व्यंग्य: मुँह में कंचे रखने वाले चोर शायर मुन्नु, तेरे पिंकी प्रोमिस से किसी को घंटा फर्क नहीं पड़ता

18 जुलाई, 2021 By: पुलकित त्यागी
धमकी एक्सपर्ट शायर मुनव्वर

कभी खुशी कभी ग़म की पू और टिक टॉक पर ‘मैं इतनी सुंदर हूँ मैं क्या करूँ’ टाइप गानों पर अपने होंठ हिलाने वाले निब्बा-निब्बियों के बाद अगर कोई सेल्फ ऑब्सेशन यानी आत्ममुग्धता के मामले में आठवें आसमान से भी ऊपर जा चुका है तो वह हैं कुछ ‘हराम’ पदार्थों के सेवन के बाद नशे में चूर होकर स्वयं को शायर कह देने वाले मुनव्वर राणा।

मुनव्वर स्वयं को मानसिक रूप से इतना प्रेम करते हैं कि उन्होंने शायद अपने निकाह में ‘कुबूल-है’ छः बार बोला होगा। तीन बार अपनी होने वाली बेग़म से निकाह के लिए तथा अन्य तीन बार स्वयं के स्वयं से निकाह के लिए। स्वयं को मैन्टली इतना प्रेम करना एक अलग विषय है, इसके लिए लानतें भेजी जानी चाहिए।

लेकिन कुछ हज़ारों लानतें उन देशवासियों के नाम भी हों जो मुनव्वर राणा को इतना प्रेम नहीं करते हैं। इन मूर्ख शिरोमणि देशवासियों द्वारा न तो उनकी किसी टिप्पणी (होश में दी हुई भी) को गंभीरता से लिया जाता है न ही उनकी बड़ी से बड़ी प्रतिज्ञाओं को।

मुन्नू का ‘पिंकी प्रॉमिस’ 

हाल ही में मुनव्वर राणा ने ऐसी ही एक ‘पिंकी प्रॉमिस’ रुपी प्रतिज्ञा की। इसमें मुनव्वर ने सारी उम्र एक्स्ट्रा चूना लगाकर दबाए गए तंबाकू के कारण अपनी विजय दीनानाथ चौहान से दो डेसिबल और घनिष्ठ आवाज़ में बताया अगर कि योगी आदित्यनाथ दोबारा उत्तर प्रदेश के सीएम बन गए तो वे यूपी छोड़ देंगे। 

मुनव्वर राणा के नाम सन्देश देते हिन्दुस्तानी भाऊ 

इस पिंकी प्रॉमिस के चक्कर में मुनव्वर यह तो भूल ही गए कि उत्तर प्रदेश एक राज्य है न की पढ़ाई-लिखाई जिसे वे दसवीं के बाद छोड़ देंगे। सारी उम्र बंगाल में बिताने वाले महान शायर मुनव्वर यह बताना तो भूल ही गए कि यूपी को कहाँ छोड़ेंगे? उस पुलिस थाने में छोड़ेंगे जहाँ उनके पुत्र तबरेज़ को अपनी ही हत्या का षड्यंत्र रचने के जुर्म में सतरंगी पंखों वाला मोर बनाया था, या लखनऊ के उस गाँधी बाबा की प्रतिमा के नीचे छोड़ेंगे जहाँ उनकी कॉन्ग्रेसी सदस्य बेटी को कॉन्ग्रेसियों द्वारा ही अपमानित करके भगाया गया था?

सत्य तो यह है कि मुनव्वर इस उम्र में गैस के अलावा कुछ भी नहीं छोड़ने वाले। ऐसे लोग वे छेद हुए गुब्बारे होते हैं जो होली पर पानी भरने के नहीं बल्कि अन्य गुब्बारों को बाँधने के काम आते हैं। राणा की हालत उस खटारा गाड़ी जैसी हो गई है जिस पर गली का कुक्कुर भी टाँग उठाने से पहले पूरे 69 बार सोचता है।

वैसे अपनी लेखनी के मामले में भी मुनव्वर कुछ खासे तुर्रम खां साबित नहीं हुए हैं। सारी उम्र चोरी की रचना ‘मेरे हिस्से में बस माँ आई’ से वाह-वाही बटोरने वाले मुनव्वर बुढ़ापे में संपत्ति के झगड़े में पड़े हुए हैं। ये तो निजी जीवन है तो जाने देते हैं, परंतु व्यावसायिक जीवन में भी कहने को यह एक शायर हैं जिन्हें अब इनके आसपास के लोग तक भी भाव नहीं देते हैं इसीलिए समय-समय पर सुर्खियों में बने रहने के लिए, इस प्रकार की रूहानी ताकतों के माध्यम से मस्तिष्क में आई टिप्पणियाँ मीडिया में साझा करते रहते हैं।

राणा ने खोले राज़ 

बता दें कि मुनव्वर गणित में भी खासे तेज़ हैं। मुनव्वर उतने ही ‘Math Buff’ हैं जितने कि एक महान फिल्म क्रिटिक के अनुसार सैफ अली खान ‘History Buff’ थे।

अपने अरबी पूर्वजों से सीखे हुए दो ऊँट जमा दो ऊँट बराबर चार खजूर और 2 केले वाले महान गणित ज्ञान को प्रस्तुत करते हुए राणा ने मुस्लिम समुदाय द्वारा 8-8 बच्चे पैदा करने का न समझ आने वाला सेक्सी सतरंगी सुडोकू, सॉल्व कर डाला।

मुनव्वर ने बताया कि मुस्लिम 8 बच्चे इसलिए पैदा करते हैं ताकि अगर दो को आतंकवादी बताकर पुलिस उठा ले जाए तथा दो कोरोना से मर जाएँ तो कम से कम 4 बच्चे तो कब्रिस्तान में अपने माँ-बाप के अंतिम क्रियाकलापों को पूरा करने के लिए रहेंगे।

सूत्रों के हवाले से समाचार आया है कि राणा की यह बात सुनकर महान गणितज्ञ आर्यभट्ट की शांत आत्मा पुनः अशांत होकर नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ इंडिया में पुस्तकों को ज़ोर-ज़ोर से अपने सिर पर मारती देखी गई, और आइंस्टाइन अपनी कब्र से बाहर कूदकर चिल्लाते हुए “Who let this DOG out’ गाना गा रहे हैं। 

इस बात पर इतने प्राचीन वैज्ञानिकों के नाम इसलिए लिए गए हैं क्योंकि कोरोना भी तो बहुत प्राचीन बीमारी है, जो मुग़लों के समय से चलती आ रही है। शाहजहाँ की 15 औलादों में से 14 तो बेचारी कोरोना से ही मर गईं थीं। जो एक बचा उसने बाप-भाई-चाचा-ताऊ-मौसा-फूफा-पहली बुआ से दूसरा फूफा सबको पार लगा दिया। 


जब अपने गणित ज्ञान के प्रदर्शन से सुकून न मिला तो मुनव्वर ने अपने राजनीतिक ज्ञान का भी अच्छा प्रदर्शन करा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में मुसलमानों का वोट बँट जाता है। राणा की इस टिप्पणी में भी यह समझ नहीं आया कि वे वोट की बात कर रहे हैं या ईद की सेवइयों की जो बँट रही हैं।

इसके उपरांत मुनव्वर ने एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को वोटकटवा जैसे कुछ शब्द कहे। अब ये शब्द राजनीतिक थे या निजी यह तो मुनव्वर और ओवैसी ही जानें। 

दगाबाज़ प्रेमी 

इन सब में सबसे पीड़ादायक यह है कि मुनव्वर जैसे लोग इमरान खान के चर्चित गाने ‘बेवफा-बेवफा’ में इमरान की प्रेमिका से भी 420% अधिक बेवफा साबित होते हैं। ये लोग केएलपीडी से भी भारी धोखा देते हैं। ये पहले घर छोड़ने, यूपी छोड़ने और देश छोड़ने जैसे वादे करते हैं बाद में उनसे मुकर जाते हैं।

फिर चाहें निखिल वागले का न्यूड पोल डान्स का वादा हो या केआरके का सेक्स चेंज कराने का। ये सभी लोग धोखा देने में युसेन बोल्ट से भी तेज़ साबित होते हैं। ये सभी नौटंकीबाज चुनावों से पहले देवदास बनकर यह छोड़ देने वह छोड़ देने की बातें करते हैं और चुनावों के बाद केवल शर्म और लाज का बंधन छोड़ कर पुनः अपने मनहूस मुँह समेत शरीर के हर छिद्र से केवल विष्ठा छोड़ते ही नज़र आते हैं।



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