यति नरसिंहानंद सरस्वती पर हमले के उद्देश्य से आए दो युवक विपुल (मुस्लिम नाम रमज़ान) एवं कासिफ में से एक, लंबे समय से पंथ परिवर्तन के धंधे में लिप्त था। इस कार्य को करने में एक इस्लामी कट्टरपंथी संगठन उसका साथ दे रहा था जिससे वह जुड़ा हुआ था।
गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद पर 2 जून, 2021 को दो युवक विपुल एवं कासिफ हमला करने आए थे। इन्हें मंदिर के स्वयंसेवकों द्वारा पकड़ा गया तथा इनकी तलाशी ली गई जिसमें इनके पास आपत्तिजनक सामग्री प्राप्त हुई, जैसे सर्जिकल ब्लेड एवं कुछ लिक्विड पदार्थ।
पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जब छानबीन प्रारंभ की है तो अब कई तथ्य सामने आ रहे हैं, जिनमें से एक यह है कि हमले की साज़िश का आरोपी विपुल लंबे समय से एक इस्लामी कट्टरपंथी संगठन से जुड़ा हुआ था। नागपुर के इस संगठन की संगत में आने के बाद से विपुल विभिन्न स्थानों पर कई लोगों का ब्रेनवाश करके पंथ परिवर्तन में लिप्त रहा है।
जाँच एजेंसियाँ अब तक यह जानने का प्रयत्न कर रही हैं कि इस व्यक्ति द्वारा अब तक आखिर कितने लोगों को परिवर्तित कराया गया है।
इन दोनों के साथ ही पकड़े गए साज़िश के मुख्य रचयिता सलीमुद्दीन को भी पंथ परिवर्तन कराने के धंधे में लिप्त माना जा रहा है। अभी पुलिस द्वारा कोर्ट से सलीमुद्दीन को रिमांड पर ले जाने का आदेश माँगा गया है, जिसके बाद उससे गहन पूछताछ प्रारंभ होगी।
बता दें कि दोषी विपुल स्वयं भी अपना पंथ परिवर्तन कर रमज़ान बन चुका है। विपुल एवं कासिफ जीजा-साले हैं। विपुल ने पंथ परिवर्तन कर अपना नाम रमज़ान रखा था एवं कासिफ की बहन आयशा से निकाह पढ़ा था।
यह सब कुछ विपुल ने सलीमुद्दीन से पहचान होने के बाद किया। विपुल और सलीमुद्दीन की पहचान मुंबई के मौलाना मुंजीर ने कराई थी। इसी के बाद विपुल ने सलीमुद्दीन का चेला बन कर ही उर्दू की तालीम भी ली थी।
डू-पॉलिटिक्स गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर मामले पर प्रारंभ से ही गंभीरता से विस्तृत रिपोर्टिंग करता रहा है। मंदिर के महंत पर 2 जून को हुए हमले पर भी डू-पॉलिटिक्स द्वारा सर्वप्रथम रिपोर्टिंग की गई थी।
2 जून की रात महंत नरसिंहानंद पर हमले की साजिश तथा 3 जून को पुलिस के पास दर्ज कराई गई FIR को डू-पॉलिटिक्स पर प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था। इसके बाद ही अन्य मीडिया संस्थानों द्वारा मामले को उठाने पर प्रशासन पर दबाव पड़ा एवं जाँच को तीव्र गति से आगे बढ़ाया गया।