस प्रक्रिया में प्रशासन एवं गाँव वाले दोनों ही बराबर के भागीदार हैं।
वर्षों से क्षेत्र में रह रहे एक वरिष्ठ सेवानिवृत्त सैनिक ने सरकारी प्रशासन और अफसरों की जमकर आलोचना की। उन्होंने कहा कि उनके कई बार आवेदन करने के बाद भी उनका राशन कार्ड नहीं बन रहा है, जिसके कारण उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
जब हमने उनसे पूछा कि क्या उनके क्षेत्रीय विधायक या प्रतिनिधि इस विषय में उनकी सहायता करते हैं? इस पर उन्होंने कहा कि एक पूर्व फौजी होने के नाते इस छोटे से काम के लिए विधायक तक जाना अच्छा नहीं लगता, यह अधिकारियों का काम है जो कि निरंतर इसमें ढिलाई बरतते रहते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा नहीं है कि वर्तमान सरकार इन सब चीजों के लिए जिम्मेदार है, पहले भी यही होता रहा है। इस बार चीजों में कुछ परिवर्तन हुए हैं, परंतु यह बदलाव धरातल पर देखने को नहीं मिल रहा है।
पूर्व फौजी ने यह भी कहा कि वर्षों से सरकारी अफसरों की कामचोरी की आदत हो गई है। इन छोटे-मोटे कामों के लिए प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी नहीं आएँगे। ये काम तो निचले स्तर के अधिकारियों को ही करने हैं, जो कि वे ठीक से करते नहीं है।
आगे उन्होंने भ्रष्टाचार पर निशाना साधते हुए कहा कि रसूख वाले लोग घूस देकर अपना कार्य करा लेते हैं। उन्होंने इस पूरी प्रक्रिया के लिए प्रशासन से अधिक आम जनता को जिम्मेदार बताया।
आगे उन्होंने बताया कि देश मुगलों की गुलामी के बाद अंग्रेजों का गुलाम बना और उसके बाद जाति, वर्ण व्यवस्था और आरक्षण के मुद्दे में फँस गया है। देश में आरक्षण दिया ही जाना है तो वह जाति के आधार पर नहीं बल्कि आर्थिक स्थिति देखते हुए दिया जाना चाहिए।
सर्फाबाद के ही रहने वाले एक अन्य वरिष्ठ नागरिक ने नोएडा के स्थानीय किसानों के मुद्दे उठाते हुए कहा कि सरकार किसानों के कर्ज़े तक माफ नहीं कर रही है और प्रदर्शन करने पर उन्हें जेल में भी डाल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय समस्याओं के बारे में क्षेत्र के विधायक सुनते तक नहीं हैं और जिस दिन से वे जीते हैं तब से अब तक एक बार भी वे गाँव में नहीं आए।
उन्होंने यहाँ तक कहा कि भाजपा सरकार में सारा मीडिया खरीद लिया है। मीडिया वाले भाजपा के प्रवक्ताओं का काम स्वयं करते हैं और अन्य किसी पार्टी के प्रवक्ताओं को बोलने तक नहीं देते।
राम मंदिर के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि राम मंदिर केवल इसी सरकार में नहीं बना है, यह प्रक्रिया तो काफी समय से चली आ रही थी। बीच में कुछ अड़चन आ गईं थीं पर अब वह पूरी हो गई हैं और राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। साथ ही, मुस्लिम पक्ष को भी ज़मीन दे दी गई है, जिससे किसी को कोई समस्या नहीं है।
क्षेत्र के ही एक अन्य युवा ने भाजपा के राज को तानाशाह राज बताते हुए कहा कि इनके राज में न तो कोई विकास हुआ है न ही कोई सुविधाएँ लोगों तक पहुँची हैं। यहाँ तक कि किसानों पर भी अन्याय किया जा रहा है और उन्हें जेलों में डाला जा रहा है।
खुद को समाजवादी पार्टी समर्थक बताने वाले इस युवक ने कहा कि ‘यदि अखिलेश भैया की सरकार होती तो ऐसा नहीं होता’। उन्होंने आगे कहा:
“उत्तर प्रदेश में तानाशाही का राज चल रहा है। जब से भाजपा सरकार आई है, गरीब और किसान की कहीं कोई सुनवाई नहीं है।”
एक अन्य महिला ने साफ-सफाई को लेकर सरकार एवं प्रशासन की भारी आलोचना की। उन्होंने कहा कि गाँव में टूटी सड़कों की समस्या तो है ही साथ ही प्रशासन द्वारा साफ-सफाई का कार्य भी नहीं कराया जाता। कई बार तो उन्हें स्वयं अपने हाथ से कूड़ा उठाकर फेंकना पड़ता है।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार और प्रशासन आम आदमी की समस्याओं पर ध्यान नहीं देती और सरकार के पास जब पैसे की कमी आती है और घाटा होता है तो सरकार शराब के ठेके चलाकर उसे पूरा कर लेती है।
क्षेत्र में फैली गंदगी को लेकर उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह सरकार कोरोना के लिए मास्क पहने और बीमारी से बचने को कह रही है क्या क्षेत्र में फैली गंदगी से बीमारी नहीं फैलती और अगर ऐसा है तो सरकार इस विषय में ध्यान क्यों नहीं देती?
सर्फाबाद इलाके में रहने वाले लोगों से बात करने के बाद पता चला कि यहाँ पर साफ़-सफाई पिछले कई समय से लोगों के लिए बड़ा मुद्दा है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को फिर से मुख्यमंत्री बनना चाहिए, लेकिन अधिकारी और प्रशासन पर सख्ती आवश्यक है।