हिन्दू महिलाओं की 'बिक्री' और लव-जिहाद को बढ़ावा देने वाली एक और वेबसाइट, 'लिबरल्स' अभी भी चुप

06 जनवरी, 2022 By: DoPolitics स्टाफ़
हिन्दू महिलाओं की बोली लगाने वाली एक और वेबसाइट सामने आई है मगर प्रशासन इस पर मौन है।

मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों की बोली लगाने वाली बुल्ली ऐप को लेकर वोक लिबरल, बुद्धिजीवी और कानूनविदों सहित सरकार तक ने हो-हल्ला मचा रखा है। महाराष्ट्र पुलिस ने इस मामले में कथित रूप से मास्टरमाइंड सहित 3 लोगों को गिरफ्तार किया है।

लेकिन इन्ही सब की नाक के नीचे विभिन्न सोशल प्लेटफॉर्म पर हिन्दू महिलाओं के लिए अभद्रता, उनके लिए अश्लील शब्दावली और लव जिहाद को बढ़ावा देने वाले अनगिनत कंटेंट और वेबसाइट्स मौजूद है, लेकिन इस पर सब ने चुप्पी साध रखी है।

सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर अंशुल सिन्हा ने हाल के दिनों के टेलिग्राम से लेकर इंस्टाग्राम पर चल रहे ऐसे कई ग्रुप्स का खुलासा किया है जहाँ हिन्दू लड़कियों और महिलाओं को मुस्लिमों द्वारा सामूहिक निशाना बनाया जा रहा है।

अब एक और वेबसाईट https://t.co/rfKAuml1ei का खुलासा अंशुल ने किया है, जहाँ हिन्दू और सिख महिलाओं को निशाना बनाया जा रहा है। वेवसाइट में न केवल महिलाओं के लिए अभद्र भाषा इस्तेमाल की जा रही है, बल्कि लव जिहाद को भी खुले आम बढ़ावा देने की प्लानिंग की जा रही है।

वेबसाइट को जानकारी साझा करते हुए अंशुल ने लिखा है,

“https://t.co/rfKAuml1ei नामक एक वेबसाइट है। इसमें ज्यादातर स्टोरीज़ हिंदू महिलाओं के खिलाफ हैं। कुछ कहानियाँ सिख और मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ भी हैं। साइट पर लव जिहाद को बढ़ावा देने वाले लेख भी है। कृपया दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करें और आईटी अधिनियम, 2000 के तहत वेबसाइट को ब्लॉक करें।”

अंशुल समेत कई लोगों की इस विषय में यह माँग की है कि केवल ऐसे ग्रुप्स और चैनल्स को बैन कर देना काफी नहीं, इसके पीछे जो लोग हैं उन्हें सज़ा दी जानी चाहिए।

अंशुल और उनके कुछ साथियों ने इस मामले में वर्ष 2020 में एक मिशन चलाया था, जिसमें ऐसे करीब 117 अकाउंट ब्लॉक कराए गए थे। इनमें से कई एकाउंट्स पर भारत विरोधी गतिविधियाँ चल रही थीं। साथ ही कई पर कई हिंदू विरोधी गतिविधियों के साथ-साथ लड़कियों के एडिटेड चित्र साझा किए जा रहे थे।

इस्लामोफोबिया पर हल्ला, हिन्दूफोबिया पर चुप्पी

बुल्ली बाई वेबपेज के माध्यम से मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाए जाने को जहाँ ‘इस्लामोफोबिया’ बताकर चहुँओर निंदाओं का मेला लगा है, वहीं हिन्दूफोबिया पर गज़ब की खामोशी है।

भेड़चाल चलते हुए आपराधिक कानून संघ ने भी बुल्ली और सुल्ली ऐप के माध्यम से मुस्लिम महिलाओं के उत्पीड़न की निंदा की है।

बयान में कहा गया है, “संघ भारतीय मुस्लिम महिलाओं के साथ एकजुटता व्यक्त करता है, जिनकी तस्वीरें और जानकारी बुल्ली बाई पर उनकी जानकारी या सहमति के बिना साझा की गई हैं। कानून संघ मुस्लिम महिलाओं का यौन शोषण, अमानवीय और परेशान करने के इस प्रयास की निंदा करते हैं।”

कानून संघ ने जहाँ इस मामले को इस्लामोफोबिया मानते हुए कड़ी कार्रवाई की माँग की है, वहीं हिन्दू महिलाओं के उत्पीड़न को लेकर आज तक कोई बयान जारी नहीं किया, न ही हिन्दू महिलाओं का उत्पीड़न उसे ‘हिन्दूफोबिया’ लगता है।

हिंदू महिलाओं को निशाना बनाने लव जिहाद को बढ़ावा देने और उनके खिलाफ मौजूद अश्लील सामग्री को लेकर किसी ने भी अभी तक आरोपितों को गिरफ्तार करने या इन वेबसाइट्स को ब्लॉक करने के लिए आवाज नहीं उठाई है। यह दर्शाता है, एंटी हिन्दू गैंग का प्रभाव कितना भीतर तक है।

‘महाराष्ट्र पुलिस बेगुनाहों को फँसा रही है’: कथित मास्टरमाइंड का दावा

बता दें कि मुंबई पुलिस ने बुल्ली बाई ऐप मामले में इंजीनियरिंग के एक 21 वर्षीय छात्र को सहित 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। उत्तराखंड से गिरफ्तार एक 18 वर्षीय एक लड़की को ऐप का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है।

इस बीच एक ट्विटर यूज़र ने खुद को बुल्ली ऐप का मास्टरमाइंड बताते हुए दावा किया है कि मुम्बई पुलिस निर्दोषों को फंसा रही है।

@giyu44 नामक ट्विटर यूजर ने ट्वीट कर खुद को मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों की नीलामी करने वाली बुल्ली ऐप का मास्टरमाइंड बताते हुए मुंबई पुलिस से बेगुनाहों को परेशान करना बंद करने की धमकी दी है।

कथित रूप से नेपाल के रहने वाले यूज़र ने महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा है,

“मैंने ही अपने दोस्तों स्वाति और विशाल के ई-मेल अकाउंट का प्रयोग किया था। उन दोनों को तो पता भी नहीं है कि ऐसा कैसे हुआ। उन्हें मेरी वजह से गिरफ्तार किया गया है। अगर कोई मेरे लिए फ्लाइट का टिकट इंतज़ाम कर दे तो मैं खुद को कानून के हवाले करने को तैयार हूँ।”



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