भारतीय जनता पार्टी ने रविवार (7 नवंबर, 2021) को घोषणा की है कि उनके पार्टी कार्यकर्ता पश्चिम बंगाल में 8 नवंबर से अगले पाँच दिनों के लिए सड़कों पर उतरकर ममता सरकार से पेट्रोल और डीजल पर VAT कम करने और तेल के दाम गिराने की माँग करेगी।
पश्चिम बंगाल भाजपा के उपाध्यक्ष राजू बनर्जी ने कहा था कि पार्टी सोमवार दोपहर करीब एक बजे अपने मुख्यालय से मुद्दे को उठाते हुए रैली निकालेगी।
उन्होंने अपने बयान में कहा:
“हमारे प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, विपक्ष के नेता, सुवेंदु अधिकारी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष और अन्य कई वरिष्ठ नेता रैली में भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि रैली में सभी कोविड -19 प्रोटोकॉल्स का पालन किया जाएगा। अगर पुलिस हमें रोकने की कोशिश करती है, तो हम उसी अनुसार एक्ट करेंगे।”
भाजपा ने कहा है कि वे इसी तरह के कार्यक्रम प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में 9 से 12 नवम्बर तक निकालेगी, परन्तु तृणमूल द्वारा इस रैली की कोई मंज़ूरी नहीं दी गई।
रिपोर्ट के अनुसार ममता सरार द्वारा अनुमति न मिलने के बाद भी भाजपा के कार्यकर्ता रैली की तैयारियों में जुटे हैं।
बता दें कि केंद्र सरकार ने बुधवार (3 नवंबर, 2021) को पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 5 रुपए प्रति लीटर की और डीजल पर से 10 रुपए प्रति लीटर की कटौती की ताकि उपभोक्ताओं को तेल की कीमतों में कुछ राहत मिल सके।
पेट्रोल के दामों में कटौती की घोषणा के बाद भाजपा द्वारा शासित 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और उनके साथी दलों ने भी अलग-अलग अनुपात में VAT दरों में कटौती की थी, परंतु भाजपा का विरोध करने वाले दलों द्वारा शासित राज्यों ने तेल के दाम कम नहीं किए।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तेल की कीमतों में वृद्धि के बारे में खासी मुखर होकर बोलती थीं, लेकिन दाम कम होते ही टीएमसी चुप हो गई।
पूरे मामले पर राज्य भाजपा उपाध्यक्ष राजू बनर्जी ने कहा:
“अगर वे (ममता) इतनी ही गरीबों की समर्थक हैं, तो हमारे असम और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों का अनुकरण क्यों नहीं कर सकतीं, और लोगों को राहत प्रदान करने के लिए तेल पर वैट और अन्य करों में कटौती क्यों नहीं कर सकतीं। इस तरह के कर मेलों के आयोजन और क्लबों को दान देने में खर्च किए जाते हैं।”
इस मामले में तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा:
“भाजपा तेल की कीमतों पर खराब राजनीति कर रही है क्योंकि पेट्रोल, डीजल और एलपीजी गैस की आसमान छूती कीमतों को न रोक पाने के कारण एक्सपोज़ हो गई है। भाजपा ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में जितनी कमी की है यह बहुत कम है, बहुत कम है।”