जबरन धर्मांतरण, निकाह कराने वाले वकील का लाइसेंस दिल्ली बार काउंसिल ने किया रद्द: चेंबर को ही बना लिया था मजार

05 जुलाई, 2021
इकबाल मलिक के विरुद्ध बार काउंसिल ने लिया सख्त निर्णय, किया लाइसेंस निलंबित

दिल्ली बार काउंसिल ने वकालत के नाम पर धर्मांतरण के पेशे में लिप्त इकबाल मलिक नामक एक वकील का वकालत का लाइसेंस निलंबित करने का निर्णय लिया है। बार काउंसिल ने लाइसेंस रद्द करने का यह निर्णय वकील द्वारा अपने चेंबर में कराए जा रहे निकाह एवं जबरन धर्मांतरण के मामलों को देखते हुए लिया।

देश के विभिन्न राज्यों में बढ़ते पंथ परिवर्तन के मामले प्रशासन एवं सरकार के लिए भी चिंता का विषय बनते जा रहे हैं। यह विभिन्न व्यवस्थाओं पर भिन्न-भिन्न प्रकार से प्रभाव डाल रहे हैं। इसी मामले में दिल्ली में सोमवार (5 जुलाई, 2021) को दिल्ली बार काउंसिल द्वारा एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया।

लॉ चेंबर के भीतर निकाह

बार काउंसिल द्वारा सोहन सिंह तोमर नामक व्यक्ति के संज्ञान लेकर शिकायत करने के बाद यह मामला सामने आया कि इकबाल अपने चेंबर में कई अवैध गतिविधियों को अंजाम देता था, जिनमें पंथ परिवर्तन तथा मुस्लिम समुदाय के निकाह भी शामिल थे।

इकबाल मलिक ने पटपड़गंज के रहने वाले सोहन सिंह तोमर की बेटी आरती का धर्मांतरण कर निकाह कराया था। युवती के पिता ने इस मामले में पुलिस को शिकायत दी थी। साथ ही, दिल्ली बार काउंसिल को इकबाल की शिकायत भेजी थी।

बोर्ड ने कहा कि इकबाल के विरुद्ध मैरिज सर्टिफिकेट नंबर 06/2021 दिनांक 3 जून, 2021 का एक मामला आया है, जिसमें लिखा गया है कि निकाह S-322 कड़कड़डूमा 3rd फ्लोर मज़ार वाली मस्जिद में हुआ। व्याख्या में लॉ चैंबर को मज़ार वाली मस्जिद लिखा गया, जो इसे और अधिक आपत्तिजनक बनाता है। कड़कड़डूमा कोर्ट ने इस बात की पुष्टि भी की है तथा इकबाल पर कई असामाजिक व अवैध गतिविधियाँ करने का आरोप भी लगाया है।

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पंथ परिवर्तन का भी किया जा रहा कार्य

बोर्ड के पास इकबाल के विरुद्ध एक व्यक्ति की पुत्री का जबरन पंथ परिवर्तन कराने तथा निकाह कराने को लेकर भी शिकायत आई है। इस मामले मैं इस्लाम में परिवर्तित कराने का सर्टिफिकेट निकाह ट्रस्ट रजिस्टर्ड 668/ 2020 के नाम से जारी हुआ है। 

बार काउंसिल ने इकबाल को सख्ती से निर्देश देते हुए यह कहा कि वे एक वकील हैं तथा इस तरह निकाह व पंथ परिवर्तन कराना उनके व्यावसायिक छवि को नकारात्मक दृष्टि से दिखाता है तथा समस्त कानूनी व्यवसाय का भी अपमान करता है।

बार काउंसिल समूह ने लिया सख्त निर्णय

पूरे मामले की सुनवाई के बाद काउंसिल के प्रमुख रमेश गुप्ता ने 3 लोगों की विशेष कमेटी का निर्माण कर संस्था की अस्मिता तथा साख बनाए रखने के लिए जाँच के आदेश दिए। इस कमेटी में श्री हिमल अख्तर (बीसीडी वाइस चेयरमैन), श्री केसी मित्तल (पूर्व चेयरमैन तथा बी सी डी सदस्य) एवं श्री अजयंदर सांगवान (पूर्व सचिव व बी सी डी सदस्य) हैं।

संस्था की अस्मिता को ध्यान में रखते हुए बोर्ड द्वारा फिलहाल इकबाल मलिक का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है। कमेटी द्वारा निर्णय लिए जाने तक इकबाल को निलंबित रखा जाएगा।

इस मामले पर जवाब देने के लिए कमेटी ने इकबाल को 7 दिनों का समय दिया है तथा 16 जुलाई, 2021 से पहले कमेटी के सामने प्रस्तुत होने का भी आदेश दिया है। ऐसा न किए जाने पर इकबाल के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।



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