भीख में ही मिली थी आजादी: कंगना के समर्थन में उतरे बॉलीवुड के अन्य कलाकार

15 नवम्बर, 2021
कंगना के बयान पर समर्थन में आए अभिनेता विक्रम गोखले

बॉलीवुड फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत द्वारा दिया गया एक बयान अब हर रोज़ नए-नए तूल पकड़ रहा है। अब बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता विक्रम गोखले कंगना के समर्थन में उतर कर आए हैं और उन्होंने कहा है कि जब कुछ स्वतंत्रता सेनानियों को फाँसी दी गई थी तो कई बड़े लोग मूक दर्शक बने देख रहे थे।

कुछ दिनों पहले कंगना रनौत द्वारा देश की आज़ादी को लेकर एक बयान दिया गया था। दरअसल कंगना ने एक समारोह के दौरान भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री मोदी के शासन की प्रशंसा करने के अंदाज़ में कहा था कि वर्ष 1947 में भारत को मिली आज़ादी असल में आज़ादी नहीं एक भीख थी, भारत को असली आज़ादी तो वर्ष 2014 में मिली।


इस बयान के बाद से ही एक बड़ा राजनीतिक धड़ा मैदान में उतरा है और कंगना पर चारों ओर से वैचारिक आक्रमण प्रारंभ हो गए हैं। जहाँ कई लोग कंगना के समर्थन में नज़र आए तो वहीं कई लोगों ने कंगना के इस बयान को गलत अर्थों में लेते हुए उन पर टिप्पणियाँ भी कीं। 

इसी विषय में सोमवार (15 नवंबर, 2021) को बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता विक्रम गोखले ने महाराष्ट्र के पुणे में कंगना के समर्थन में बयान दिया और कहा कि वे कंगना रनौत के बयान का पूर्ण समर्थन करते हैं। गोखले ने आगे कहा:

“कंगना ने जो कहा उससे मैं पूरी तरह सहमत हूँ। हमें भीख में स्वतंत्रता मिली थी, आज़ादी हमें हमें दी गई थी। कई स्वतंत्रता सेनानियों को फाँसी दी गई और उस समय के बड़े-बड़े लोगों ने उन्हें बचाने का प्रयास तक नहीं किया। वे केवल मूकदर्शक बने देखते रहे।”

लोगों का कहना है कि गोखले का यह बयान भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव की फाँसी और महात्मा गाँधी जैसे बड़े व्यक्तित्वों का इस पर कुछ न बोलने को लेकर था।


नवाब मलिक ने की थी निंदा 

जहाँ एक ओर गोखले ने इस बात का समर्थन किया वहीं कुछ दिनों पहले एनसीपी के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक ने कंगना के बयान की निंदा करते हुए केंद्र सरकार से उनका पद्मश्री वापस लेने और उन्हें गिरफ्तार करने का आग्रह किया था।


नवाब मलिक ने कंगना पर नशा करने का भी आरोप लगाया था, जो बाद में उन्हीं पर उल्टा पड़ गया और लोग नवाब मलिक से नशे को लेकर ही प्रश्न पूछने लगे।

साथ ही बहुचर्चित लेखक अनुज धर ने इस मामले में कंगना का समर्थन करते हुए यह ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था कि हमें आज़ादी नहीं ‘डोमिनियन स्टेटस’ दिया गया था और सरकार को इस मामले के सारे दस्तावेज़ सार्वजनिक करने चाहिए।



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