उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने राज्य में देवस्थानम बोर्ड में शामिल 51 मंदिरों को स्वतंत्र करने की घोषणा की है। इन मंदिरों में चारों धाम- बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री भी शामिल हैं। इसके अलावा, सीएम रावत ने हरिद्वार में शराब की बिक्री पर रोक लगाने के लिए शराब की दुकानों को बंद करने का भी ऐलान किया।
मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से स्वतंत्र करने की बात मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार (अप्रैल 09, 2021) को अपने जन्मदिन के अवसर पर कही। हरिद्वार में आयोजित विश्व हिंदू परिषद (VHP) की मार्गदर्शक मंडल की एक महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने इसका ऐलान किया।
अपने बयान में सीएम रावत ने कहा कि चार धाम देवस्थानम बोर्ड के गठन के निर्णय पर समीक्षा की जाएगी और 51 प्रमुख मंदिरों को राज्य सरकार के प्रबंधन से मुक्त किया जाएगा। यह फैसला राज्य द्वारा प्रमुख मंदिरों के अधिग्रहण के खिलाफ लोगों के विरोध दर्ज कराने के बाद आया है।
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य द्वारा चार धाम देवस्थानम प्रबंधन विधेयक को विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान पारित किए जाने के बाद लगभग 51 मंदिर राज्य सरकार के प्रत्यक्ष नियंत्रण में थे। इस नए अधिनियम के पारित होने को सही ठहराते हुए तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा था कि नए अधिनियम से मंदिरों के पेशेवर प्रबंधन में मदद मिलेगी।
हालाँकि, राज्य के पुजारी और साधू-सन्यासी इस कानून को पारित करने के चलते भाजपा सरकार से नाराज थे। उनका कहना था कि वे कई पीढ़ियों से इन मंदिरों के मामलों का प्रबंधन कर रहे हैं, जो कि उनके पूर्वजों द्वारा स्थापित किए गए थे।