द्वारका में हज हाउस का विरोध कर रहे लोगों पर FIR: सदुपयोग कर अस्पताल, स्कूल खोलने की उठी माँग

07 अगस्त, 2021
दिल्ली से द्वारका क्षेत्र में हज हाउस को लेकर भारी विरोध (चित्र-Indian Express)

दिल्ली के द्वारका (Dwarka) क्षेत्र के सेक्टर-22 में हज हाउस (Haj House) बनाने का प्रस्ताव सामने रखा गया है। हज हाउस (Haj House) के निर्माण को लेकर द्वारका के स्थानीय लोग खासे नाराज़ दिख रहे हैं और इसका भारी विरोध भी सामने आ रहा है।

इस हज हाउस को लेकर जमकर घमासान जारी है और अब तक इसके लिए 360 खाप पंचायतों ने दिल्ली सरकार का विरोध जताया है। विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर कोविड गाइडलाइंस तोड़ने को लेकर एफ़आईआर दर्ज की गई है।

द्वारका के सेक्टर-22 में हज हाउस बनाए जाने का प्रस्ताव सामने आया था, परंतु शुक्रवार (6 अगस्त, 2021) को इसके विरोध में भाजपा समेत कई हिंदूवादी संगठनों द्वारा आवाज़ उठाई गई। यहाँ भारी मात्रा में लोग इकट्ठे हुए एवं ‘जय श्री राम’ के नारे भी लगे।

इस विरोध प्रदर्शन में 300 से अधिक आस पास के गाँवों के लोग शामिल हुए। करीब 93.47 करोड़ रुपए की लागत वाला यह हज हाउस लगभग तैयार है।

स्थानीय लोगों का विरोध 

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस प्रकार क्षेत्र में हज हाउस बनाए जाने के कारण सांप्रदायिक सौहार्द और भाईचारा बिगड़ेगा। पूरे मामले को लेकर द्वारका रेसिडेंस फेडरेशन के सेक्रेटरी बीपी वैष्णव ने 3 अगस्त को दिल्ली के गवर्नर अनिल बैजल को पत्र भी लिखा। इसमें उन्होंने क्षेत्र में कानूनी व्यवस्था के बिगड़ने की आशंका भी व्यक्त की।

उन्होंने पत्र में आगे यह भी लिखा कि इसके कारण क्षेत्र में दंगा-फसाद एवं हिंदुओं के पलायन जैसी घटनाएँ हो सकती हैं एवं शाहीन बाग, जाफराबाद और कश्मीर जैसी स्थिति पैदा होने की भी आशंका है।

इस मामले में फेडरेशन के प्रमुख अजीत स्वामी ने कहा:

“द्वारका क्षेत्र में सेक्टर 11 में पहले ही एक मस्जिद है। अगर सरकार ऐसा कुछ बनाना ही चाहती है तो उसे वख्फ़ बोर्ड की भूमि पर बनाया जाना चाहिए। इसके लिए जनता के पैसे का प्रयोग क्यों? क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय की आबादी बहुत कम है। मस्जिद में भी लगभग केवल 2 दर्जन के आसपास लोग जाते हैं।”

पालम गाँव के प्रधान राम कुमार सोलंकी ने पूरे विवाद को लेकर दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा और कहा कि दिल्ली सरकार वोट बैंक की राजनीति के कारण यह कर रही है। अगर वे कुछ बनाना ही चाहते हैं तो वे स्कूल, अस्पताल बनाएँ। सरकार केवल एक समुदाय विशेष के लिए पैसा क्यों खर्च कर रही है? यह करदाताओं के पैसे का दुरुपयोग है।

हज हाउस का विरोध कर रहे लोगों के खिलाफ एफ़आईआर

पूरे मामले में विरोध प्रदर्शन करने वाले अज्ञात लोगों के विरुद्ध एफ़आईआर दर्ज करा दी गई। यह शिकायत COVID दिशानिर्देशों के उल्लंघन से संबंधित धारा लगाकर एवं DDMA अधिनियम के उल्लंघन की बात कहते हुए की गई। 


भाजपा भी आई आगे 

दिल्ली में विपक्षी पार्टी भाजपा प्रमुख आदेश गुप्ता ने भी मामले को लेकर राज्य में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल एक समुदाय विशेष का सहयोग करते हुए अपने राजनीतिक फायदे के लिए गाँव वालों के अधिकारों का हनन कर रहे हैं, जबकि गाँव में स्कूल-कॉलेज और अस्पतालों की भारी कमी है।

आदेश गुप्ता ने यह भी कहा कि वे लोग गाँव वालों के साथ हैं एवं हज हाउस वक़्फ़ बोर्ड की भूमि या कहीं अन्य जगह पर बने, लेकिन यहाँ नहीं।

28 गाँवों के प्रधान राकेश नंबरदार ने इस मामले में कहा कि वर्ष 2008 में कॉन्ग्रेस सरकार द्वारा इस हज हाउस की योजना को पास किया गया था और उन्होंने डीडीए से भूमि ली थी। अब आम आदमी पार्टी सरकार ने इसके लिए पैसा देने का निर्णय लिया है। अगर उनके पास इतना ही पैसा है तो ऐसे समय में जब देश ओलंपिक खेलों में इतना पीछे चल रहा है वे बच्चों के लिए स्टेडियम क्यों नहीं बना देते?

बता दें कि हज हाउस आवास प्रार्थना और भोजन के साथ-साथ आप्रवासन सुविधाएँ भी प्रदान करेगा। इसके उपरांत हज यात्रियों को ट्रांसिट कैंप में नहीं रहना पड़ेगा।

हज हाउस की यह इमारत ग्रीन बिल्डिंग होगी जिसमें सोलर पावर प्लांट भी होंगे। शुरुआत में इस हज हाउस को 7 मंजिला बनाने का प्रस्ताव था, लेकिन एयरपोर्ट पास होने की वजह से यहाँ भवन की ऊँचाई 15 मीटर से अधिक नहीं रह सकती।



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