अमेरिका स्थित प्रतिबंधित खालिस्तान समर्थक संगठन ‘सिख्स फ़ॉर जस्टिस’ ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को धमकी देते हुए कहा है कि 15 अगस्त के दिन उन्हें पहाड़ी राज्य में राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराने दिया जाएगा।
खालिस्तान समर्थक संगठन ने यह बात एक धमकी भरा ऑडियो जारी करते हुए दी है। शुक्रवार सुबह 10:30 से दोपहर 12:30 के बीच शिमला में पत्रकारों के साथ एक फ़ोन कॉल में रिकॉर्ड किए गए ऑडियो में SFJ (Sikh For Justice) के जनरल काउंसलर गुरपतवंत सिंह पन्नून (Gurpatwant Singh Pannun) ने कहा,
“हम जय राम ठाकुर को भारतीय तिरंगा फहराने की अनुमति नहीं देंगे। हिमाचल प्रदेश पंजाब का हिस्सा था और हम पंजाब में जनमत संग्रह की माँग कर रहे हैं। एक बार जब हम पंजाब को आजाद कर लेंगे, तो हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हम हिमाचल प्रदेश के उन इलाकों पर कब्जा कर लें, जो पंजाब के हिस्से थे।”
धमकी का जवाब देते हुए हिमाचल पुलिस ने कहा है कि हम हमेशा तैयार हैं। हिमाचल पुलिस ने ट्वीट के जरिए कहा:
“हमें कुछ पत्रकारों को भेजे गए खालिस्तान समर्थक तत्वों से पहले से रिकॉर्ड किए गए संदेश प्राप्त हुए हैं। हिमाचल प्रदेश पुलिस केंद्रीय सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर राज्य की सुरक्षा और राष्ट्र विरोधी तत्वों को राज्य में शांति और सुरक्षा को विफल करने से रोकने में पूरी तरह सक्षम है।”
हिमाचल प्रदेश के आम लोगों को भी ये ऑडियो मैसेज भेजा गया है, जिसमें पन्नून ने किसानों और खालिस्तान समर्थक सिखों से जय राम ठाकुर को तिरंगा फहराने की अनुमति नहीं देने के लिए भी कहा है। हिमाचल प्रदेश मे कई लोगों ने दावा किया कि उन्हें इसी तरह का मैसेज आया है।
बता दें कि अमेरिका स्थित SFJ ने अपने अलगाववादी अजेंडे के तहत सिख जनमत संग्रह 2020 पर जोर दिया था। इस उग्रवादी संगठन का उद्देश्य एक अलग देश बनाना है। यह खुले तौर पर खालिस्तान का समर्थन करता है और इस प्रक्रिया में भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को चुनौती देता है।
SFJ को केंद्र सरकार द्वारा गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम, 1967 के तहत प्रतिबंधित किया गया है। यह आतंकी संगठन भारत विरोधी संस्थाओं और आतंकी समूहों के साथ मिलकर भारत के खिलाफ काम कर रहा है। 26 जनवरी को ‘किसान परेड‘ में लाल किले पर खालिस्तान झंडा फहराने के लिए इसी संगठन ने इनाम की घोषणा की थी।
खालिस्तानी हिमाचल के अलावा हरियाणा और राजस्थान के कुछ हिस्सों पर भी दावा करते हैं। हालाँकि खालिस्तानियों के दावों के विपरीत, हिमाचल प्रदेश कभी भी किसी भी समय पंजाब का हिस्सा नहीं रहा है। आजादी से पहले, हिमाचल की पहाड़ियों में 2 दर्जन से अधिक देशी राज्य शासन कर रहे थे और कुछ क्षेत्र पंजाब प्रांत के अधीन ब्रिटिश शासन के अधीन थे।
आश्चर्यजनक बात ये है कि ऐतिहासिक पंजाब के ज्यादातर हिस्सों के अलावा पंजाब की ऐतिहासिक राजधानी भी पाकिस्तान में है। इसके बावजूद खालिस्तानी कभी भी पाकिस्तानी क्षेत्र की एक इंच जमीन का भी दावा नहीं करते हैं।