शनिवार (24, जुलाई 2021) को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें एक युवती बीच सड़क पर बनी अवैध मजार को अकेले ही हटाती दिख रही है। हालाँकि इस बीच कुछ राहगीरों ने भी उसकी मदद की और मजार की सजावट के लिए रखे गए गमले भी सड़क से हटा दिए गए।
अवैध निर्माण पर रोक लगाने का जो काम दिल्ली पुलिस और प्रशासन को करना चाहिए उसके लिए आम नागरिकों को सामने आना पड़ रहा है। मामला दिल्ली के छतरपुर में बतकुंज से आईआरस नगर जाने वाली सड़क का है।
सड़क के बीचों बीच अचानक से एक अवैध मजार नजर आने लगी। फरवरी माह तक ये मजार वहाँ नहीं थी। हालाँकि अवैध मजार पर बैठा मुस्लिम व्यक्ति ये दावा कर रहा है कि ये मजार 2002 के पहले से वहाँ पर मौजूद है। जबकि युवती का कहना कि जब वो फरवरी में यहाँ से गुजरी थी तब ये मजार यहाँ नहीं थी।
बहादुर युवती ने अपना नाम गीता गुर्जर बताया है। गीता गुर्जर ने यह कहते हुए मजार से ईंट, गमले और अन्य सामान को हटा दिया कि इस मजार को धीरे-धीरे बढ़ाया जा रहा है। युवती का आरोप है इस मजार के कारण यहाँ लम्बा जाम लगता है, लेकिन इसको हटाने के बजाय मजार के चारों ओर अतिक्रमण करके इसे बढ़ाया जा रहा है।
बता दें कि यह अवैध मजार छतरपुर मेट्रो स्टेशन क्रॉसिंग के बाहर भाजपा सांसद के कार्यालय के ठीक सामने है। जानकारी के अनुसार पूरी तरह से अवैध और यातायात के लिए खतरनाक यह मजार मेट्रो स्टेशन चालू होने के बाद बनाई गई है। तब से धीरे धीरे इस मजार का आकार चबूतरे के आस-पास गमले, पत्थर और ईंट रखकर बढ़ाया जा रहा है।
युवती ने आरोप लगाया है कि यहाँ से धर्मान्तरण का कार्य भी किया जा रहा है। युवती का कहना है कि अतिक्रमण और कब्जे की शुरुआत ऐसे ही धीरे-धीरे होती है और हमें इसके खिलाफ आवाज़ उठानी होगी। बहादुर युवती ने जब अपने हाथों से अवैध मजार को हटाना शुरू किया तो दो-तीन राहगीर भी युवती की सहायता करने आ गए।
इस बीच सोमवार को खबर आई कि गीता गुर्जर को मामले में महरौली थाने की पुलिस ने बुलाया है। गीता गुर्जर को थाने बुलाए जाने की खबर @Thehinducafe नामक के ट्विटर हैंडल से दी गई।
DoPolitics ने इस खबर की सत्यता जानने के लिए जब ट्विटर यूज़र ‘द हिन्दू कैफे’ से बात की तो उन्होंने इस बात की पुष्टि की।
उन्होंने बताया कि गीता गुर्जर को थाने बुलाए जाने की खबर पर वो अपने कुछ साथियों के साथ थाने गए थे। इस बीच जानकारी पाकर वहाँ लगभग 50 आरएसएस कार्यकर्ता भी जमा हो गए। उनका कहना है कि SHO से उन्हें भरोसा दिलाया है कि किसी के साथ अन्याय या प्रताड़ना नहीं की जाएगी, न ही युवती को थाने बुलाया जाएगा।
जिन लोगों ने यह शब्द पहली बार पहली बार सुना हो, उन्हें बता दें कि इसके खिलाफ पहली आवाज़ मेरठ के एक इलाके मालिवाड़ा से उठी थी। एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर नौमन अहमद परिवार सहित इस इलाके में एक कमरा किराए पर लेकर रहता था। इसके बाद नौमन अहमद ने मालिवाड़ा में ही एक ज्वैलर संजय रस्तोगी से एक मकान खरीद लिया।
जब वो मकान में शिफ्ट होने लगे तो इलाके के लोगों ने ये कहकर उनका विरोध किया कि एक मुस्लिम परिवार इस इलाके में नहीं रह सकता। लोगों का कहना था कि मुस्लिम परिवार अपनी हरकतों रहन-सहन और मज़हबी रीति-रिवाजों से हिंदुओं का रहना हराम कर देते हैं।
उनका आरोप था कि मुस्लिम आए दिन पड़ोसी हिंदुओं से लड़ाई झगड़ा करते हैं और अपने समुदाय के लोगों को बुलाकर धमकी दिलवाते हैं। फिर मजबूरी में हिंदुओं को अपने घर-बार कम दाम में बेचकर जाना होता है। उस मकान को भी मुस्लिम परिवार अपने रिश्तेदार को दिलवा देते हैं।
ऐसे धीरे-धीरे कर पूरा मोहल्ला मुस्लिम-बहुल हो जाता है। यही लैंड जिहाद होता है जिसे योजनाबद्ध तरीके से सालों से अंजाम दिया जा रहा है। हालाँकि मेरठ मामले में काफी विवाद के बाद पुलिस की मौजूदगी में तय हुआ कि नौमान मकान नहीं खरीदेंगे और उसके पैसे मकान मालिक संजय वापस करेंगे।
चिंगारी कहीं एक जगह से उठती है और आने वाले समय में वो विकराल रूप ले लेती है। मेरठ का लैंड जिहाद मामला बेहद चर्चित हुआ था, जिसके बाद हिन्दू संगठनों ने इस मुद्दे पर लोगों को जागरूक करना शुरू किया।
हिन्दू संगठनों के लिए लैंड जिहाद भी लव जिहाद की ही एक बड़ा मुद्दा है। हिन्दू संगठन लम्बे समय से आरोप लगाते रहे हैं कि लव जिहाद भी एक छोटे से किस्से से शुरू हुआ था, जो अब इतना विकराल रूप ले चुका है कि उसके खिलाफ कई राज्यों को कानून बनाना पड़ा।
उनका कहना है कि जब लव जिहाद, जिसमें सिर्फ एक हिन्दू परिवार को शिकार बनाया जाता है, वो इतना विकराल रूप ले सकता है, तो जरा सोचिए लैंड जिहाद कितना जहरीला हो सकता है, जिसमें पूरे समाज और शहर को ही शिकार बनाया जाता है।
हिन्दू संगठनों का स्पष्ट मत है कि खाली पड़ी जमीन पर या सड़क किनारे मजार बनाकर पहले उस पर कब्जा किया जाता है, फिर उसके पास मस्ज़िद बना दी जाती हैं जहाँ मुसलमान नमाज़ पढ़ने आने लगते है। फिर वहाँ छोटे छोटे कमरे बनाकर उसमें कुछ मुस्लिम परिवार आकर बस जाते हैं।
नगरीय विकास की परियोजनाओं में जब ये अवैध निर्माण रोड़ा बनते हैं तो इन्हें हटाने के खिलाफ पूरा समुदाय हिंसा और उतर आता है। शहरों में दंगे और हत्याएँ करता है। मजबूरन और हिंदुओं का पलायन होता है।
हिन्दू संगठनों का आरोप है कि एक लंबी रणनीति के तहत ये अवैध मज़ारें सड़को के बीच, पुलों के ऊपर, मेट्रो स्टेशनों, रेलवे स्टेशनों, हवाई अड्डो, शहरों के प्रवेश द्वार पर हाईवे के किनारे बनाई जाती हैं ताकि भविष्य में सम्भावित गृहयुध्द की स्थिति में इन इलाकों को ब्लॉक कर के मदद को शहर तक आने से रोका जा सके।
वीएचपी के सह प्रांत संगठन मंत्री सुदर्शन चक्र महाराज का स्पष्ट कहना है कि ‘लैंड जिहाद’ देश में बहुत तेजी से बढ़ रहा है। योजनाबद्ध साजिश के तहत सरकारी जमीन, पार्क, चौराहे और सड़कों पर पर मजार बनाकर धार्मिक आयोजन की आड़ में कीमती जमीनों पर कब्जा किया जा रहा है। कुछ दिन बाद ऐसे ही कब्जा की गई जमीनों पर देश विरोधी गतिविधियों और धर्मान्तरण कार्यों का संचालन किया जाता है।