कन्याकुमारी (Kanyakumari) में एक गैर-सरकारी संगठन ‘जनन्याग क्रिस्थुवा पेरवई अमाईपु’ (Jananyaga Christhuva Peravai Amaipu) के ईसाई पादरी और सलाहकार जॉर्ज पोन्नैया (George Ponniah) ने हिंदू धर्म और मान्यताओं पर अपनी भड़काऊ टिप्पणी के लिए सार्वजनिक रूप से माफी माँगते हुए भविष्य में ऐसे बयान न देने का वचन दिया है।
ईसाई पादरी और संगठन के सलाहकार जॉर्ज पोन्निया ने एक सभा में हिंदू धर्म और उसकी मान्यताओं को लेकर टिप्पणी की थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना भी साधा था।
दो मिनट के भाषण का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सोशल मीडिया और राज्य में बवाल मच गया था। हिन्दू संगठनों ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए पोन्निया की कड़ी आलोचना की थी। बवाल होने के बाद पोन्निया ने अब अपनी टिप्पणी के लिए हिन्दू समुदाय से माफी माँग ली है।
वीडियो में कथित रूप से पोन्निया को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की मौत की दुआ करते भी सुना जा सकता है। पोन्निया ने अपने बयान में कहा था कि मोदी और शाह की लाश कुत्ते नोचेंगे। इसके अलावा पोन्निया ने भारत माता के खिलाफ भी अपमानजनक टिप्पणी की थी।
इस वीडियो में वो कहता है:
“वो इसलिए चप्पल नहीं पहनते क्योंकि वो भारत माता को दर्द नहीं देना चाहते और हम लोग इसलिए चप्पल पहनते हैं ताकि हमारे पैर गंदे न हों और भारत माता के कारण हमें कोई बीमारी न हो”
हिंदू संगठनों ने उनके भाषण की निंदा करते हुए विरोध प्रदर्शन किया था, साथ ही उनकी गिरफ्तारी की माँग भी की थी। पोन्निया के खिलाफ तमिलनाडु के कन्याकुमारी सहित कई अन्य जिलों में करीब 30 शिकायतें दर्ज की गई हैं।
बता दें कि 18 जुलाई को कर्नाटक के कन्याकुमारी जिले के अरुमानई कस्बे में विवादित एक्टिविस्ट स्टेन स्वामी की याद में अल्पसंख्यक संगठनों की ओर से एक बैठक आयोजित की गई थी।
इस कार्यक्रम में बोलते हुए जॉर्ज पोन्निया ने आरोप लगाया था कि तमिलनाडु अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय और अल्पसंख्यक आयोग राज्य के अल्पसंख्यकों को प्रार्थना सभा आयोजित करने से रोक रहा है।
पोन्निया ने कहा कि उन्होंने हाल के राज्य चुनावों में द्रमुक के वोट जीतने के लिए कई अल्पसंख्यक संगठनों के साथ कड़ी मेहनत की थी, लेकिन सत्ता में आने के बाद पार्टी ईसाइयों -मुस्लिमों को नज़रअंदाज़ कर रही है।
पोन्नैया ने कहा:
“चुनावों में हमने उन द्रमुक के लिए क्षेत्रों में प्रचार किया जहाँ घुसने की हिम्मत द्रमुक नेताओं की भी नहीं थी। हमने सभी से द्रमुक को वोट देने का आग्रह किया और कहा कि अगर द्रमुक सत्ता में आई तो हमारे दुख दूर हो जाएँगे।
आगे वो कहते हैं, “लेकिन इस सरकार के सत्ता संभालने के 60 दिनों के भीतर ही हमें अपने अधिकारों के लिए विरोध करने के लिए मजबूर कर दिया। चुनाव से पहले उन्होंने हमारे अधिकारों की रक्षा करने का वादा किया। द्रमुक को जो वोट मिले, वे अल्पसंख्यक समुदायों द्वारा दी गई भीख हैं।”
पोन्निया ने हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती बोर्ड के मंत्री शेखर बाबू, आईटी मंत्री मनो थंगराज सहित अन्य मंत्रियों पर हिन्दू समर्थक होने का आरोप लगाते हुए फटकार लगाई थी।
अपने भाषण में पोन्निया ने भारत माता पर अपनी अपमानजनक टिप्पणी से भी विवाद खड़ा कर दिया था। उन्होंने भारत माता को ‘बीमारी फैलाने वाली’ कहा था।
भारत माता के सम्मान में चप्पल पहनने से परहेज करने वाले नागरकोली के भाजपा विधायक एम आर गाँधी पर तंज कसते हुए पोन्नैया ने कहा, “वो (भाजपा विधायक) इसलिए चप्पल नहीं पहनते क्योंकि वो अपनी भारत माता को दर्द नहीं देना चाहते और हम यह सुनिश्चित करने के लिए चप्पल पहनते हैं कि हमारे पैर गंदे न हों और भारत माता के कारण हमें कोई बीमारी न हो।”
पोन्निया पर ये भी आरोप है कि वायरल वीडियो में उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की मौत की कामना की।
वीडियो में ईसाई पादरी पोन्निया बोल रहे हैं:
“नरेंद्र मोदी का आखिरी दिन सबसे दयनीय होगा, मैं लिखकर दे सकता हूँ। जिस ईश्वर को हम पूजते हैं, अगर वो सच में जिंदा हैं तो इतिहास देखेगा कि मोदी और अमित शाह के सड़े हुए शरीर को कुत्ते और कीड़े खाएँगे।”
भाषण का वीडियो वायरल होने के बाद पोन्निया ने सफाई देते हुए कहा है कि दिवंगत कार्यकर्ता स्टेन स्वामी को श्रद्धांजलि देने के लिए बुलाई गई बैठक के दौरान उनके भाषण के कुछ हिस्से को एडिट किया गया है।
उनका कहना है कि वीडियो एडिट करने के बाद इसे सोशल मीडिया पर इसे हिन्दू समुदाय की निंदा का एंगल देते हुए वायरल किया जा रहा है। पोन्निया ने वायरल वीडियो पर सफाई देते हुए कहा है:
“उस एडिट किए वीडियो को देखकर, कई लोगों ने गलत समझा है कि मैंने हिंदू धर्म और मान्यताओं के खिलाफ बात की है। मैंने और सभा में बोलने वाले लोगों ने कभी ऐसा कुछ नहीं कहा।”
वीडियो में कहे गए अपने शब्दों के लिए ईसाई पादरी ने सार्वजनिक रूप से माफी माँगते हुए कहा, “अगर हमारे भाषण से मेरे हिंदू भाइयों और बहनों की भावनाओं को ठेस पहुँची है, तो मैं इसके लिए तहे दिल से माफी माँगता हूँ। मैं अपने प्यारे हिंदू भाइयों और बहनों से कहना चाहता हूँ कि भविष्य में भी मैं इस तरह की टिप्पणी कभी नहीं करूँगा।”