एक पूर्व कॉन्ग्रेस विधायक की पौत्रवधु को आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के लिए भारतीयों की भर्ती कराने के आरोप में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने गिरफ्तार किया है। NIA ने यह गिरफ्तारी कर्नाटक पुलिस के सहयोग से की है।
प्रसिद्ध कन्नड़ लेखक और पूर्व उल्लाल विधायक दिवंगत बीएम इदीनब्बा के बेटे बीएम बाशा के घर पर राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने सोमवार को छापा मारा।
NIA ने सोमवार (03 जनवरी, 2022) को कॉन्ग्रेस के पूर्व विधायक बीएम इदीनब्बा की पौत्रवधु और आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट की सदस्य मुंडादिगुट्टू सदानंद मारला दीप्ति मारला (Mundadiguttu Sadananda Marla Deepthi Marla) उर्फ मरियम, पत्नी अनस अब्दुल रहिमन, निवासी मेंगलुरु को गिरफ्तार किया है।
NIA ने बयान जारी कर बताया कि मरियम को इस्लामिक स्टेट के लिए भारत से भर्ती मामले में गिरफ्तार किया गया है। मरियम के पति अनस, बीएम बाशा के बेटे हैं। बीमएम बाशा के पिता स्वर्गीय इदीनब्बा कॉन्ग्रेस विधायक थे। वर्ष 2009 में इदीनब्बा का निधन हो गया था। इदीनब्बा का परिवार लंबे समय से एजेंसियों की जाँच के घेरे में है।
अत्यधिक कट्टरपंथी कहे जाने वाली मरियम को मूल रूप से दीप्ति के नाम से जाना जाता है, जो कर्नाटक के कोडागु जिले की रहने वाली है। यह जिला बेंगलुरु से 240 किलोमीटर दूर है। डेरालाकट्टे में बीडीएस की पढ़ाई के दौरान उसकी मुलाकात अनस से हुई, जिसके बाद उसने इस्लाम धर्म अपना लिया।
कहा जाता है कि इस्लाम अपनाने के बाद वह बहुत रूढ़िवादी और कट्टरपंथी हो गई थी। NIA का आरोप है कि उसके IS आतंकियों से संबंध थे। उस पर कई युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और उन्हें संगठन में भर्ती करने का भी आरोप है।
एनआईए ने कहा कि ये गिरफ्तारी इस्लामिक स्टेट में आतंकियों की भर्ती और प्रचार के मामले में की गई है। इसे लेकर पिछले साल मार्च में केस दर्ज किया गया था। इसी मामले में उसने पूर्व में केरल के मोहम्मद अमीन उर्फ अबू याह्या को और उसके दो साथियों डॉ रहीस रशीद और मुसहब अनवर को भी गिरफ्तार किया था।
2021 की छापेमारी के दौरान एनआईए ने मरियम से दो दिन तक पूछताछ की थी। हालाँकि उस वक्त उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया था, लेकिन उनकी गतिविधियों और आवाजाही पर कड़ी नजर रखी जा रही थी। NIA ने कहा कि ये लोग IS के लिए काम करने वाले मोहम्मद अमीन याह्या से जुड़े हुए हैं।
केरल के मल्लापुरम निवासी याह्या को 15 मार्च को सोशल मीडिया चैनलों पर इस्लामिक स्टेट का प्रचार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन पर मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और ISIS में भर्ती करने का भी आरोप लगाया गया था।
इसके बाद अगस्त में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी ने अम्मार सहित चार और लोगों को गिरफ्तार किया था। अगस्त में ही केरल से दो महिलाओं को भी गिरफ्तार किया गया था। इन महिलाओं ने बताया था कि वो पश्चिम एशिया में इस्लामिक स्टेट में शामिल होने जा रही थी।
जाँच में पता चला कि सीरिया व इराक में इस्लामिक स्टेट का नेटवर्क ढहने के बाद दीप्ति मारला उर्फ मरियम व मोहम्मद अमीन ने जनवरी व मार्च, 2020 में हिजरा और राज्य में IS की गतिविधियों को बढ़ाने और आतंकी हमलों में मदद के लिए कश्मीर की यात्रा की थी।
एनआईए ने जाँच में यह भी पाया कि आरोपित मरियम, आतंकी मोहम्मद आमीन के साथ IS के लिए साजिश रचने वाले गिरोह की सरगना थी। NIA ने आईएस के लिए फंड जुटाने व लोगों को इस आतंकी संगठन में शामिल होने के लिए प्रेरित करने के आरोप में अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया है।
माना जाता है कि अम्मार की भतीजी अजमाला केरल के कासरगोड के उन 13 लोगों में से थी, जिन्होंने 2016 में आईएस में शामिल होने के लिए देश छोड़ दिया था। जनवरी 2017 में दायर एक आरोप पत्र में NIA ने बताया था कि अजमाला और उनके पति शिफास ने बेंगलुरु के रास्ते भारत छोड़ दिया।
24 मई 2016 को अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत में उसका पति आतंकी संगठन आईएस में शामिल हो गया था। माना जाता है कि अजमाला 2018 में किसी समय वह अफगान सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था। बता दें कि आईएस में शामिल होने के लिए कुल 21 लोग केरल छोड़ गए थे।
NIA ने पिछले साल 5 मार्च को सात ज्ञात और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ IPC और UAPA के विभिन्न आरोपों के तहत मामला दर्ज किया था। आरोप था कि मोहम्मद अम्मार अमीन और उसके सहयोगी कथित तौर पर IS विचारधारा के प्रचार और सदस्यों की भर्ती के लिए टेलीग्राम, हूप और इंस्टाग्राम जैसे विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रचार चैनल चला रहे हैं।