मेरी मेहनत बर्बाद हो गई: पंजाब सरकार के झूठ से तंग आकर मूक-बधिर चेस चैम्पियन ने लिया खेल छोड़ने का फैसला

03 जनवरी, 2022 By: DoPolitics स्टाफ़
शतरंज की मूक-बधिर खिलाड़ी मल्लिका हांडा ने पंजाब की कॉन्ग्रेस सरकार पर उठाए सवाल

शतरंज के खेल में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न पुरस्कार जीतने वाली पंजाब की मूक-बधिर बालिका मल्लिका हांडा को पंजाब सरकार से वादों के बावजूद न तो कोई आर्थिक सहायता और न ही नौकरी दी गई है। हांडा इस विषय में खुलकर मीडिया के सामने आईं और उन्होंने पंजाब की कॉन्ग्रेस सरकार पर आरोप लगाए हैं।

जालंधर में जन्मी 26 वर्षीय मल्लिका हांडा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले मूक-बधिर शतरंज प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल पाने वाली पहली भारतीय महिला हैं। इसके साथ ही उन्होंने अंतरराष्ट्रीय और एशियन प्रतियोगिताओं में 6 मेडल जीते हैं एवं भारत में भी उन्होंने इस खेल में 7 गोल्ड मेडल जीते हैं।

हांडा ने रविवार (2 जनवरी, 2021) को अपने ट्विटर अकाउंट पर अपनी पीड़ा बताते हुए वीडियो साझा की। इसमें उन्होंने बताया कि किस प्रकार पंजाब सरकार ने उनके साथ अन्याय किया है। पोस्ट में उन्होंने लिखा:

“मैं बहुत आहत हूँ। 31 दिसंबर को मैं पंजाब के खेल मंत्री से मिली। उन्होंने कहा कि वे मुझे न तो नौकरी दे सकते हैं न कोई पुरस्कार क्योंकि उनके पास डेफ स्पोर्ट्स (बधिर खेलों) को लेकर कोई पॉलिसी नहीं है। पूर्व खेल मंत्री ने मुझे नगद पुरस्कार देने का ऐलान किया था। जब मैंने यह बात वर्तमान खेल मंत्री परगट सिंह को बताई तो उन्होंने कहा कि वादा पूर्व मंत्री ने किया था, उन्होंने नहीं।”


आगे हांडा ने यह भी लिखा कि सरकार ने 5 सालों में उनके साथ धोखा किया और सरकार बधिर खेलों की परवाह नहीं करती है। हांडा ने यह सवाल भी उठाया कि ज़िला कॉन्ग्रेस ने उनका साथ देने का वादा किया था, परंतु कुछ हुआ नहीं। 5 साल बाद भी पंजाब सरकार ऐसा क्यों कर रही है?

हांडा की यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई। उसके बाद कई लोगों ने पंजाब सरकार से सवाल पूछने प्रारंभ कर दिए। इसके साथ ही मल्लिका की माँ रेनू हांडा ने मीडिया से बातचीत में बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मल्लिका को नौकरी देने और नकली इनाम देने का ऐलान किया था। साथ ही खेल मंत्री परगट सिंह ने भी उनसे वादा किया था, परंतु इतने वर्षों बाद भी इस विषय में कोई पॉलिसी नहीं बनाई गई है।

पिछली सरकार से माँग करें हांडा 

दोनों ने मीडिया से बातचीत में यह भी कहा कि जब उन्होंने खेल मंत्री परगट सिंह से इस विषय में बात की तो उन्होंने कोई भी इनाम देने से इनकार करते हुए कहा कि वे अपनी जेब में चेक बुक लेकर नहीं चलते हैं और मल्लिका चाहे तो पिछली सरकारों से जाकर माँग करें।

मल्लिका ने आगे कहा:

“मेरे सभी मेडल और सर्टिफिकेट बर्बाद हो गए हैं। हरियाणा के खिलाड़ियों को लाखों और करोड़ों के इनाम मिलते हैं। मेरे 10 साल की मेहनत बर्बाद हो गई है, मैं यह खेल छोड़ दूँगी।”


बता दें कि हांडा इस विषय में लंबे समय से संघर्ष कर रही हैं। उन्होंने सितंबर, 2021 में भी अपना एक वीडियो ट्विटर पर साझा किया था, जिसमें वे पंजाब के खेल मंत्रालय के डायरेक्टर से मिली थीं और बताया था कि उनसे कहा गया है कि पंजाब बधिर खेलों के खिलाड़ियों को नौकरी और इनाम नहीं दे सकता।

इसके बाद भी वे अपनी ट्विटर प्रोफाइल पर कई बार इस विषय में पंजाब सरकार से सवाल करती देखी गई थीं।




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