अवैध मजार: हिंदू युवक को अंग्रेजी में धमका कर चर्चा में आए SHO भारद्वाज सस्पेंड

11 अगस्त, 2021
आदर्श नगर के SHO सीपी भारद्वाज सस्पेंड

दिल्ली के आदर्श नगर थाने के एसएचओ सीपी भारद्वाज को सस्पेंड कर दिया गया है। कुछ दिन पहले ही एसएचओ का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसमें वो कथित रूप से आजादपुर फ्लाईओवर पर बनी एक अवैध मजार का बचाव करते नज़र आ रहे थे।

वीडियो में वो एसएचओ भारद्वाज कई लोगों से बहस करते नज़र आ रहे थे। साथ ही, अवैध मजार के खिलाफ आवाज़ उठाने वाले एक हिन्दू युवक को जेल में डालने की धमकी भी दे रहे थे। भारद्वाज पत्रकार को भी ‘सेंसिटिव’ मामलों से दूर रहने की हिदायत दे रहे थे।

वीडियो में विजय गड़रिया नाम का एक हिन्दू युवक मजार पर रहने वाले सिकन्दर से ये जानकारी लेना चाह रहा था कि ये मजार कब बनी। सिकन्दर का दावा था कि मजार 1982 से बनी हुई है जबकि स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मजार 10-12 साल पहले ही बनी है।

वीडियो में सिकन्दर का दावा था कि जब 1982 में एशियाड खेल हुए थे, तब ये मजार बनी थी। इस पर विजय ने उससे पूछा कि यह पुल कितने दिन पहले बना है? इसके जवाब में सिकन्दर का कहना था कि ये बात उनके पुरखे बता कर गए हैं कि मजार 1982 में बनी थी।

युवक इसी विषय मे मजार की देखरेख करने वाले सिकन्दर से बात कर रहा था कि तभी अचानक एसएचओ ने आकर मीडियाकर्मी का माइक हटा दिया। एसएचओ हिन्दू युवक विजय को धमकाते हुए बोलते देखे गए कि ‘तुम्हें किसने हक दिया है कि भारत के नागरिकों पर इस तरह दबाव डालो’?

एसएचओ ने युवक से कहा कि सड़क पर बने संवेदनशील मजहबी स्थल पर बिना दिल्ली सरकार की कमेटी के रिव्यू के छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। इस पर युवक ने पिछले दिनों चाँदनी चौक में मन्दिर टूटने पर सवाल पूछ लिया।

इस बात से नाराज एसएचओ ने युवक को ज़बरन गाड़ी में डालने का आदेश वहाँ मौजूद सिपाहियों को दे दिया। इसके बाद सिपाही बलपूर्वक युवक को घसीटते हुए वहाँ से ले गए। एसएचओ युवक को अंग्रेजी में अंदर करने की धमकी भी दे रहे थे।

इसके अलावा एसएचओ वहाँ मौजूद भीड़ की गाड़ियों के नम्बर नोट कर उनके खिलाफ कार्रवाई की बात भी कह रहे थे और मौजूद लोगों को बुरी तरह बेइज़्ज़त कर भगा रहे थे। एसएचओ ने वहाँ मौजूद पत्रकार को भी संवेदनशील स्थानों से दूर रहने की हिदायत दी।


वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर एसएचओ के खिलाफ ज़बरदस्त आक्रोश पनपा था और उन्हें सस्पेंड करने की माँग हो रही थी। कई सोशल मीडिया यूजर्स ने उनके खिलाफ ट्विटर पर ट्रेंड पर चलाया था। लोग पूछ रहे थे कि दिल्ली पुलिस अवैध मजार को बचाने में सहयोग क्यों कर रही है।

मामले में एसएचओ ने कहा था कि आजादपुर फ्लाईओवर पर मजार है। यहाँ 8-10 दिन पहले कुछ लोग आए और मजार को लेकर आपत्ति जताने लगे। इसी बीच वे लोग मजार की देखभाल करने वाले सिकंदर से बहस करने लगे और उसे हटाने की माँग करने लगे।

एसएचओ ने बताया था कि मामले की जानकारी होने पर वह वहाँ गए थे और लोगों को समझाया था कि कौन सी मजार अवैध है, ये दिल्ली सरकार की एक कमेटी तय करती है।

फिलहाल फ्लाईओवर से अभी तक अवैध मजार तो नहीं हट पाई है लेकिन एसएचओ साहब जरूर हट गए हैं। हालाँकि दिल्ली पुलिस का कहना है कि उनके सस्पेंशन का मजार मामले से कोई लेना देना नहीं है, बल्कि उन्हें कर्तव्य पालन में कमी और उनके खिलाफ मिल रही कई शिकायतों की वजह से सस्पेंड किया गया है।



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