स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक आयोग के प्रमुख अशफ़ाक़ सैफ़ी ने एक मस्जिद परिसर में तिरंगा झंडा फहराया और स्वतंत्रता दिवस के समारोह में शामिल हुए। इसके जवाब में उन्हें कई विपक्षी पार्टियों के नेताओं और मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों द्वारा धमकियाँ दी जा रही हैं।
भारत में 15 अगस्त, 2021 को 75वें स्वतंत्रता दिवस के साथ ही ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ मनाया गया। इस मौके पर विभिन्न स्थानों पर ध्वजारोहण और कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। ऐसा ही एक समारोह आगरा की जामा मस्जिद के मदरसा आलिया में आयोजित किया गया था।
इस समारोह में उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक आयोग के प्रमुख अशफ़ाक़ सैफ़ी को आमंत्रित किया गया था। इस मौके पर उन्हें इस मदरसे में ध्वजारोहण करना था।
इस आयोजन के उपरांत स्थानीय कॉन्ग्रेसी नेता हाजी जमीलुद्दीन एवं आगरा मजबूल खुबैब रूमी के शहर मुफ्ती ने इस कृत्य के लिए अशफाक सैफी के विरुद्ध बयानबाज़ी की। मुफ़्ती ने कहा कि सैफ़ी को अपने इस कार्य के लिए अल्लाह के क्रोध का सामना करना पड़ेगा।
उनका कहना है कि ये इस्लाम में पूरी तरह से हराम माना जाता है और मस्जिद परिसर में तिरंगा फहराना और राष्ट्रगान गाना इस्लाम के नियमों के विरुद्ध है। सैफ़ी को कई तरह के संदेश और ऑडियो मैसेज भी भेजे गए हैं, जिनमें उन्हें इस राष्ट्रभक्ति के कार्य के लिए ज़लील किया जा रहा है और धमकियाँ भी दी जा रही हैं।
कॉन्ग्रेसी नेता जमीरउद्दीन ने सैफ़ी के इस कार्य को राजनितिक चाल बताते हुए कहा कि उनके इस कृत्य के कारण उत्तर प्रदेश का पूरा मुस्लिम समुदाय सैफ़ी के विरुद्ध हो जाएगा।
पूरे मामले को लेकर अलग-अलग लोगों ने अपनी विभिन्न प्रतिक्रियाएँ व्यक्त कीं। उत्तर प्रदेश के शिया वक्फ बोर्ड प्रमुख वसीम रिज़वी ने मामले को लेकर कहा:
“हिंदुस्तान की ज़मीन पर बनी हुई मस्जिद पर अगर हिंदुस्तान का तिरंगा झंडा नहीं लहराया जा सकता तो इन कट्टरपंथियों को चाहिए कि अपनी मस्जिदों को हिंदुस्तान से लेकर कहीं बाहर चले जाएँ और मनहूस मुल्लाओं को भी अपनी लंबी-लंबी दाढ़ियों को लेकर ज़ाकिर नाइक की तरह हिंदुस्तान से फरार हो जाना चाहिए।”
रिज़वी ने कट्टरपंथी मौलानाओं को चेतावनी देते हुए यह भी कहा कि जल्द ही देश में एनआरसी लागू होने वाला है और इन मुल्लाओं की असलियत सामने आने वाली है।
बता दें कि वसीम रिज़वी कई इस्लामी कानूनों को लेकर समय-समय पर मुखर होकर बोलते रहे हैं। इन्होंने कुछ समय पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कुरान में से 26 आयतें हटाने की माँग को लेकर एक पत्र लिखा था।
रिज़वी का कहना था कि ये आयतें आतंकवाद को बढ़ावा देती हैं। इससे पहले रिज़वी इन आयतों को हटाने की माँग लेकर सुप्रीम कोर्ट के सामने भी गए थे। मामले को लेकर आने वाली धमकियों के विरुद्ध फिलहाल अशफाक सैफी ने कोई कड़ा कदम नहीं उठाया है, परंतु बताया जा रहा है कि वे इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।