सुरक्षा माँगने आए 19 की दुल्हन, 67 का दूल्हा: HC ने दिए 'जबरन विवाह' की संभावना की जाँच के आदेश

04 अगस्त, 2021
67 वर्ष के पुरुष की 19 वर्षीय लड़की से शादी के मामले पर उच्च न्यायालय सख्त (चित्र- Indian Express)

पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय के सामने सोमवार (2 अगस्त, 2021) को एक चौंकाने वाला मामला आया, जिसमें एक 19 वर्ष की लड़की और 67 वर्ष के आदमी ने यह दावा किया कि वो शादीशुदा हैं।

दरअसल सोमवार को पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय के समक्ष इस जोड़े द्वारा अपनी जान के खतरे को लेकर अर्ज़ी डाली गई। इसमें इन्होंने न्यायालय से आग्रह किया था कि उन्हें उनके रिश्तेदारों से जान का खतरा है और इस कारण उन्हें पलवल पुलिस द्वारा संरक्षण दिया जाए। उन्होंने अपने रिश्तेदारों पर यह आरोप भी लगाया था कि वे लोग उनके शांतिपूर्वक वैवाहिक जीवन में दखल दे रहे हैं।

जस्टिस जसगुरप्रीत सिंह समेत समस्त न्यायालय को यह मामला देखकर अचंभा हुआ क्योंकि याचिका दायर करने वाले वैवाहिक जोड़े की आयु के बीच लगभग 50 वर्षों का अंतर था।

न्यायालय द्वारा इस पर ध्यान दिया गया कि किन परिस्थितियों में इतनी छोटी आयु की लड़की ने इतने वरिष्ठ आदमी से शादी की। न्यायालय को यह भी शक था कि क्या इस 67 वर्षीय आदमी द्वारा पहले भी शादियाँ की गई हैं या नहीं?

ज़बरन विवाह की संभावना

न्यायालय ने इस मामले में यह भी कहा कि एक संभावना यह भी है कि लड़की की ज़बरन शादी कराई गई हो। इसी कारण इस मामले की SIT बनाकर जाँच आवश्यक है।

न्यायालय ने कहा कि सभी विशेष तथ्यों एवं परिस्थितियों को संदर्भ में लेते हुए इस मामले को पलवल के एसपी के हवाले किया जाता है। न्यायालय ने आदेश दिए कि पुलिस की एक टीम इस मामले में गंभीरता से जाँच करे और महिला पुलिस अधिकारी द्वारा याचिका दायर करने वाली 19 वर्षीय लड़की की सुरक्षा को सुनिश्चित करते हुए उससे पूछताछ की जाए।


न्यायालय द्वारा पलवल पुलिस को निर्देश दिया गया कि न केवल इस शादी, बल्कि 67 वर्षीय पुरुष की पुरानी पृष्ठभूमि की भी जाँच की जाए और लड़की को इलाके के मजिस्ट्रेट के सामने प्रस्तुत कर उसका बयान दर्ज किया जाए। न्यायालय ने कहा: 

“इलाके का मजिस्ट्रेट लड़की की स्वेच्छा का पता लगाने के बाद उसका बयान दर्ज करे एवं इसके उपरांत पलवल के एसपी भी स्वयं न्यायालय में हलफनामा दाखिल करेंगे।”

इसके साथ-साथ न्यायालय ने पलवल के एसपी को एक हफ्ते में पूरी जाँच-पड़ताल समाप्त करने के साथ ही लड़की को उचित सुरक्षा देने के भी निर्देश दिए। यह आदेश सुनाने के बाद मामले को 10 अगस्त, 2021 की तारीख देकर न्यायालय को स्थगित कर दिया गया।

बता दें कि देश के विभिन्न राज्यों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहाँ अधिकतर समुदाय विशेष के वरिष्ठ पुरुषों द्वारा नाबालिग बच्चियों या 20-21 साल की लड़कियों को ज़बरन या बहला-फुसलाकर शादी के लिए तैयार कर लिया जाता है।

कुछ समय पूर्व कश्मीर के श्रीनगर से ऐसा ही एक मामला सामने आया था। यहाँ दो सिख लड़कियों को मुस्लिम युवकों द्वारा बहला-फुसलाकर निकाह कर लिया गया था। 

इनमें से एक बच्चे की उम्र केवल 18 वर्ष थी, जिसका 47 वर्ष के आदमी से निकाह कराया गया और पंथ परिवर्तन भी करा दिया गया। डू-पॉलिटिक्स की टीम ने इस मामले में ग्राउंड रिपोर्टिंग की थी और कई ऐसे तथ्य सामने रखे थे जो राष्ट्रीय मीडिया द्वारा छिपाने का संपूर्ण प्रयास किया जा रहा था। 



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