केरल के इडुक्की जिले से एक मासूम बच्ची की रेप और हत्या की दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। इस मामले में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की युवा शाखा के नेता को गिरफ्तार किया गया है।
केरल के आरोपित कम्युनिस्ट नेता को 6 साल की मासूम बच्ची के साथ कथित तौर पर बलात्कार करने और उसे फाँसी पर लटकाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। बच्ची का शव 30 जून को उसके माता-पिता के क्वार्टर के एक कमरे में लटका मिला था।
समाचार चैनल ‘टाइम्स नाउ’ की रिपोर्ट के मुताबिक, बलात्कार और हत्या का आरोपित कम्युनिस्ट नेता मासूम बच्ची को मिठाई देने के बहाने फुसला कर तीन साल तक दुष्कर्म करता रहा और किसी को भनक तक नहीं लगी। पुलिस के मुताबिक घटना 30 जून की है, जब आरोपित कम्युनिस्ट नेता ने नाबालिग बच्ची से कथित तौर पर रेप किया था।
शुरुआत में पुलिस ने घटना के संबंध में आकस्मित मौत का मामला दर्ज किया था, लेकिन बच्ची की ऑटोप्सी रिपोर्ट से पता चला है कि वह तीन साल से उसका यौन शोषण कर रहा था। इसके बाद पुलिस को शक हुआ कि ये मामला हत्या और रेप का है। इसके बाद पुलिस ने मामले में कम्युनिस्ट पार्टी के नेता को गिरफ्तार किया।
पुलिस को संदेह है कि 30 जून को, जब कम्युनिस्ट नेता लड़की का बलात्कार कर रहा था, तब वह होश खो बैठी। इस बात से आरोपित डर गया कि बच्ची मर सकती है। इसके बाद कम्युनिस्ट नेता ने बच्ची को कमरे में फाँसी पर लटका दिया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपित ने पूछताछ के दौरान लड़की के साथ बलात्कार करने की बात कबूल की।
आए दिन मासूमों के साथ होने वाले रेप के मामले सामने आते हैं। कई बार ऐसी घटनाओं से हंगामा खड़ा होता है तो बलात्कारी गिरफ्तार होता है और कई बार घटना यूँ ही दब जाती हैं। बहुत से मामलों तक लोगों का ध्यान ही नहीं जाता। देश मे बच्चों के साथ बलात्कार की घटनाएँ लगातार बढ़ रही हैं।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के आँकड़ों के मुताबिक, भारत में पिछले 5 सालों में बच्चों से बलात्कार के मामलों में 151 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। ये वो मामले जो सामने आए,जिनमें शिकायत दर्ज हुई। लेकिन उन मामलों का कोई आँकड़ा नहीं है, जिनमें मासूमों ने बलात्कार से जुड़ी मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना को चुपचाप सहा या फिर उन्हें ज़बरन चुप करवा दिया गया।
हम सभी ऐसी घटनाओं पर चर्चा करते हैं। जब भी ऐसी कोई घटना सामने आती है, तो लम्बे लम्बे भाषण दे देते हैं, लेकिन एक मासूम बच्चा जिस दर्द से गुजरता है, इसका अंदाज़ा कोई नहीं लगा सकता। समाज के भीतर छिपे कुछ वहशी दरिंदे, अपनी हवश के लिए मासूमों का मासूमियत से भरा बचपन कुचल देते हैं।