सुदर्शन न्यूज़ (Sudarshan News) के एक रिपोर्टर मनीष कुमार सिंह (Manish Kumar Singh) की लाश मंगलवार (10 अगस्त, 2021) को बिहार के मठ लोहियार उर्दू स्कूल से सटे एक तालाब से बरामद की गई।
मनीष कुमार सिंह पिछले कई दिनों से लापता बताए जा रहे थे। मनीष की हत्या के आरोप में मोहम्मद अरशद आलम को गिरफ्तार किया गया है।
सुदर्शन न्यूज़ के रिपोर्टर के लापता होने की पुष्टि होने के बाद FIR दर्ज कराई गई थी। हरसिद्धि थाना, पूर्वी चंपारण पुलिस उनकी तलाश कर रही थी। दो दिन से उन्हें ढूँढने के लिए पुलिस खोजी कुत्तों की भी मदद ले रही थी। एक दिन पहले ही मनीष कुमार की मोटर साइकिल लावारिस हालात में मठलोहियार से बरामद हुई थी।
मनीष कुमार हिन्दी दैनिक ‘अरेराज दर्शन’ समाचार पत्र के संपादक संजय कुमार सिंह के पुत्र थे। पत्रकार मनीष कुमार की लाश तालाब में स्थानीय ग्रामीणों को नजर आई। मनीष कुमार का शव पानी में फूलने के बाद ऊपर आ गया था। बताया जा रहा है कि उनके शरीर को रस्सी से ईंट-पत्थर बाँधकर डुबाया गया था।
लाश के गले पर कटे का निशान भी पाया गया है, जिससे आशंका जताई जा रही है कि उन्हें डुबाने से पहले मजहबी तरीके से उनका गला रेत दिया गया होगा और फिर उन्हें तालाब में डुबा दिया गया।
लाश नजर आने की सूचना मिलते ही मौके पर पहुँचकर पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया। बता दें कि हिंदूवादी समाचार चैनल सुदर्शन न्यूज़ बेबाक तरीके से जिहाद जैसे विषयों पर बात करता आया है।
देशभर में हिंदूवादी संगठन के नेताओं एवं समर्थकों को कट्टरपंथियों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है। मंगलवार सुबह ही खबर मिली थी कि गाजियाबाद स्थित डासना देवी मंदिर (Dasna Devi Mandir) में सोमवार (9 अगस्त, 2021) रात मंदिर के एक पुजारी पर जानलेवा हमला किया गया।
मंदिर परिसर में ही सो रहे स्वामी नरेशानंद (Nareshnand Saraswati) पर रात के अंधेरे में यह हमला किया गया। हमले के बाद उन्हें लहूलुहान हालत में ही अस्पताल ले जाया गया।
बिहार के रहने वाले नरेशानंद सरस्वती देवी मंदिर के महंत नरसिंहानंद सरस्वती के साथ ही रहते हैं। उनके एक और साथी की गर्दन पर चाकू मारने की कोशिश हुई, लेकिन वो बच गए। महंत नरेशानंद सरस्वती पर चाकुओं से हमला किया गया है और अभी उनकी हालत बहुत ही गंभीर बनी हुई है। उन्हें इलाज के लिए यशोदा अस्पताल ले जाया गया है।
स्वामी नरसिंहानंद सरस्वती ने हमसे बात करते हुए कहा, “पुलिस वहीं गेट पर रहती है। हम युवा गार्ड रखते थे, उन्होंने उसे हटवा कर किसी और को रखवा दिया है। खुद पता नहीं सो रहे थे या क्या कर रहे थे। ये हमला तो मुझे पर होने वाला था, लेकिन उन्हें जो मिला, उन्होंने उसे ही मारा।”
“ये वस्तुतः हम हिन्दुओं को संदेश दिया जा रहा है कि हम यह जगह छोड़ कर भाग जाएँ। लेकिन माँ भगवती की सौगंध है कि जब तक इस शरीर में प्राण हैं, मैं हिन्दुओं के लिए लड़ता रहूँगा। ये जिहादी हमें डराना चाहते हैं, लेकिन मैं या मेरे शिष्य डरने वाले नहीं हैं।”
नरेशानंद जी की हालत गंभीर बनी हुई है। दूसरे लड़के की गर्दन पर चाकू के निशान हैं। सौभाग्य से उस पर चाकू मारते ही टूट गया। डासना में सिर्फ़ पाँच प्रतिशत हिन्दू बताए जाते हैं।