शिवसेना के पायजामे से नाड़ा निकल चुका है। महाविकास अघाड़ी को अब महाविकास उघाड़ी कहना समय की आवश्यकता है। बाला साहेब की बंद मुट्ठी उद्धव ने तबियत से खोलकर रख दी है। आदित्य के तो बिल्कुल ही खाली हाथ रहने का खतरा है।
शुक्रवार की परम प्रार्थना में साधकों के दर्शन सब करते हैं। किंतु साधकों के पीछे मार्गदर्शन करने वाले परमज्ञानी पुरोहितों की भूमिका पर कोई चर्चा नहीं करता, जिनके उज्जवल मानस में आकाशीय योजनाओं का मास्टर प्लान संचित होता है।