धर्म संसद: 'हेट स्पीच' मामले में SC सुनवाई के लिए राजी, कॉन्ग्रेस नेता सिब्बल ने कहा- हम 'शस्त्रमेव जयते' हो गए

10 जनवरी, 2022 By: DoPolitics स्टाफ़
याचिकाकर्ता कुर्बान अली और हाईकोर्ट की पूर्व जज और SC की वरिष्ठ अधिवक्ता अंजना प्रकाश हैं

हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में कथित हेट स्पीच का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुँच गया है। कॉन्ग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने इस मामले सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है। सुप्रीम कोर्ट भी मामले की जल्द सुनवाई के लिए तैयार हो गया है।

वरिष्ठ वकील और कॉन्ग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा, “हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर के बीच धर्म संसद में जो हुआ, उस संबंध में मैंने यह जनहित याचिका दाखिल की है। हम मुश्किल दौर में जी रहे हैं, जहाँ देश के नारे ‘सत्यमेव जयते’ से बदलकर ‘सशस्त्रमेव जयते’ हो गए हैं।”

प्रमुख न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने याचिका स्वीकार करते हुए कहा कि हम मामले की सुनवाई करेंगे। CJI ने सिब्बल से पूछा कि कहा कि क्या इस मामले में पहले ही जाँच नहीं हो चुकी है? इस पर सिब्बल ने बताया कि मामले में सिर्फ FIR दर्ज हुई है, ना कोई कार्रवाई हुई, ना गिरफ्तारी।

चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने सीनियर वकील कपिल सिब्बल की उन दलीलों पर गौर किया कि हेट स्पीच देने वालों के खिलाफ FIR दर्ज होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इस पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) ने कहा कि वो इस मामले को सुनेंगे।

याचिका कथित रूप से मुस्लिमों के खिलाफ हेट स्पीच मामले में पटना हाईकोर्ट की पूर्व जज जस्टिस अंजना प्रकाश और पत्रकार कुर्बान अली ने दाखिल की है। याचिका में मुस्लिमों के खिलाफ कथित हेट स्पीच की SIT से स्वतंत्र, विश्वसनीय और निष्पक्ष जाँच की माँग की गई है।

साथ ही, हेत स्पीच सुप्रीम कोर्ट के तहसीन पूनावाला मामले में जारी आदेशों के पालन कराने की माँग की गई है। बता दें कि हाल ही में उत्तराखंड राज्य के हरिद्वार में ‘धर्म संसद’ नामक एक धार्मिक सभा का आयोजन हुआ था, जिसमें डासना देवी मंदिर के महंत एवं जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी समेत हिंदुओं के कई वरिष्ठ साधु-साध्वियाँ पहुँचे थे।

हेट स्पीच मामले में वसीम रिजवी सहित अन्य पर दर्ज है FIR

धर्म संसद में कथित रूप से एक विशेष धर्म संप्रदाय के खिलाफ हेट स्पीच दिए जाने का मामला सामने आया था। इस अवसर पर जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी भी मौजूद थे और उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए अपने विचार सामने रखे थे। मामले में उत्तराखंड पुलिस ने वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी और अन्य के खिलाफ केस भी दर्ज किया था।

पुलिस ने जानकारी दी थी कि सोशल मीडिया पर धर्म विशेष के खिलाफ भड़काऊ भाषण देकर नफरत फैलाने संबंधी वायरल हो रहे वीडियो का संज्ञान लेते हुए वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी एवं अन्य के विरुद्ध कोतवाली हरिद्वार में धारा 153A IPC के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत किया गया है।

कुछ समय पूर्व ही गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती की अगुवाई में वरिष्ठ वकील और पूर्व शिया वक्फ बोर्ड के प्रमुख वसीम रिज़वी ने इस्लाम पंथ त्याग कर हिंदू धर्म में घरवापसी की थी। इस अवसर पर उन्होंने डू-पॉलिटिक्स से विशेष बातचीत में बताया था कि वे कट्टरपंथ के कारण इस्लाम त्याग रहे हैं।

कट्टरपंथ और भड़काऊ भाषणों के लिए कुख्यात ओवैसी की पार्टी ने दर्ज कराई थी शिकायत

बता दें कि इस मामले में शिकायत ओवैसी की एआईएमआईएम उत्तराखंड द्वारा दर्ज कराई गई है और इस अवसर पर पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करते हुए यह माँग भी की कि वे इस पर जल्द से जल्द कार्रवाई चाहते हैं।

ओवैसी के पार्टी द्वारा की गई इस शिकायत में कहा गया कि इस धर्म संसद में मुसलमानों और ईसाइयों के विरुद्ध हिंसा को भड़काने का आव्हान करते हुए अस्त्र शस्त्र उठाने की बात की गई और क्रिसमस और ईद के त्योहार किसी होटल में मनाए जाने पर होटल को तहस-नहस करने जैसी धमकियाँ दी गईं।

हिंदुओं के नरसंहार के ऐलान और धमकियों पर रहती है ‘खामोशी’

मजेदार बात ये है कि अससुद्दीन ओवैसी और उनके छोटे भाई और उनकी पार्टी की पहचान ही हिंदुओं के प्रति घृणा और भड़काऊ नारेबाजी है। हाल ही में ओवैसी ने हिंदुओं को धमकी देते हुए कहा था, कि योगी और मोदी हमेशा नहीं रहेंगे, जब वो चले जाएँगे, तब तुम्हें बचाने कौन आएगा।

हाल ही में आईएमसी प्रमुख तौकीर रजा खाँ का एक विवादित वीडियो सामने आया था जिसमें वह हज़ारों की कट्टरपंथी भीड़ के सामने हिंदुओं को धमकाते हुए कहते नज़र आ रहे हैं कि अगर मुस्लिम नौजवान कानून अपने हाथ में लेंगे तो हिंदुओं को हिंदुस्तान में कहीं पनाह नहीं मिलेगी।

गौरतलब है कि बरेली में ही पिछले दिनों मुस्लिम धर्म संसद में लिए गए फैसले के बाद आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने 20,000 मुसलमानों के साथ शहादत देने का ऐलान किया था। उसी सिलसिले में 7 जनवरी, 2022) को पश्चिम उत्तर प्रदेश के बरेली में मुस्लिम समुदाय द्वारा एक बड़े सम्मेलन का आयोजन किया गया था।

हजारों मुसलमान इस्लामिया मैदान पर एकत्र हुए। भीड़ को उकसाते हुए मौलाना ने कहा था, “हम पैदाइशी लड़ाके हैं। जिस दिन मेरा नौजवान मेरे कंट्रोल से बाहर हो गया। मैं हिंदू भाइयों से खास तौर पर कह रहा हूँ कि मुझे उस वक्त से डर लगता है जिस दिन मेरा यह नौजवान कानून अपने हाथ में ले लेगा, उस दिन तुम्हें (हिंदुओं को) हिंदुस्तान में कहीं पनाह नहीं मिलेगी।”



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