गाजियाबाद स्थित डासना देवी मंदिर (Dasna Devi Mandir) में सोमवार (9 अगस्त, 2021) रात मंदिर के एक पुजारी पर जानलेवा हमला किया गया। मंदिर परिसर में ही सो रहे एक पुजारी नरेशानंद (Nareshnand Saraswati) पर रात के अंधेरे में यह हमला किया गया। हमले के बाद उन्हें लहूलुहान हालत में ही अस्पताल ले जाया गया।
बिहार के रहने वाले नरेशानंद सरस्वती देवी मंदिर के महंत नरसिंहानंद सरस्वती के साथ ही रहते हैं। उनके एक और साथी की गर्दन पर चाकू मारने की कोशिश हुई, लेकिन वो बच गए। महंत नरेशानंद सरस्वती पर चाकुओं से हमला किया गया है और अभी उनकी हालत बहुत ही गंभीर बनी हुई है। उन्हें इलाज के लिए यशोदा अस्पताल ले जाया गया है।
नरेशानंद मंदिर परिसर में ही एक कमरे में सो रहे थे। रात में गर्मी लगी तो वो बाहर सोने के लिए आए। साथ में एक अन्य लड़का भी था। यहीं पर थोड़ी देर बाद बाहर से आए किसी व्यक्ति ने उनके ऊपर धारदार चाकू से हमला किया। पेट में न सिर्फ चाकू मारा गया बल्कि इस तरह से मारा गया जैसे उसे सिखा कर भेजा गया हो।
स्वामी नरसिंहानंद सरस्वती ने हमसे बात करते हुए कहा, “पुलिस वहीं गेट पर रहती है। हम युवा गार्ड रखते थे, उन्होंने उसे हटवा कर किसी और को रखवा दिया है। खुद पता नहीं सो रहे थे या क्या कर रहे थे। ये हमला तो मुझे पर होने वाला था, लेकिन उन्हें जो मिला, उन्होंने उसे ही मारा।”
“ये वस्तुतः हम हिन्दुओं को संदेश दिया जा रहा है कि हम यह जगह छोड़ कर भाग जाएँ। लेकिन माँ भगवती की सौगंध है कि जब तक इस शरीर में प्राण हैं, मैं हिन्दुओं के लिए लड़ता रहूँगा। ये जिहादी हमें डराना चाहते हैं, लेकिन मैं या मेरे शिष्य डरने वाले नहीं हैं।”
नरेशानंद जी की हालत गंभीर बनी हुई है। दूसरे लड़के की गर्दन पर चाकू के निशान हैं। सौभाग्य से उस पर चाकू मारते ही टूट गया। डासना में सिर्फ़ पाँच प्रतिशत हिन्दू बताए जाते हैं।
इस घटना की जानकारी अपने ट्विटर अकाउंट से देते हुए स्वामी यति नरसिंहानंद सरस्वती ने लिखा है कि जब यह घटना हुई, तब पुलिस सो रही थी।
इस घटना के संबंध में गाजियाबाद पुलिस ने भी अपना बयान जारी किया है। गाज़ियाबाद पुलिस के एसपी ने कहा:
“यह रात लगभग 3:30-3:45 बजे की घटना है। नरेशानंद जी डासना मंदिर में रुके हुए थे। वे बिहार के समस्तीपुर से 7 अगस्त को किसी कार्यक्रम में सम्मिलित होने आए थे। वे बाहर खुले में सोए हुए थे। जैसा कि बताया जा रहा है, तभी एक व्यक्ति आया और उसने उन पर चाकू से कई वार किए। जानकारी मिलते ही उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया और अब उनकी स्थिति ठीक है, एवं उनका इलाज चल रहा है।”
एसपी ने आगे कहा:
“मामले में हम सभी पहलुओं की जाँच कर रहे हैं कि क्या कोई बाहर से आया था या कोई आसपास का व्यक्ति या जानकार ही था। सभी पहलुओं पर इलेक्ट्रॉनिक सर्विलेंस एवं सीसीटीवी फुटेज भी देखते हुए जाँच की जा रही है। जो भी व्यक्त दोषी होगा उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।”
पुलिस इस मामले की जाँच कर रही है। गौरतलब है कि स्वामी यति नरसिंहानंद सरस्वती डासना स्थित देवी मंदिर के महंत हैं और इससे पूर्व उन पर भी हमला करने के उद्देश्य से मंदिर में घुसे लोग पकड़े जा चुके हैं। इस गिरोह के पकड़े जाने के बाद बड़े स्तर पर इस्लामी धर्मान्तरण करने वाले मजहबी गिरोह के रहस्य से भी पर्दा उठा था।
यति नरसिंहानंद सरस्वती पर हमले के उद्देश्य से आए दो युवक विपुल (वास्तविक नाम रमज़ान) एवं कासिफ में से एक, लंबे समय से पंथ परिवर्तन के धंधे में लिप्त था। इस कार्य को करने में एक इस्लामी कट्टरपंथी संगठन उसका साथ दे रहा था, जिससे वह जुड़ा हुआ था।
गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद पर 2 जून, 2021 को दो युवक- विपुल एवं कासिफ हमला करने आए थे। इन्हें मंदिर के स्वयंसेवकों द्वारा पकड़ा गया तथा इनकी तलाशी ली गई जिसमें इनके पास आपत्तिजनक सामग्री प्राप्त हुई, जैसे सर्जिकल ब्लेड एवं कुछ लिक्विड पदार्थ।
अपने बेबाक बयानों के कारण अक्सर चर्चा में रहने के कारण मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती पर कुछ ही दिन पूर्व राष्ट्रीय महिला आयोग ने कथित तौर पर ‘महिला-विरोधी बयान’ देने के चलते यूपी पुलिस को FIR दर्ज करने के निर्देश दिए थे।
एक पुराने बयान के वायरल होने के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग उनके खिलाफ FIR की माँग कर रहा है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने यूपी के DGP को चिट्ठी लिखकर उन पर एफआईआर की माँग की।
डासना देवी मंदिर के महंत स्वामी नरसिंहानंद सरस्वती से अजीत भारती की बातचीत