उत्तर प्रदेश के रामपुर में एक मुस्लिम महिला को तीन तलाक देने और फिर हलाला के नाम पर देवर द्वारा दुष्कर्म का मामला सामने आया है। घटना को गम्भीरता से लेते हुए उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग ने एसएसपी से रिपोर्ट तलब की है।
रिपोर्ट के अनुसार, रामपुर के कोतवाली स्वार क्षेत्र की एक मुस्लिम महिला का शौहर उसके मायके वालों से दहेज में 10 लाख रुपए और वैगन आर कार की माँग कर रहा था। दहेज न मिलने पर शौहर ने महिला को तीन तलाक दे दिया। इसके बाद दोबारा निकाह करने के लिए शौहर ने अपने छोटे भाई से महिला का हलाला करवाया।
पीड़ित महिला की तहरीर पर पति सहित सात लोगों पर मुक़दमा दर्ज हो गया है। अपनी शिकायत में महिला ने बताया कि शौहर लगातार 10 लाख रुपए और कार की माँग करता था। वह उसके साथ अप्राकृतिक यौन सम्बन्ध भी बनाता था।
उसने अपने मायके वालों से दहेज की माँग के बारे में बताया था, लेकिन मायके वालों की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वो इतने पैसों का इंतजाम कर पाते।
पैसे और कार की माँग पूरी न होने से नाराज ससुराल वाले उसकी रोज पिटाई के साथ ही शारीरिक तथा मानसिक प्रताड़ना देने लगे। एक दिन पति ने अचानक उसे तीन तलाक दे दिया और ससुर ने उसे एक कमरे में बंद कर दिया। इसके बाद उसके छोटे देवर से हलाला के नाम पर उसका रेप करवाया गया।
इसके बाद महिला किसी तरह अपने ससुराल से भाग कर मायके पहुँची और परिजनों को पूरी घटना बताई। हतप्रभ परिजनों ने पीड़िता संग थाने जाकर मामले की शिकायत की। पुलिस के अनुसार महिला ने अपनी पति के ख़िलाफ़ अप्राकृतिक यौन संबंध, देवर द्वारा हलाला के नाम पर दुष्कर्म और तीन तलाक के मामले में तहरीर दी है।
रामपुर के एडिशनल एसपी संसार सिंह ने बताया कि महिला की शिकायत पर धारा 498A, 323, 377, 376, दहेज अधिनियम और मुस्लिम महिला विवाह पर अधिकारों की सुरक्षा की धारा 3 और 4 में मुक़दमा दर्ज हो गया है। उन्होंने बताया कि मामले की जाँच की जा रही है और जल्द ही आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग ने रामपुर जिले में मुस्लिम महिला को तीन तलाक दिए जाने और फिर उसका हलाला कराए जाने की घटना का संज्ञान लिया है। आयोग ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। आयोग के सदस्य सरदार परविंदर सिंह ने इस घटना को अत्यंत घृणित ठहराया है।
एसएसपी ने आयोग को बताया कि घटना की शिकायत महिला द्वारा दर्ज करा दी गई है। इस मामले में महिला के बयान दर्ज कराए जाएँगे। एसएसपी ने आयोग को बताया कि वह खुद इस मामले की निगरानी कर रहे हैं। अल्सपसंख्यक आयोग ने एसएसपी से मामले की विस्तृत रिपोर्ट भेजने के लिए कहा है।
इस्लामी कानून के अनुसार यदि कोई पुरूष गुस्से में, अनजाने में या जानबूझ कर किसी महिला को तलाक दे दे तो वह उस महिला से दोबारा तभी निकाह कर सकता है जब वह किसी और से निकाह कर ले और शरीरिक सम्बन्ध बनाने के बाद दूसरा शौहर उस महिला को तलाक दे दे।
शौहर से दोबारा निकाह करने के लिए महिला के साथ किसी तीसरे व्यक्ति द्वारा शरीरिक सम्बन्ध बनाने को ही हलाला कहते हैं। ‘हलाला’ प्रथा के नाम पर अक्सर मुस्लिम महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया जाता है। पति के दिए तलाक का खामियाजा महिला को किसी के साथ सम्बन्ध बनाकर भुगतना पड़ता है।
कई बार हलाला घर का ही सदस्य या फिर मौलवी करता है। अक्सर वादे के अनुरूप हलाला करने वाला व्यक्ति शारीरिक सम्बंध बनाने के बाद महिला को तलाक दे देता है, लेकिन ऐसे भी कई मामले सामने आते हैं जब मौलवी या परिवार का सदस्य हलाला के बाद निकाह करने से इंकार कर देता है, जिससे मामला पेचीदा हो जाता है और पंचायत तक बुलानी पड़ती है।