डासना में ‘प्यासा आसिफ’ प्रकरण के बाद स्वामी यति नरसिंहानंद लगातार ही चर्चा में बने हुए हैं। मुस्लिम समुदाय और कट्टरता के खिलाफ उनके स्पष्ट मतों के कारण कई लोग उनकी बातों से आहत भी नजर आ रहे हैं। इस बार यति नरसिंहानंद के बयान से आहत होने वालों में सबसे प्रमुख नाम आम आदमी पार्टी विधायक अमानतुल्लाह खान का है।
राजधानी दिल्ली में हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी पर डासना देवी मंदिर के प्रमुख पुजारी यति नरसिंहानंद सरस्वती के एक वीडियो को ट्विटर पर शेयर करते हुए AAP विधायक अमानतुल्लाह खान ने लिखा कि ऐसा बयान देने वाले की ‘जुबान और गर्दन, दोनों काट देनी चाहिए’।
शनिवार (अप्रैल 03, 2021) को ट्विटर पर एक वीडियो शेयर करते हुए आम आदमी पार्टी विधायक और दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अमानुल्लाह खान ने कहा, “”हमारे नबी की शान में गुस्ताखी हमें बिल्कुल बर्दाश्त नहीं, इस नफरती कीड़े की जुबान और गर्दन दोनो काट कर इसे सख़्त से सख़्त सजा देनी चाहिए। लेकिन हिंदुस्तान का कानून हमें इसकी इजाजत नहीं देता, हमें देश के संविधान पर भरोसा है और मैं चाहता हूं कि दिल्ली पुलिस इसका संज्ञान ले।”
गौरतलब है कि हाल ही में गाजियाबाद स्थित डासना में ‘प्यासे आसिफ’ के मंदिर में घुसने के बाद से ही यति नरसिंहानंद सुर्ख़ियों में बने हुए हैं।
गाजियाबाद स्थित डासना के एक मंदिर में कथित तौर पर पानी पीने गए एक मुस्लिम लड़के आसिफ की पिटाई का वीडियो वायरल सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद यह विवाद बढ़ता ही चला गया। बताया जा रहा है कि आसिफ पानी पीने के लिए मंदिर के अंदर गया था, जिसके बाद उसकी पिटाई की गई। जबकि मंदिर के लोगों का कुछ और ही कहना है।
‘डिफ़ेंसिव ऑफ़ेन्स पॉलिटिक्स’ (DOpolitics) टीम ने जब मंदिर जाकर इस मामले के बारे में जानने का प्रयास किया तो कई बड़े खुलासे सामने आए। दरअसल, मंदिर के बाहर ही एक बोर्ड लगा हुआ है, जिस पर स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि ‘मंदिर में मुस्लिमों प्रवेश ना करें।’
मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि बसपा सरकार के समय से ही यह बोर्ड मंदिर में लगा है और ऐसा करने के पीछे उनके पास बेहद ठोस कारण भी हैं। उन्होंने कहा कि इस बोर्ड को मंदिर प्रशासन किसी कीमत पर नहीं हटाएगा।
हमने जब महंत से इस बारे में बात की तो यति नरसिंहानंद सरस्वती ने मुस्लिमों के प्रभाव वाले इलाके में एक मंदिर के होने का दर्द बयाँ किया और साथ ही ‘पानी पीने के कारण पिटाई’ वाले ‘प्यासा आसिफ’ के नैरेटिव को भी ध्वस्त कर दिया।
बातचीत के दौरान महंत ने बताया कि वो मीडिया से दूर रहना चाहते हैं क्योंकि उनकी बातें सुन कर उसका अलग ही मतलब निकाल कर दिखाते हैं। उन्होंने कहा कि आज एक 14 साल का मुस्लिम लड़का पिट गया तो दुनिया भर की मीडिया यहाँ आ रही है लेकिन इससे पूर्व जब मजहबी अपराधियों ने मंदिर में महंतों की हत्याएँ हुईं, उन्हें मंदिर से भगाया गया और जब 4 बार मंदिर में डकैती हुई या महिलाओं से छेड़खानी की गईं, तब मीडिया उन्हें पूछने क्यों नहीं पहुँची?
महंत ने बताया कि इस मंदिर में महंतों की ऐसी हत्याएँ हुई हैं कि उनकी लाशें तक नहीं मिलीं। उन्होंने दावा किया कि मुस्लिमों द्वारा वहाँ की लगभग 16 बीघा शमशान की जमीन पर कब्जा किया है। महंत ने बताया कि भारत की स्वतंत्रता से पहले उस मंदिर के पास 250 बीघा जमीन थी, जिसमें से अधिकतर पर कब्जा कर लिया गया लेकिन बावजूद इसके मीडिया वहाँ नहीं गई।