उत्तर प्रदेश के संभल से एक व्यक्ति का वीडियो सोशल मीडिया पर खासा वायरल हो रहा है। यह आदमी वेशभूषा से समुदाय विशेष का प्रतीत होता है और यह वीडियो में एक पुलिसकर्मी को धमका रहा है। पुलिसकर्मी से यातायात नियमों को लेकर चालान पर हुई बहस में यह आदमी उसे धमकी दे रहा है कि ‘अगर उत्तर प्रदेश में उनकी सरकार आई तो देखना क्या होगा।’
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों का ऐलान हो चुका है और अगले माह राज्य में वोट डाले जाएँगे। जहाँ एक ओर सभी पार्टियाँ राज्य में सत्ता पाने के प्रयास कर रही हैं, वहीं राजनीतिक दलों के समर्थक इन चुनावों को राजनीतिक प्रतिशोध के परिपेक्ष्य से देखते हुए राज्य के प्रशासन और पुलिस को निशाना बना रहे हैं। ऐसा ही एक उदाहरण पश्चिम उत्तर प्रदेश से हाल ही में देखने को मिला।
सोशल मीडिया पर शनिवार (15 जनवरी, 2022) को एक वीडियो खासा वायरल हुआ। वीडियो उत्तर प्रदेश के संभल का बताया गया है। इसमें वेशभूषा से मुस्लिम समुदाय का प्रतीत होता एक व्यक्ति पुलिसकर्मी से बहस करता दिख रहा है।
वीडियो देखकर लग रहा है कि पुलिसकर्मी यातायात नियमावली के उल्लंघन के कारण इस व्यक्ति का चालान बना रहा है जिस पर यह व्यक्ति पुलिसकर्मी को धमकी देता है कि जितना बढ़ाकर चालान कट सके उतना बढ़ा कर काट लें, वह बाद में ‘बताएगा’।
इसके जवाब में पुलिसकर्मी जब उससे पूछता है कि बाद में क्या वह पुलिसवाले को खा जाएगा? तो व्यक्ति कहता है:
“यह तो वक्त बताएगा, जब सरकार आएगी। ये जो तुम लोग अपनी मनमानी कर रहे हो। सरकार आने पर वक्त बता देगा, या तो संभल में आप नहीं रहोगे या हम नहीं रहेंगे।”
वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोगों ने संभल पुलिस से मामले का संज्ञान लेने को कहा जिस पर पुलिस ने ट्वीट करते हुए बताया कि वीडियो का संज्ञान ले लिया गया है और संभल कोतवाली द्वारा इसकी जाँच की जा रही है।
हालाँकि पूरी वीडियो में किसी पार्टी विशेष का कोई नाम नहीं लिया गया है परंतु सोशल मीडिया पर लोग इस वीडियो की खासी निंदा कर रहे हैं और इस व्यक्ति के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की माँग कर रहे हैं।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में यह कोई पहला अवसर नहीं है जब चुनावों से पहले इस प्रकार प्रशासन और अफसरों के प्रति धमकी भरे स्वर बोले जा रहे हों।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म खान स्वयं रामपुर में एक रैली के दौरान अफसरों के प्रति आपत्तिजनक बयानबाज़ी करते देखे गए थे।
रैली के दौरान आज़म खान ने लोगों से कहा था कि वे क्षेत्र के कलेक्टर जैसे अधिकारियों से न डरें। अपने बयान में आज़म ने कहा था:
“कलेक्टर तनखैए हैं और तनखैयों से डरा नहीं करते हैं। मायावती जी के वीडियो देखे होंगे, जिसमें बड़े-बड़े अफसर रुमाल निकाल कर उनके जूते साफ करते हैं। हमारा गठबंधन उन्हीं के साथ है, इसी तरह जूते साफ करवाऊँगा, इंशाअल्लाह।”
बता दें कि 2019 लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में बसपा और सपा ने गठबंधन में चुनाव लड़ा था। हालाँकि दोनों राजनीतिक दल मिलकर भी राज्य में कुछ खास सीटें नहीं जुटा पाए।
जहाँ बसपा को इस गठबंधन से फायदा मिला और उनकी सीटें वर्ष 2014 के चुनावों के मुकाबले 0 से बढ़कर 10 हो गईं, वहीं समाजवादी पार्टी को इस गठबंधन से कुछ खास लाभ न हुआ और उन्हें वर्ष 2014 की भाँति ही केवल 5 सीटें प्राप्त हुई थीं।
चुनावों के कुछ ही समय बाद इन दोनों राजनीतिक दलों ने एक दुसरे से मुँह भी मोड़ लिया था।