कोरोना वायरस महामारी की पहली लहर के बीच एक अभिनेता अचानक चर्चा का विषय बन गए। उनका ट्विटर अकाउंट पहले प्रवासियों को घर भेजने की मदद करता देखा गया। फिर जैसे-जैसे कोरोना वायरस अपने रूप बदलता गया, बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद द्वारा सोशल मीडिया से लोगों मदद करने के तरीके भी नया-नया अवतार लेते नजर आए।
जब धीरे-धीरे सोनू सूद की मदद के तरीकों पर और उनसे मदद माँगने वालों पर लोगों ने ध्यान देना शुरू किया तो कहानी पर संदेह पैदा होने लगा। ख़ास बात यह नजर आई है कि जो लोग ट्विटर पर सोनू सूद से मदद माँगते देखे गए थे, आज या तो उनके ट्विटर अकाउंट गायब हो चुके हैं या फिर उनके ट्वीट डिलीट नजर आ रहे हैं।
इसी क्रम में ओडिशा के गंजम जिले के जिला अधिकारी के एक ट्वीट सोनू सूद की मदद कि पोल ट्विटर पर फ़ौरन खोल दी है।
दरअसल, ‘PradipB20877452’ नाम के एक ट्विटर अकाउंट ने 14 मई, 2021 को ट्विटर पर सोनू सूद को टैग करते हुए लिखा था, “सर मैंने बहुत कोशिश की लेकिन मुझे ना ही ब्रह्मपुर, ना ही भुवनेश्वर में एक बेड मिल पाया। कृपया मेरी पत्नी के लिए एक बिस्तर का इंतजाम कर दीजिए। उसकी स्थिति लगातार खराब हो रही है। मैं आपसे विनती कर रहा हूँ कृपया मेरी मदद करो। प्रदीप बेहरा, ओडिशा।”
इस ट्वीट के साथ ही इस ट्विटर अकाउंट द्वारा अपना मोबाइल अम्बर भी शेयर किया गया था।
15 मई, 2021 को सोनू सूद ने इस ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा, “घबराने की जरूरत नहीं है। गंजम शहर, बेरहामपुर (DCHC) में बिस्तर का इंतजाम हो गया है।”
इस प्रकरण को देखते हुए गंजम के जिला अधिकारी के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से 17 मई, 2021 को एक ट्वीट कर स्पष्ट किया कि उन्हें इस सम्बन्ध में सोनू सूद या फिर सोनू सूद फाउंडेशन की ओर से किसी भी प्रकार की सूचना प्राप्त नहीं हुई है। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि यह मरीज होम आइसोलेशन में है और उनकी हालत एकदम स्थिर है साथ ही, ब्रह्मपुर में बिस्तर की समस्या है ही नहीं।
गंजम जिलाधिकारी द्वारा किए गए इस ट्वीट के फ़ौरन बाद सोनू सूद को ट्वीट करने वाले अकाउंट ने अपना ट्वीट भी डिलीट कर दिया।
इस ट्वीट के बाद लोगों ने अपनी प्रतिक्रीया में कहा कि सोनू सूद द्वारा की जा रही ‘मानवता’ महज एक पब्लिसिटी स्टंट है। कुछ लोगों द्वारा वो सभी ट्वीट भी शेयर किए गए, जो सोनू सूद से मदद माँगने के बाद डिलीट हो चुके हैं।
हालाँकि, अपने पर लग रहे इन तमाम आरोपों के बाद सोनू सूद का कहना है कि लोगों की जान बचाना इस बारे में बात करने से ज्यादा जरूरी है।