जहाँ 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगे, शिवराज सरकार ने वो बस्ती खाली करवा दी? Fact Check

28 अगस्त, 2021
दावा किया जा रहा है कि 'पाकिस्तान जिन्दाबाज' की नारेबाजी के बाद अवैध बस्ती को ढहा दिया गया है

कुछ दिनों पहले मध्य प्रदेश के उज्जैन में मोहर्रम जुलूस के दौरान कथित तौर पर ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए गए थे। नारे लगाने के आरोप में मध्य प्रदेश पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनमें से 4 पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई की जा रही है।

इस बीच सोशल मीडिया पर अवैध निर्माण गिराने का एक वीडियो वायरल होने लगा है। वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि उज्जैन में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाने वाले लोग जिस गफूर बस्ती में रहते थे, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वो बस्ती ही गिरा कर खाली करवा दी।

गोपाल कृष्ण नाम का फेसबुक यूज़र वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, “उज्जैन में जिस गफूर बस्ती के लोगो ने पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाया था, शिवराज सरकार ⁦@ChouhanShivraj⁩ ने पूरी अवैध बस्ती खाली करवा दी। यह अच्छा निर्णय रहा देश के लिए मध्य प्रदेश सरकार का।”

भारतीय जनता युवा मोर्चा की सोशल मीडिया हेड रिचा राजपूत ने वीडियो शेयर करते हुए दावा किया,

“उज्जैन में जिस गफूर बस्ती के लोगो ने पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाया था, शिवराज सरकार ⁦@ChouhanShivraj⁩ ने पूरी अवैध बस्ती खाली करवा दी। जय हिंद।”

दरअसल ये वीडियो उज्जैन के बेगम बाग इलाके का है, जहाँ करोड़ों की सरकारी जमीन पर बनी अवैध दुकानें और गोदाम ढहाए गए। जी न्यूज़ की ताजा रिपोर्ट में भी यह दावा किया गया है। बताया जा रहा है कि करोड़ों रुपए कीमत की ये जमीन साँवेर रोड के नज़दीक स्थित है। इस इलाके को बेगम बाग कहा जाता है।

राम भक्तों पर पथराव के बाद उठा था अवैध निर्माण गिराने का मुद्दा

यह इलाका महाकाल मंदिर, चिंतामण गणेश, हरिसिद्धि, क्षिप्रा घाट, बड़नगर और इंदौर-उज्जैन मार्ग को आपस में जोड़ता है। इसी इलाके में कार्रवाई करते हुए डेंटिग-पेंटिंग की दुकानों और गैराज सहित लगभग 200 दुकानों को हटाया जा रहा है।

दरअसल, दिसंबर, 2020 में अयोध्या श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए चंदा इकठ्ठा करने गए राम भक्तों पर पत्थरबाजी की गई थी। उज्जैन में एक मुस्लिम बहुल इलाके से गुजरने पर रैली को निशाना बनाया गया।

बेगम बाग में पथराव की इस घटना के बाद पत्थरबाजी करने वालों के घर को तोड़ दिया गया था। प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए चिन्हित दंगाइयों को गिरफ्तार कर आरोपितों के घरों को ध्वस्त कर दिया।

इस घटना के बाद उज्जैन के इन इलाकों में अतिक्रमण का मुद्दा गरमा गया था। एएसपी अमरेंद्र सिंह ने कहा था कि कुछ असामाजिक तत्व शहर की शांति भंग करने के लिए आपत्तिजनक पोस्ट और वीडियो एडिट कर पोस्ट कर रहे हैं और पुलिस ने उनकी पहचान कर ली है। अधिकारियों ने यह भी कहा कि संवेदनशील इलाकों और शहर के अन्य हिस्सों में अवैध अतिक्रमण को जल्द ही हटाया जाएगा।

बेगम बाग़ इलाके से अवैध निर्माण खाली कराने की मुहिम ने यहीं से रफ़्तार पकड़ी थी। वर्ष 2021 की शुरुआत से ही इस इलाके से अवैध निर्माण गिराए जाने लगे। सरकार ने इसके लिए लोगों को मुआवजा भी दिया है।

बता दें कि उज्जैन में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत क्षिप्रा घाट, अर्बन फोरेस्ट, हॉकर जोन, गार्डन, पार्किंग आदि का निर्माण किया जाना है। इसके लिए शहर में सरकारी जमीन पर बने अवैध निर्माणों को हटाया जा रहा है।

हाईकोर्ट के आदेश पर हुई कार्रवाई

राज्य में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत उज्जैन के प्रसिद्ध महाकाल मंदिर को भी 10 गुना बड़ा करने की योजना पर काम चल रहा है। हाईकोर्ट ने महाकाल मार्ग में आने वाले सभी अवैध मकानों और दुकानों को ध्वस्त करने का आदेश दिया था।

हाईकोर्ट ने कहा था कि जो लोग अतिक्रमण वाले क्षेत्र में बसे हुए हैं, उन्हें 45 दिन पहले अतिक्रमण खाली करने की सूचना दे दी जाए। हाईकोर्ट के आदेश के तहत जिला प्रशासन ने पहले अतिक्रमण करने वाले लोगों को मकान और दुकान खाली करने के लिए 45 दिन का समय दिया था लेकिन इसके बावजूद दुकानें खाली नहीं हुई।

अवैध निर्माण खाली करने के लिए दी गई समय सीमा समाप्त होते ही जिला प्रशासन ने अवैध निर्माण ढहाने की कार्रवाई शुरू कर दी। कार्रवाई के दौरान प्रशासन ने पौने दो हेक्टेयर जमीन पर बनी अवैध दुकानों को हटाया जा चुका है।

उज्जैन की घटना से जुड़े कई दावे हैं फर्जी

हालाँकि, इस अवैध निर्माण पर एक बार फिर ख़बरों का बाजार ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारों से गर्म हो गया। सोशल मीडिया पर इस घटना को कई अन्य राज्यों के वीडियो के साथ मिलाकर भी पेश किया जा रहा है। जैसे कि कर्नाटक के एक पुराने वीडियो को उज्जैन का बताकर शेयर किया जा रहा है।

दावा किया जा रहा है कि उज्जैन में इस घटना के बाद हिन्दुओं ने बड़ी संख्या में उज्जैन की एक मस्जिद के सामने भगवा ध्वज लहराए।

वास्तव में, यह नारेबाजी अप्रैल, 2019 में कर्नाटक के कादरी चौक इलाके में की गई थी। इस घटना का वीडियो अभी भी यूट्यूब पर मौजूद है।



सहयोग करें
वामपंथी मीडिया तगड़ी फ़ंडिंग के बल पर झूठी खबरें और नैरेटिव फैलाता रहता है। इस प्रपंच और सतत चल रहे प्रॉपगैंडा का जवाब उसी भाषा और शैली में देने के लिए हमें आपके आर्थिक सहयोग की आवश्यकता है। आप निम्नलिखित लिंक्स के माध्यम से हमें समर्थन दे सकते हैं: