बंगाल उप चुनाव: भाजपा की चारों सीटों पर हार, करीब 70% वोट बैंक भागा TMC के पास

02 नवम्बर, 2021
पश्चिम बंगाल में चारों विधानसभा सीटों के उप चुनावों में भाजपा को करारी हार

शनिवार (30 अक्टूबर, 2021) से अलग-अलग राज्यों में 3 लोकसभा सीटों और 29 विधानसभा सीटों पर ‘बाय पोल इलेक्शन’ यानी उपचुनाव प्रारंभ हुए और अब लगभग सभी सीटों पर नतीजे साफ दिख रहे हैं।

इन उपचुनावों में बंगाल की चार विधानसभा सीटों पर देशभर की नजर थी क्योंकि इसी वर्ष के प्रारंभ में हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में तृणमूल कॉन्ग्रेस की भारी जीत और भाजपा को मिली हार के बाद इन सीटों पर मुकाबला महत्वपूर्ण माना जा रहा था।

इसी वर्ष मई माह में हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के नतीजे खासे चौंकाने वाले थे। जहाँ भाजपा 2019 लोकसभा चुनावों के बाद से ही पश्चिम बंगाल में सरकार बनाने के दावे कर रही थी वहीं ममता बनर्जी की तृणमूल कॉन्ग्रेस ने भाजपा  सभी सपनों पर पानी फेरते हुए एक बार और पश्चिम बंगाल में तृणमूल का झंडा लहरा दिया।

चुनावों से महत्वपूर्ण पश्चिम बंगाल में चुनावों के बाद हुई हिंसा और उसमें मारे गए भाजपा और संघ के कई कार्यकर्ता थे। भाजपा पर निरंतर आरोप लगते रहे कि शीर्ष नेतृत्व द्वारा राज्य में पार्टी कार्यकर्ताओं को मझधार में छोड़ दिया गया।

शायद मंगलवार (2 नवंबर, 2021) को आए उपचुनावों के नतीजों में इसी की झलक भी दिखी है। पश्चिम बंगाल की 4 विधानसभा सीट दिनहाटा, खरदाह, गोसाबा और संतीपुर पर उपचुनाव हुए जिनमें भाजपा को करारी शिकस्त मिली है। इन सभी सीटों पर भाजपा को हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव से लगभग 60- 70% कम मत मिले।


दिनहाटा में भाजपा 1,64,089 वोटों से पीछे रही संतीपुर में 64,675 वोटों से पीछे रही खरदाह में 93,832 वोटों से पीछे रही वहीं गोसाबा में भाजपा को 1,43,051 वोटों से हार का मुँह देखना पड़ा।

सोशल मीडिया पर इस करारी हार के बाद भाजपा की खासी आलोचना हो रही है। बता दें कि पश्चिम बंगाल में हो रही हिंसा के समय भी भाजपा समर्थकों का एक बड़ा धड़ा पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की पूरे विवाद के दौरान चुप्पी को लेकर खासी आलोचना कर रहा था।


हिमाचल कॉन्ग्रेस, असम रहा NDA के नाम 

इसके साथ ही मध्य प्रदेश की खंडवा, हिमाचल प्रदेश की मंडी और दादर नगर हवेली की लोकसभा सीटों पर भी उपचुनाव हुए थे, जिसमें खंडवा की सीट भाजपा के हिस्से आई, दादर और नागर हवेली पर शिवसेना ने जीत हासिल की, वहीं हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट के साथ ही प्रदेश में हुई तीनों विधानसभा सीटों के उपचुनाव पर भी कॉन्ग्रेस ने कब्ज़ा जमा लिया है।

बता दें कि अगले वर्ष हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं और ऐसे में इस हार को भाजपा समर्थकों द्वारा पार्टी के लिए एक बुरा संकेत बताया जा रहा है।

मध्य प्रदेश की 3 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में अंतिम समाचार आने तक 2 सीटों पर भाजपा और एक पर कॉन्ग्रेस आगे चल रही थी। वहीं असम की पाँचों विधानसभा सीट NDA यानी तीन भाजपा और दो यूपीपीएल के हाथ आई हैं।



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