समाजवादी पार्टी की मान्यता खत्म करने को लेकर SC में याचिका दाखिल, सुनवाई को तैयार हुए CJI

18 जनवरी, 2022 By: DoPolitics स्टाफ़
समाजवादी पार्टी की मान्यता खत्म करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल

उम्मीदवारों के आपराधिक बैकग्राउंड छुपाने वाली पार्टियों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की माँग वाली बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है। याचिका में समाजवादी पार्टी का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की माँग की गई है।

चुनाव आयोग ने यूपी सहित पाँच राज्यों के विधानसभा चुनावों के लिए तारीखों की घोषणा कर दी है। यूपी चुनाव के पहले चरण के लिए लगभग सभी पार्टियों ने अपने अपने उम्मीदवार भी घोषित कर दिए है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के अहम याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है।

मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास का खुलासा ना करने पर राजनीतिक दलों का पंजीकरण रद्द करने की याचिका पर जल्द सुनवाई करने को तैयार हो गया। इसके लिए कोर्ट जल्द ही तारीख देगी।

BJP नेता अश्विनी उपाध्याय ने अखिलेश यादव के खिलाफ अवमानना का मुकदमा दर्ज कराने और समाजवादी पार्टी की मान्यता रद्द करने की माँग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है।

याचिका में यह भी कहा गया है कि उन राजनीतिक दलों के अध्यक्ष के खिलाफ अदालत की अवमानना ​​का मामला दर्ज किया जाए, जो सुप्रीम कोर्ट के पिछले फैसले का उल्लंघन करते हैं। याचिका में प्रार्थना करते हुए कोर्ट से कहा गया है,

“सुनिश्चित करें कि प्रत्येक राजनीतिक दल प्रत्येक उम्मीदवार के आपराधिक मामलों के विवरण के साथ-साथ इस तरह के चयन के कारण को अपनी आधिकारिक वेबसाइट के होम पेज पर 48 घंटे के भीतर बड़े अक्षरों में प्रकाशित करें।”

याचिका में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी सहित ऐसे सभी राजनीतिक दलों का पंजीकरण रद्द करने की माँग की है, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत प्रत्याशियों के आपराधिक इतिहास का ब्योरा सार्वजनिक नहीं किया है।

याचिका में कहा गया है कि समाजवादी पार्टी ने कई गंभीर आपराधिक मामलों समेत गैंगस्टर एक्ट के आरोपित नाहिद हसन को यूपी के कैराना से चुनाव टिकट दिया है। इस तरह के उम्मीदवार को चुनाव में उतारना सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है।

बता दें कि कैराना विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के विधायक नाहिद हसन को एक विशेष अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। गैंगस्टर एक्ट में वांछित सपा प्रत्याशी नाहिद हसन को शनिवार को हसन कलक्ट्रेट में अपने नामांकन से संबंधित काम के लिए जाते समय पुलिस ने कैराना शामली मार्ग पर गिरफ्तार कर लिया था

CJI रमन्ना ने याचिकाकर्ता वकील से पूछा कि क्या हम आपराधिक इतिहास वाले लोगों को नामाँकन दाखिल करने से रोक सकते हैं? इस पर उपाध्याय ने कहा कि इस बारे में सुप्रीम कोर्ट का फैसला है तो CJI ने कहा कि सुनवाई के लिए वो एक तारीख देंगे।

समाजवादी पार्टी का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की माँग

याचिका में समाजवादी पार्टी के कैराना निर्वाचन क्षेत्र से नाहिद हसन को मैदान में उतारने का हवाला दिया गया है और समाजवादी पार्टी का पंजीकरण रद्द करने की माँग की है। याचिका में कहा गया है कि कुख्यात गैंगस्टर नाहिद हसन, धोखाधड़ी और जबरन वसूली के मामलों का सामना कर रहा है।

साथ ही नाहिद हुसैन कैराना से हिंदू पलायन के पीछे का मास्टरमाइंड भी है। उस पर जमीन खरीदने के मामले में धोखाधड़ी का भी केस दर्ज है, एवं शामली जिले की विशेष अदालत से उन्हें भगोड़ा भी घोषित किया जा चुका है। सपा प्रत्याशी नाहिद हसन गैंगस्टर एक्ट में भी वांछित थे।

याचिका में कहा गया है कि 6 फरवरी, 2021 में सपा प्रत्याशी नाहिद हसन व उनकी माँ पूर्व सांसद तबस्सुम हसन सहित 40 आरोपितों के खिलाफ शामली थाना क्षेत्र में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में लगभग तीन दर्जन आरोपितों ने थाने आकर आत्मसमर्पण कर दिया था।

याचिका में कहा गया है कि समाजवादी पार्टी ने न तो उसके आपराधिक रिकॉर्ड को इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और सोशल मीडिया में प्रकाशित किया है, न ही उसके चयन का कारण बताया है, जो फरवरी 2020 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार अनिवार्य है।

बता दे सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त, 2021 में बिहार विधानसभा में अपनी आधिकारिक वेबसाइटों के साथ-साथ समाचार पत्रों और सोशल मीडिया पर आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों का ब्योरा ना देने पर आठ राजनीतिक दलों पर जुर्माना लगाया था।



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