जॉब छूटी, मेरा पीछा किया.. निर्दोष होने के बाद भी 'सुल्ली डील्स' में घसीटा नाम: Secular Doge वाले रितेश झा से बातचीत

12 जनवरी, 2022 By: संजय राजपूत
सुल्ली डील्स और बुल्ली बाई प्रकरण में रितेश झा का नाम जबरन घसीटा गया?

लिबरल गिरोह कैसे मिलकर दक्षिणपंथी विचारों वाले लोगों का शिकार करता है, इसका सबसे बड़ा उदाहरण एक यूट्यूबर रितेश झा है। एक ऐसा व्यक्ति जिसे अपनी दक्षिणपंथी विचारधारा के लिए जबरन पुलिस केस में फँसाने की कोशिश की गई, जबकि आज तक उनके खिलाफ पुलिस को एक भी सबूत नहीं मिला है।

रितेश झा एक प्रसिद्ध यूट्यूबर है, जो हास्य के लिए ‘मजाकिया’ कंटेंट के लिए जाने जाते हैं। यूट्यूब पर उनका ‘लिबरल डोजे’ नाम का एक चैनल है। लिबरल गिरोह की नज़र में वो लम्बे समय से इसलिए खटक रहे थे, क्योंकि वो अपने चैनल पर न सिर्फ दक्षिणपंथी आइडियोलॉजी का समर्थन करते हैं, बल्कि लेफ्ट-लिबरल्स के प्रोपेगेंडा की पोल भी खोलते हैं।

रितेश के खिलाफ़ प्रोपेगेंडा चलाने का एक बड़ा मौका लेफ्ट लिबरल गिरोह के हाथ उस वक्त लगा, जब अपने एक यूट्यूब चैनल पर रितेश ने कुछ पाकिस्तानी लड़कियों की तस्वीर प्रयोग की। DOpolitics से बात करते हुए रितेश ने उस मामले की सारी डिटेल शेयर और लेफ्ट लिबरल गैंग द्वारा की जा रही उनकी प्रताड़ना के बारे में बताया।

रितेश बताते हैं कि 13 मई, 2021 को उन्होंने एक वीडियो लाइव स्ट्रीम किया था, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान की कुछ लड़कियों के फोटो इस्तेमाल करके अपने फॉलोवर्स से उनकी ‘खूबसूरती’ पर रेटिंग देने को कहा था।

रितेश का कहना है कि ऐसा उन्होंने ‘प्रतिक्रिया’ के तौर किया था, क्योंकि कई पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल्स पर भारतीय, खासकर हिन्दू लड़कियों की तस्वीरें अपलोड कर के अभद्र कमेन्ट किए जा रहे थे।

हालाँकि रितेश ये मानते हैं कि उनकी ये प्रतिक्रिया गलत थी और उन्होंने इसके लिए सार्वजनिक रूप से माफी भी माँग भी ली थी। लेकिन आतंकवादियों से लेकर दंगाइयों तक को माफी देने की वकालत करने वाला लेफ्ट लिबरल गैंग भला कैसे संतुष्ट हो सकता था।

रितेश बताते हैं कि लेफ्ट लिबरल गैंग ने पाकिस्तानी लड़कियों की तस्वीरों को भारतीय मुस्लिम लड़कियों की बता कर उनके खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाना शुरू कर दिया।

गिरोह ने उन पर भारत की ‘मुस्लिम लड़कियों’ की नीलामी का आरोप लगा कर, उन्हें गिरफ्तार करने का ट्रेंड चलाना शुरू कर दिया। रितेश के अनुसार उनका ये वीडियो 13 मई को उनके यूट्यूब चैनल पर आया था, जब पाकिस्तान में ईद मनाई जा रही थी।

वो सवाल पूछते हैं कि जब भारत ईद 14 मई को मनाई गई थी और पाकिस्तान में 13 मई को तो फिर 13 मई को ईद मनाती लड़कियों की तस्वीरें भारत की कैसे हो सकती हैं?

आगे रितेश ने कहा कि 2 घण्टे के लाइव स्ट्रीम में उन्होंने सिर्फ 2 मिनट के लिए तस्वीरों के लिए रेटिंग देने की बात कही थी। लेफ्ट गिरोह ने ‘आउट ऑफ टेन रेटिंग’ को ही मैन्युप्लेट कर के ‘नीलामी’ की फ़र्ज़ी खबर चलाई और मॉस रिपोर्टिंग करके उनका यूट्यूब चैनल बन्द करवा दिया। इसके बाद भी पूरे लेफ्ट लिबरल गिरोह द्वारा लगातार उनके खिलाफ झूठी खबरें दिखाई जाती रही।

रितेश ने बताया कि ‘न्यूज़लॉन्ड्री’ जैसे लेफ्ट प्रोपगेंडाबाज़ पोर्टल्स ने इस ‘खबर’ को लगातार यह कहकर छापा कि रितेश ने भारतीय मुस्लिम लड़कियों को नीलाम किया। इस मुहिम में कथित मज़हबी फ़ैक्ट चेकर जुबैर और ऋचा चड्ढा जैसे लोग भी शामिल थे, जो उन्हें ‘रेपिस्ट’ तक लिखते थे।

सिर्फ यही नहीं, इस गिरोह ने शिवसेना नेत्री प्रियंका चतुर्वेदी को गलत जानकारी देकर उन्हें भी गुमराह किया। इस बीच लेफ्ट गिरोह ने रितेश की व्यक्तिगत जानकारी जैसे, फैमिली हिस्ट्री, मोबाइल नम्बर, एड्रेस आदि भी पब्लिक कर दिया।

रीतेश के अनुसार, अगले कई महीनों तक जब भी मुस्लिम महिलाओं से जुड़ा कोई केस सामने आता, ये गिरोह उसमे ज़बरन उनका नाम खींच लेता। रितेश ने बताया कि ‘सुल्ली ऐप’ के समय भी ज़बरन उनका नाम घसीटा गया, जबकि उनका इस मामले से कोई लेना देना नहीं।

इस मामले में दर्ज एफआईआर में भी उनका और उनके चैनल का नाम घसीटा गया। हालाँकि दिल्ली क्राइम ब्रांच को जाँच में उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला और उन्हें क्लीन चिट मिल गई

इसके बाद हाल ही में आई ‘बुल्ली बाई’ ऐप मामले में उन्हें फिर से ज़बरन इन्वॉल्व करने की कोशिश की गई। इस मामले में मुम्बई क्राइम ब्रांच में दर्ज शिकायत की दूसरी लाईन में ही उनका नाम लिखा गया है।

हालाँकि इस बार भी मुम्बई क्राइम ब्रांच की जाँच में आरोपित दूसरे लोग निकले और ये साबित हो गया कि रितेश का इस मामले से भी दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं है।


रितेश ने कहा कि लगातार निर्दोष साबित होने के बावज़ूद भी लेफ्ट लिबरल गिरोह और लेफ्ट मीडिया लगातार उनके खिलाफ झूठी खबरें दिखा रहा है। इसमें अब बीबीसी से लेकर लल्लनटॉप जैसे वामपंथी मीडिया पोर्टल भी शामिल हो गए हैं।

उनकी सोशल मीडिया पोस्ट को तोड़ मरोड़ के छापा जा रहा है, ताकि मुम्बई क्राइम ब्रांच पर दबाव डाल कर उन्हें मामले में फँसाया जा सके। इसके अलावा ट्विटर पर भी उन्हें गिरफ्तार करवाने के लिए मुहिम चलाई जा रही है।

रितेश कहते हैं कि निजी कुंठा के चलते लेफ्ट लिबरल के साथ मिलीभगत करके लेफ्ट मीडिया ने समाज मे उनकी छवि धुमिल की, उनका चरित्रहनन किया गया सिर्फ इसलिए क्योंकि वो एक हिन्दू है और दक्षिणपंथी विचारधारा को फॉलो करते हैं।

वो कहते हैं कि उन्हें ब्राह्मण होने की वजह से भी निशाना बनाया जाता है। रितेश ने कहा कि इतना हैरेसमेंट उन लड़कियों का भी नहीं हुआ होगा, जितना लेफ्ट गिरोह ने उनके साथ किया है।

रितेश दुखी मन से कहते हैं कि मैं कई महीनों से डिप्रेशन में हूँ। इस गिरोह की चलाई झूठी मुहिम और प्रोपगेंडा की वजह से उन्हें एक प्रतिष्ठित और विख्यात न्यूज़ चैनल की जॉब से निकाल दिया, जहाँ वो वीडियो एडिटर के रूप में नौकरी करते थे।

रितेश कहते हैं कि मेरे पास इतना पैसा भी नहीं है, कोई वकील कर के इन सब के खिलाफ मानहानि का मुकदमा कर सकूँ। रितेश ने कहा कि अगर उन्हें इसी तरह प्रताड़ित किया जाता रहा, तो वो आत्महत्या करने को मजबूर हो जाएँगे।



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