चित्रकूट में चल रहे पाँच दिवसीय संघ चिंतन शिविर में संघ प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने एक बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में मुस्लिम बस्तियों में भी संघ की शाखाएँ खोली जाएँगी।
मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश सीमा पर स्थित चित्रकूट में संघ का पाँच दिन से चल रहा शिविर 13 जुलाई, 2021 को समाप्त हुआ। इसमें कई महत्वपूर्ण बातें हुईं एवं कुछ बड़े ऐलान भी किए गए।
संघ ने पश्चिम बंगाल को तीन भागों में विभाजित कर अलग-अलग लोगों को मुख्यालय चलाने का कार्यभार सौंपा। इन तीन भागों में दक्षिण बंगाल का मुख्यालय कोलकाता, उत्तर बंगाल का सिलीगुड़ी तथा मध्य बंगाल का मुख्यालय वर्धमान बनाया गया।
इसके साथ ही कार्यभारों में भी फेरबदल की गई, जिसमें पूर्व क्षेत्र प्रचारक रमापदो पाल को उड़ीसा और बंगाल के नए क्षेत्र का प्रचारक बनाया गया। प्रशांत भट्ट को दक्षिण बंगाल प्रांत का प्रचारक बनाया गया एवं दक्षिण बंगाल के प्रचारक जलधर महतो को सह क्षेत्र प्रचारक का कार्यभार सौंपा गया।
इसके साथ-साथ भैयाजी जोशी के नाम से चर्चित सुरेश जोशी अब संघ की ओर से विश्व हिंदू परिषद के संपर्क अधिकारी के पद को संभालेंगे और अरुण कुमार को संघ एवं भाजपा के बीच के कोऑर्डिनेटर की भूमिका प्रदान की गई।
इस सबके बीच मोहन भागवत द्वारा एक अन्य महत्वपूर्ण ऐलान किया गया। उन्होंने बताया कि अब देशभर की मुस्लिम बस्तियों में भी संघ द्वारा अपने विभिन्न शाखाएँ खोली जाएँगी। संघ अब प्रत्येक गाँव-कस्बे तक पहुँच कर हिंदुओं के साथ-साथ मुस्लिमों को भी आरएसएस से जोड़ने का प्रयास करेगा।
बता दें कि कुछ समय पूर्व मोहन भागवत द्वारा हर पंथ के भारतवासियों का डीएनए एक बताते हुए बयान दिया गया था। इस पर इंटरनेट पर विभिन्न लोगों द्वारा विभिन्न प्रतिक्रियाएँ सामने आईं थीं।
समय के साथ-साथ संघ द्वारा भी इंटरनेट और सोशल मीडिया की दुनिया में कदम रखा जा रहा है। इसे लेकर भी एक ऐलान किया गया, जिसमें संगठन को और मज़बूत बनाने के लिए संघ द्वारा अपना आईटी सेल स्थापित करने की बात कही गई। इस नए आईटी सेल में संघ ने नौजवानों को मौका देने की बात कही। भाजपा और संघ का आईटी सेल बिल्कुल अलग होगा।
कुछ दिनों पहले ट्विटर को टक्कर देने के लिए भारत में बनी सोशल मीडिया ऐप ‘कू’ पर भी आरएसएस द्वारा अपना आधिकारिक अकाउंट बनाया गया था। बता दें कि कुछ समय पहले ट्विटर ने संघ के कई बड़े सदस्यों के ट्विटर अकाउंट से वेरिफिकेशन टिक हटा दिए थे, जिन्हें इंटरनेट पर विरोध के बाद पुनः लगाया गया था।