पड़ोसी देश बांग्लादेश से दो शर्मनाक कृत्यों की खबरें आईं हैं। दो अलग-अलग जगहों पर हिन्दू मंदिरों पर हमला किया गया तथा प्रतिमाओं को खंडित कर के सड़कों पर फेंक दिया गया।
बांग्लादेश में 30 मई, 2021 की रात दो अलग-अलग जगहों पर इन वारदातों को अंजाम दिया गया।जैसा कि पहले भी बांग्लादेश में देखा गया है कि अल्पसंख्यक हिंदुओं की स्थिति कुछ विशेष अच्छी नहीं है। आए दिन उन पर एवं उनके अर्चना स्थानों पर हमले होना आम सी ही बात है।
पहली घटना आगामारा गाँव की है। गाँव में मौजूद एक काली माँ के मंदिर पर हमला किया गया तथा माँ काली की प्रतिमा को विखंडित कर सड़क पर फेंक दिया गया। यह क्षेत्र पुलिस थाना राजबारी सदर के अंतर्गत आता है।
दूसरी समान घटना बांग्लादेश के भुक्तापुर गाँव की है। सरस्वती मंदिर पर देर रात आक्रमण कर माँ सरस्वती की प्रतिमा को तोड़कर सड़क पर फेंक दिया गया।
एक ही रात में दो अलग-अलग जगहों पर समान हमले किसी योजनाबद्ध तरीके से की गई साज़िश की ओर इशारा करते हैं।
हिन्दू मंदिरों पर हमले की इन दोनों ही घटनाओं में पुलिस द्वारा अभी तक जाँच किए जाने का दावा हो रहा है। परन्तु आज दूसरे दिन भी दोनों ही मामलों में किसी प्रकार की कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
ऐसा पहले भी देखा गया है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों तथा उनके प्रार्थना स्थानों पर हमलों को लेकर प्रशासन ढीला रवैया अपनाता ही नजर आता है।
पाकिस्तान के साथ-साथ बांग्लादेश में भी हिंदुओं के धर्मस्थलों पर आक्रमण तथा प्रतिभाओं को खंडित करने की घटनाएँ होती ही रहती हैं। इसी वर्ष मार्च के माह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बांग्लादेश दौरे के समय देश में कई हिंदुओं के समस्त गाँवों को जला दिया गया था एवं कई घरों में लूटपाट भी की गई थी।
अनेक मंदिरों पर आक्रमण कर, उनकी दान पेटियों को लूटा गया तथा मूर्तियों के साथ तोड़फोड़ भी की गई थी।