समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा है कि भगवान श्रीकृष्ण स्वयं उनके सपने में आते हैं और उन्होंने उनसे राज्य में समाजवादी सरकार बनने की बात कही है।
जैसे-जैसे उत्तर प्रदेश चुनाव समीप आ रहे हैं सभी पार्टियाँ राज्य में सरकार बनाने को लेकर अपने अलग-अलग वादे, योजनाएँ और राजनीतिक दाँव भी खेल रही हैं। हाल ही में प्रदेश की समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव प्रेस वार्ता के दौरान इसी विषय में कुछ टिप्पणियाँ देते नज़र आए।
सपा प्रमुख सोमवार (3 जनवरी, 2022) को बहराइच में विधायक माधुरी वर्मा को अपनी पार्टी में शामिल करने के दौरान प्रदेश में सत्ताधारी पार्टी भाजपा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी निशाना साधा और कहा कि प्रदेश में राम राज्य समाजवाद के तरीके से आ सकता है। जिस दिन समाजवाद स्थापित हो जाएगा उसी दिन राम राज्य भी आ जाएगा।
उन्होंने आगे यह भी कहा कि प्रदेश के बाबा मुख्यमंत्री (योगी आदित्यनाथ) फेल हो चुके हैं और अब उन्हें कोई चाहकर भी पास नहीं करा सकता। अखिलेश यादव ने अपने बयान में कहा:
“रात में भगवान कृष्ण जी हमारे सपने में आए थे और कह रहे थे कि आप की सरकार बनने वाली है। केवल एक बार ही नहीं, हर दिन आते हैं। कोई भी एक दिन ऐसा नहीं है जब भगवान कृष्ण हमारे सपनों में आकर ये न कहते हों कि आप की सरकार बनने जा रही है।”
अखिलेश ने सत्ताधारी पार्टी भाजपा पर भी निशाना साधा और कहा की पार्टी ने कई आपराधिक मामले वाले व्यक्ति को प्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया। पार्टी में कई वरिष्ठ नेता थे, जिन्होंने अपने खून-पसीने से वर्षों पार्टी को बनाया, वे भी कहते हैं कि उन्होंने पार्टी के लिए पसीना बहाया, पता नहीं कहाँ से योगी आदित्यनाथ को उनके ऊपर बिठा दिया गया।
अपने चुनाव लड़ने की बात पर अखिलेश ने कहा कि जहाँ से पार्टी कहेगी वे वहीं से चुनाव लड़ेंगे। साथ ही उन्होंने योगी आदित्यनाथ के विधानसभा चुनावों में उतरने को लेकर कहा कि योगी कहीं से भी लड़ें, उन्हें जनता सबक सिखाएगी क्योंकि वे अपने वादों को लेकर नाकाम रहे हैं।
बता दें कि यह कोई पहला अवसर नहीं है जब अखिलेश यादव ने प्रेस वार्ता के दौरान इस प्रकार की बयानबाज़ी की हो। लम्बे समय से लगातार आयकर विभाग के छापों को देखते हुए अखिलेश यादव ने कुछ समय पहले चुनाव आयोग से इस विषय में संज्ञान लेने को कहा था और आरोप लगाया था कि केंद्रीय संस्थाओं का दुरुपयोग किया जा रहा है।
इस पर भाजपा के कई नेताओं ने यादव को घेरते हुए कहा था कि वे छापों से क्यों डर रहे हैं, जबकि छापे केवल अपराधी व्यापारियों के घरों और व्यापार पर पड़ रहे हैं। क्या अखिलेश ऐसे लोगों का संरक्षण चाहते हैं?