पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज वकार यूनिस (Waqar Younis) ने बुधवार (27 अक्टूबर, 2021) को अपने ‘हिन्दुओं के बीच नमाज’ वाले बयान के लिए माफ़ी माँगी है। दरअसल, पाकिस्तानी खिलाड़ी मोहम्मद रिजवान (Mohammad Rizwan) ने भारत-पाकिस्तान के मैच में पहली पारी के वक्त दुबई में ड्रिंक ब्रेक के दौरान पिच पर ही नमाज़ अदा की थी, जिसे ले कर पूर्व पाकिस्तानी खिलाड़ी का कट्टरपंथी चेहरा सबके सामने आया है।
रिजवान द्वारा ‘हिन्दुओं के बीच’ नमाज़ पढ़ने का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर वकार यूनिस ने कहा कि हिन्दुओं के सामने मोहम्मद रिजवान द्वारा मैच के दौरान नमाज़ अदा करना उनके लिए खास पल था।
वक़ार के इस कट्टरपंथी बयान पर उन्हें दुनियाभर के खेल प्रशंसकों द्वारा जमकर लताड़ लगाईं जा रही है।
बयान पर विवाद बढ़ने के बाद वकार यूनिस ने ट्वीट किया:
“आवेश में आकर मैंने ऐसी बात कह दी, मैंने ऐसा कुछ कहा, जो मेरा कहने का मतलब नहीं था, जिससे काफी लोगों की भावनाएँ आहत हुई हैं। मैं इसके लिए माफी माँगता हूँ, मेरा ऐसा मकसद बिल्कुल नहीं था। सच में गलती हो गई। खेल लोगों को रंग और धर्म से हटकर जोड़ता है।”
रविवार को ICC T20 विश्व कप में भारत-पाकिस्तान के खेल में ड्रिंक्स ब्रेक के दौरान मोहम्मद रिज़वान की नमाज़ अदा करने पर यूनिस की टिप्पणी पूर्व क्रिकेटरों के साथ-साथ कई क्रिकेट प्रशंसकों को भी ख़ास पसंद नहीं आई।
वकार यूनिस ने अपने इस बयान में कहा था:
“जिस तरह से बाबर और रिजवान ने बल्लेबाजी की, स्ट्राइक-रोटेशन, उनके चेहरे, वह अद्भुत था। सबसे अच्छी बात, रिजवान ने जो किया, माशा अल्लाह, उसने हिंदुओं के बीच जमीन पर नमाज अदा की। ये वास्तव में कुछ था मेरे लिए बहुत खास है।”
भारत के क्रिकेट कमेंटेटर हर्षा भोगले (Harsha Bhogle) ने भी वकार यूनिस के इस बयान पर अपनी आपत्ति दर्ज की। हर्षा भोगले ने मंगलवार शाम ट्विटर पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर वकार यूनिस की आलोचना की।
इसी से साथ उन्होंने वकार यूनिस से माफी माँगने की भी बात कही। हर्षा भोगले ने कहा कि हमें क्रिकेट की दुनिया को जोड़ने की जरूरत है, धर्म से बाँटने की नहीं।
वकार यूनुस की टिप्पणी को लेकर कमेंटेटर हर्षा भोगले ने कहा,
“वकार यूनुस के कद के व्यक्ति के लिए यह कहना कि रिजवान को हिंदुओं के सामने नमाज अदा करते देखना उसके लिए बहुत खास था, सबसे निराशाजनक चीजों में से एक है। हम में से बहुत से लोग इस तरह की चीजों को खेलने और खेल के बारे में बात करने की बहुत कोशिश करते हैं और यह सुनना भयानक है।”
अपने ट्वीट में हर्षा भोगले ने कहा कि हम जैसे खेलप्रेमियों के लिए लोगों को यह बताना बहुत मुश्किल हो जाता है कि यह सिर्फ खेल है, सिर्फ एक क्रिकेट मैच है। उन्होंने कहा कि मैं आशा करता हूँ कि पाकिस्तान में बहुत सारे खेलप्रेमी इस टिप्पणी के भयावह पहलू को समझेंगे और मेरी बात का समर्थ करेंगे।
उन्होंने आगे कहा:
“आप सोचते होंगे कि क्रिकेटर हमारे खेल के अंबेसेडर के तौर पर कुछ ज्यादा ही जिम्मेदार होंगे। हमें क्रिकेट की दुनिया को जोड़ने की जरूरत है, धर्म से बाँटने की नहीं। मुझे यकीन है कि वकार इस तरह की टिप्पणी पर माफी माँगेंगे।”