कानपुर के जूही थाना क्षेत्र में लव-जिहाद का मामला सामने आया है, जहाँ समुदाय विशेष के युवक ने हिन्दू किशोरी को प्रेमजाल में फँसाने के बाद अपने परिजनों की मदद से धर्म परिवर्तन करा दिया। इसके बाद किशोरी को तीन दिन तक घर मे बंधक बना कर भी रखा।
जानकारी होने पर परिजनों ने युवक के खिलाफ जूही थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने किशोरी की माँ की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया और युवक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। बता दें कि जूही का लाल कॉलोनी क्षेत्र ‘लव-जिहाद’ के केंद्र के रूप में चर्चित हुआ था।
जानकारी के अनुसार जूही निवासी ई-रिक्शा चालक के परिवार में पत्नी, चार बेटियाँ और एक बेटा है। आर्थिक स्थिति ठीक न होने के चलते पत्नी बच्चों की जिम्मेदारी उठाने के साथ ही घरों में चौका बर्तन भी करती है। ई-रिक्शा चालक ने बताया कि इसी महीने की 17 तारीख की शाम उनकी 14 वर्षीय बेटी घर से लापता हो गई थी।
बेटी को दो दिन तक ढूँढने के बाद भी बेटी का कुछ पता नहीं चला। इस बीच क्षेत्रीय लोगों से पता चला कि उनकी बेटी को घर से कुछ दूरी पर रहने वाला मुस्लिम समुदाय का युवक मुन्ना अपने साथ ले गया है और अपने परिजनों की मदद से घर के बंधक बना कर रख लिया है।
किशोरी के पिता ने बताया कि ये भी जानकारी मिली कि बेटी का जबरन धर्म परिवर्तन करा दिया है और अब उस पर मुन्ना और उसके परिजन शादी का दबाव डाल रहे हैं। इसके बाद पिता ने जूही पुलिस को घटना की सूचना दी।
पुलिस ने तुंरन्त छापा मार कर मुन्ना के घर से किशोरी को बरामद कर लिया। इसके बाद किशोरी की माँ की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर आरोपित मुन्ना को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
किशोरी के पिता ने बताया कि आरोपित युवक मुन्ना उनके पड़ोस में स्थित एक टायर की दुकान में कटिंग का काम करता था। यहाँ काम करते हुए उसने धीरे-धीरे परिवार से नजदीकियाँ बढ़ाई। इस बीच उसने उनकी बेटी को प्रेमजाल में फँसा लिया और परिजनों की मदद से धर्म परिवर्तन करा दिया।
पिता का आरोप है कि पुलिस ने आरोपित युवक को तो गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, लेकिन उसका साथ देने वाले उसके परिजनों पर कोई कार्रवाई नहीं की है।
पिता का कहना है कि प्रेम जाल में भले ही मुन्ना ने फँसाया था, लेकिन उसके बंधक बनाने और ज़बरन धर्म परिवर्तन कराने में उसके परिजनों का हाथ है। परिजन ही बेटी पर मुन्ना से निकाह के लिए दबाव डाल रहे थे।
दिलचस्प बात ये है कि जूही पुलिस ने 19 जुलाई को किशोरी को मुन्ना के घर से बरामद किया था और इसके बाद उसका मेडिकल कराकर परिजनों के हवाले कर दिया, जबकि नियमानुसार पुलिस को किशोरी का मेडिकल कराने के बाद सबसे पहले 164 के तहत मजिस्ट्रेटी बयान दर्ज कराना चाहिए था। थाना प्रभारी का कहना है कि कोरोना के कारण पीड़ित के बयान नहीं दर्ज कराए गए हैं, जल्द ही कराएँगे।
बता दें कि जुलाई महीने की शुरुआत में सूफ़ी इस्लामिक बोर्ड के राष्ट्रीय संगठन प्रभारी एडवोकेट सूफी मोहम्मद कौसर जहाँ ने आरोप लगाया था कि कानपुर के कुछ घनी आबादी वाले इलाकों में अवैध धर्म परिवर्तन के लिए ‘चंदा बॉक्स’ लगाए गए हैं।
इन पैसों से लव जिहाद और अवैध धर्म परिवर्तन कराने वालों को फंडिंग की जा रही है। कौसर जहाँ ने इस बारे में एक शिकायती पत्र डीसीपी साउथ रवीना त्यागी को दिया था, जिसमें मामले की इंस्पेक्टर जूही सौंपने के साथ ही एलआईयू से भी मामले में मदद माँगी गई थी।
उन्होंने कहा था कि धर्म परिवर्तन कराने के लिए बड़े पैमाने पर पाकिस्तान से भी फ़ंडिंग हो रही है। इस फ़ंडिंग को धर्म परिवर्तन कराने वालों तक पहुँचाने के लिए ‘चंदा बॉक्स’ का इस्तेमाल किया जा रहा है। घनी आबादी वाले इलाकों में ट्राँसपेरेंट बॉक्स लगाए गए हैं।
उन्होंने कहा था कि इस सच को उजागर करने पर उन्हें पाकिस्तान और जम्मू कश्मीर में मौजूद आतंकी संगठनों से सोशल मीडिया पर जान से मारने की धमकियाँ मिल रही हैं। आरोपों की जाँच इंस्पेक्टर जूही को सौंपी गई है।
इस मामले में लोकल इंटेलीजेंस यूनिट से भी मदद माँगी गई है। यूनिट को आसपास के इलाकों में चन्दा बॉक्स के बारे में पूछताछ कर रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिए गए हैं।