केरल में स्पेशल मैरिज एक्ट: सारे लड़के मुस्लिम, सारी लड़कियाँ हिन्दू

25 अगस्त, 2021 By: संजय राजपूत
केरल में लव-जिहाद की हकीकत बताते दस्तावेज

एक नौजवान युवती अपने माता-पिता की मर्ज़ी के ख़िलाफ, अपने प्रेमी से शादी करने के लिए घर छोड़ देती है। शादी के बाद वो पहली बार अपनी ससुराल जाती है। उसके सामने विवाह से पहले जीन्स-टी शर्ट में दिखने वाला उसका पति एक गोल सफेद टोपी और सफेद कुर्ता-पाजामें में नज़र आता है। वो युवती के पास आकर उसकी बिंदी हटा देता है, और उसका सर दुपट्टे से ढक देता है।

फिर वो उसे क़ुरान पढ़ाता है और कुछ देर बाद वहाँ कुछ और लोग नज़र आने लगते हैं। युवती का पति उसे इन लोगों को ऐसे लोगों को बेच देता है, जो आतंकवादियों जैसे नज़र आते हैं। ये किसी पुरानी बॉलीवुड का मूवी का कोई सीन नहीं है, बल्कि ईसाई संगठनों द्वारा बनाया गया एक वीडियो है, जो पिछले दिनों केरल के कई व्हाट्सऐप ग्रुप्स में वायरल हो रहा था।

वीडियो के साथ मलयालम भाषा में कैप्शन लिखा है:

“वाम (CPM की अगुवाई वाला लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट) और दक्षिण (कॉन्ग्रेस की अगुवाई वाला यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट) दोनों में, ‘लव जिहाद’ रूपी आतंकवाद को खुलकर न्यायोचित ठहराते हुए, जिहादियों को ख़ुश करने की होड़ लगी है। हमें जिहादियों को इनके (वाम दल और कॉन्ग्रेस) के साए में पनपने नहीं देना चाहिए। उसके लिए हमें उन पेड़ों को काटना होगा, जो इन्हें आसरा देते हैं। सोचिए और करिए।”

जनवरी, 2020 में केरल की सबसे बड़ी संस्थाओं में से एक सायरो-मालाबार चर्च ने एक बयान जारी किया था, जिसमें ‘लव जिहाद’ के ज़रिए ईसाई महिलाओं को ‘निशाना बनाए जाने’ पर चिंता जताई गई थी।

केरल में ‘लव जिहाद’ साल 2009 में चर्चा में आया था, जब केरल हाईकोर्ट ने सरकार से ‘लव जिहाद’ के ख़िलाफ क़ानून बनाने का अनुरोध किया था क्योंकि कोर्ट को ‘प्यार की आड़ में जबरन धर्मांतरण के संकेत मिल रहे थे।

केरल पुलिस ने भी माना- ‘लव जिहाद’ हकीकत

धर्म परिवर्तन आस्‍था नहीं, बल्कि दबाव में हो रहा है। ये दबाव असल मे ‘प्‍यार’ होता है, यानी ‘लव जिहाद’। कुछ समय पहले ये दावा किया गया था केरल पुलिस की एक गोपनीय रिपोर्ट में। लम्बे समय तक ‘लव जिहाद’ जैसे किसी मामले को नकारती रहती केरल पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में लव जिहाद को एक गंभीर मामला माना है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि आस्‍था के चलते इस्‍लाम अपनाने वालों की संख्‍या बहुत कम है। ज्यादातर गैर-मुस्लिम इस्‍लाम में धर्म परिवर्तन ‘प्‍यार’ के दबाव में आकर करते हैं। केरल पुलिस की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘दावा दस्ता’ नाम का एक कट्‌टरपंथी मुस्लिम संगठन राज्य के गैर मुस्लिम युवाओं खासकर युवतियों का धर्म परिवर्तन करा रहा है।

धर्म परिवर्तन कराने के लिए यह चरमपंथी संगठन तरह-तरह के हथकंडे अपनाता है, जिनके तहत लोगों को इस्लाम अपनाने के लिए मज़बूर किया जाता है। इनमें से एक हथकण्डा है लव-जिहाद।

लव-जिहाद के ज़रिए अब तक त्रिसूर जिले में कई हिन्दू युवक और युवतियाँ इस्लाम अपना चुके हैं। पिछले दो सालों में लव जिहाद के जरिए धर्म परिवर्तन के सबसे ज्यादा मामले राज्य के ज़कन्नूर, त्रिसूर, कोझीकोड, मलप्पुरम और पलक्कड़ में सामने आए हैं।

हालाँकि मुस्लिमों द्वारा लव-जिहाद के जरिए धर्म परिवर्तन कराने के चलते भले ही राज्य के ईसाई और मुस्लिम संगठन आमने सामने हैं, लेकिन रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस इस्लामी संगठन के निशाने पर अन्य समुदायों की तुलना में एझवा (हिंदू) समुदाय के लोग अधिक हैं। रिपोर्ट के अनुसार ‘दावा दस्ता’ विशेष तौर पर हिन्दू युवतियों को लव जिहाद के जरिए निशाना बना रहा है।

‘दावा दस्ता’ ख़ासकर उन लड़कियों को आसान शिकार बनाया जा रहा है, जिनकी वैचारिक प्रतिबद्धता वामपंथ के साथ है। रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि इन हालात में हिंदू-मुस्लिमों के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि ‘दावा दस्ता’ या ‘लव ज़िहाद’ किसी कल्पना की उपज नहीं है, बल्कि लव जिहाद के जरिए धर्म-परिवर्तन के ज़रिए राज्य में एक वास्तविकता है।

केरल से वर्ष 2020 में लव-जिहाद के मामले

केरल पुलिस की इस रिपोर्ट में किए गए दावों की प्रमाणिकता के लिए DOpolitics टीम साल 2020 के लव जिहाद के कुछ ऐसे मामले लेकर आया है, जिनकी सत्यता पर कोई संदेह नहीं कर सकता।

ये दस्तावेज हमें नाम न छापने की शर्त पर विश्वसनीय सूत्रों द्वारा भेजे हैं। इसमें विवाह पंजीकरण के आवेदन हैं और 99% आवेदनों में युवक मुस्लिम और युवती हिन्दू हैं।

3 अगस्त, 2020 के आवेदन के अनुसार 32 वर्षीय फैजल यूसुफ नाम का एक सरकारी कर्मचारी और 25 वर्षीय हिन्दू युवती रिद्धिमा पी (बदला हुआ नाम) ने विवाह के लिए पंजीकरण कराने का आवेदन दिया है। फैजल केरल के कालीकुलंगर का रहने वाला है जबकि रिद्धिमा पलक्कड़ की रहने वाली है।

दस्तावेज –

Faizal Yousuf

8 अगस्त, 2020 को ही कोट्टायम के रहने वाले 21 वर्षीय अख्तर ने 20 वर्षीय हिन्दू युवती पीवी शिक्षा (बदला हुआ नाम) के साथ विवाह के लिए पंजीकरण कराया। अख्तर, पुत्र फासिल एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम करता है। शिक्षा केरल के एक गाँव परियारम की रहने वाली है।

Akhtar-Shiksha

23 मार्च, 2020 को एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर उवैस पुत्र हनीफ ने हिन्दू युवती सुपर्णा से विवाह के लिए रजिस्ट्रार विभाग के आवेदन किया। उवैस की उम्र 23 साल है, जबकि सुपर्णा की 22 वर्ष। उवैस केरल के कलूर में रहता है और सुपर्णा एनराकुलम में।

Uvaish -Suparna

25 मई, 2020 को 30 साल के रउफ उम्मेर नामक एक मुस्लिम व्यक्ति नें 25 साल की सुनीता (बदला हुआ नाम) नामक एक हिन्दू युवती से विवाह का आवेदन दिया। रउफ ने दस्तावेजों में खुद को लाइफ स्किल ट्रेनर बताया है जबकि सुनीता नर्स हैं। दोनो ही पलक्कड़ में रहते हैं।

Rauf - Sunita

1 जून, 2020 को 27 साल के व्यापारी शाहिद ने आईटी सेक्टर की कर्मचारी रीता (बदला हुआ नाम) से विवाह का पंजीकरण कराया। कुछ अन्य मामलों में 24 साल के बिजली मैकेनिक मुहम्मद सादिक ने 24 साल की मोनिका (बदला हुआ नाम) से विवाह का आवेदन दिया।

Shahid- Rita
muhammad shadiq

इसके अलावा, 40 वर्षीय किसान मुहम्मद साहिर में 29 साल की तलाकशुदा कृष्णा श्री से, 26 वर्षीय शाबिर अली ने 25 साल की अंजली से और 25 साल के अकाउंटेंट मुहम्मद राफीन ने 22 साल की ईसाई नर्स सलीम से विवाह पंजीकरण का आवेदन जमा कराया। (सभी नाम बदले हुए हैं)

5 जून को मोहम्मद तस्लीम ने अंजली से कोर्ट के माध्यम से विवाह किया था। 15 जून को एक कुली मोहम्मद इकबाल (27) ने 18 साल की वर्षा से विवाह पंजीकरण कराया।

12 जून को 24 साल के बिजनेस मैन आसिफ निजाम ने 23 साल की हिन्दू छात्रा लक्ष्मी कन्नन से विवाह का आवेदन पंजीकरण के लिए विभाग में जमा कराया।

21 साल के असरुद्दीन ने 20 साल की छात्रा राजी पीवी को प्रेम जाल के फंसा कर कोर्ट के माध्यम से विवाह किया, वहीं 27 साल के बिज़नेसमैन खालिफ बिन सलीम नें 27 साल की हिन्दू टीचर शामली से शादी का आवेदन दिया।

10 जून, 2020 को पेशे से प्लम्बर आशिफ नाम के युवक ने 21 साल की ईसाई लड़की लिबी थॉमस से विवाह का पंजीकरण कराया। राशिल नाम के एक ड्राइवर ने 21 साल की अरुंधति से कोर्ट मैरिज की, वही एक कुली अल अमीन ने गंगा नाम की एक 18 वर्षीय हिंदू युवती से कोर्ट में शादी की।

3 जुलाई, 2020 को मुख्तार ने करूमल्लूर की अथीरा से विवाह का आवदेन दिया। 28 साल का मुख्तार पेशे से मछुआरा है। 31 वर्षीय ने मुहम्मद हनीफ ने 29 साल को दिव्या से विवाह का पंजीकरण कराया। इसी महीने मुस्लिम युवक जसीम ने हिन्दू युवती रेशमा से निकाह रचाया।

साफ जाहिर होता है कि हर उम्र, हर व्यवसाय से जुड़े मुस्लिम लव जिहाद को अंजाम दे रहे हैं। जब तक ईसाई लड़कियाँ लव जिहाद की शिकार नहीं हुई थीं, तब तक ‘लव जिहाद’ को ‘शिक्षित’ लोगों का ‘अंतरधार्मिक विवाह’ कह कर ख़ारिज किया जाता रहा है।

सेक्युलर समाज में साम्प्रदायिक और अछूत मानी जानी वाली भाजपा केरल में हिंदी भाषी राज्यों की तरह मजबूत नहीं है। बावजूद इसके, लव जिहाद के चलते केरल में अब राजनीतिक और सामाजिक समीकरण बदल चुके हैं। लव जिहाद के खिलाफ केरल में एक मजबूत नैरेटिव पाँव जमा रहा है।

सीपीएम नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वीएस अच्युतानंदन ने आज से 11 साल पहले ही राज्य में लव जिहाद को लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने स्पष्ट कहा था कि केरल को ‘लव जिहाद’ से बड़ा खतरा है। केरल में कट्टरपंथी आतंकवाद की वैश्विक जड़ें भी बहुत गहरी हैं। केरल इकलौता राज्य है जहाँ से इस्लामिक स्टेट के लिए सबसे ज्यादा महिलाएँ गई थी।

दिलचस्प तथ्य ये है कि जिहाद के लिए भेजी गई इन महिलाओं में ज्यादातर आँकड़ा उन युवतियों का था, जिन्होंने अपना धर्म त्याग कर इस्लाम अपनाया था। लव जिहाद के 90 से ज्यादा मामलों की जाँच करने वाले एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि लव जिहाद के द्वारा धर्मान्तरण के ज्यादातर मामलों में विवाह करने वाले जोड़े की मदद करने में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और ‘दावा दस्ता’ जैसी संस्थाओं के सदस्य ही शामिल मिले।



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