केरल राज्य की रहने वाली एक महिला निमिषा फातिमा इस्लामिक स्टेट (IS) नामक आतंकी संगठन में शामिल होने अफगानिस्तान चली गई थी। यह महिला वर्ष 2019 से अफगानिस्तान की एक जेल में बंद है। अब फातिमा की माँ बिंदु ने भारत सरकार से उसे अफगानिस्तान से बाहर निकालने की गुहार लगाई है।
पिछले कुछ दिनों में विश्व ने देखा कि किस प्रकार तालिबान द्वारा अफगानिस्तान की राजधानी काबुल समेत लगभग सभी प्रांतों पर कब्ज़ा कर लिया गया है और भारी मात्रा में लोग अफगानिस्तान से बाहर निकलना चाह रहे हैं।
ऐसे में कई भारतीय भी अफगानिस्तान में फँसे हैं, जिनके भारत में रहने वाले सगे-संबंधी भारत सरकार से उन्हें निकालने का आग्रह कर रहे हैं, परंतु इस विषय में केरल से एक विचित्र ही मामला सामने आया है।
काफी समय से केरल राज्य से ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिनमें मुस्लिम समुदाय के लोग IS जैसे आतंकी संगठनों के साथ जुड़े पाए जाते रहे हैं। कट्टरपंथी इस्लामी विचारधारा के समर्थक इस्लामिक स्टेट में शामिल होने देश से बाहर भी जाते रहे हैं। ऐसा ही एक मामला केरल में देखने को मिला।
निमिषा फातिमा नामक एक महिला अपनी अन्य तीन साथियों के साथ कुछ वर्षों पहले आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट में शामिल होने के लिए देश छोड़कर चली गई थी। इन चारों को वर्ष 2019 में अफगानिस्तान में गिरफ्तार कर लिया गया और तभी से ये लोग अफगानिस्तान की एक जेल में कैद हैं।
बता दें कि बीते रविवार को तालिबान ने कई अफगानिस्तानी जेलों को तोड़कर कैदियों को रिहा कर दिया था। जिसके बाद यह बताया जा रहा है कि ये चारों महिलाएँ अब काबुल में ही कहीं फँसी हैं। निमिषा की माँ, के बिंदु ने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी मिली है कि जेल से निकलने वालों में उनकी बेटी और पोती भी शामिल हैं।
अब निमिषा की माँ भारत सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करके अपनी बेटी और पोती को भारत वापस लाने के प्रयासों में तेज़ी दिखाने की माँग कर रही है और कह रही हैं कि तालिबान अब उन्हें वहाँ रहने नहीं देगा इसलिए कृपया भारत सरकार उन्हें वापस लाए।
बता दें कि निमिषा फातिमा देश से निकलने के बाद इस्लामिक स्टेट में जुड़ने का सपना लेकर पहले ईरान पहुँची थी, जिसके बाद वह अफगानिस्तान गई। फातिमा के पति की मौत अमेरिकी हवाई हमले में हो गई थी, मौत के समय वह भी IS के एक बेस में था।
इसके उपरांत अमेरिका ने ऐसे कई हमले और किए एवं निमिषा फातिमा जैसे 400 से अधिक लोगों ने अफगान सरकार के समक्ष 2019 में आत्मसमर्पण कर दिया था। ये लोग तभी से अफगान जेल में कैद हैं।
अफगान सरकार और फातिमा की माँ दोनों ही फिलहाल एक लंबे समय से इन आतंकी महिलाओं को भारत लाने की गुहार लगा रहे हैं, परंतु भारत सरकार ने अब तक इस मामले पर कोई फैसला या टिप्पणी तक नहीं की है।